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Spacecraft Designer : ‘अंतरिक्ष यान’ से भी भर सकते हैं करियर की उड़ान, पैसा भी भरपूर

Spacecraft DesignerSpacecraft Designer

Spacecraft Designer

  • गणित और अंतरिक्ष विज्ञान में रूचि है तो चमका सकते हैं किस्मत
  • गहरी तकनीकी समझ, रचनात्मकता और इंजीनियरिंग कौशल जरूरी
  • यह पेशा विभिन्न इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्रों का संयोजन

 

    डॉ. मोहित बंसल
(करियर कोच)डॉ. मोहित बंसल
    (करियर कोच)

Spacecraft Designer : आज के तकनीकी युग में अंतरिक्ष अन्वेषण लगातार नई दिशा लेता जा रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र में कई रोमांचक करियर विकल्प उभर कर सामने आ रहे हैं। यदि आप भी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं, इंजीनियरिंग, गणित और अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखते हैं, तो स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनर (अंतरिक्ष यान डिजाइनकर्ता) बनकर करियर की उड़ान भर सकते हैं। इस क्षेत्र में पैसे की भी कोई कमी नहीं है। यह आपके लिए एक अद्भुत, रोमांचक और चुनौतीपूर्ण करियर हो सकता है। स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनर वह पेशेवर होते हैं जो अंतरिक्ष यानों के डिजाइन और विकास में काम करते हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि यान अंतरिक्ष में यात्रा करने के लिए सुरक्षित, प्रभावी, और कुशल हों। इस पेशे में काम करने के लिए गहरी तकनीकी समझ, रचनात्मकता और इंजीनियरिंग कौशल की आवश्यकता होती है।

शिक्षा और प्रशिक्षण

स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनर बनने के लिए आपको उन्नत शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। यह पेशा विभिन्न इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्रों का संयोजन है, जिसमें एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, मेकैनिकल इंजीनियरिंग, और उपग्रह डिज़ाइन का ज्ञान शामिल है। आइए जानते हैं कि इस क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण के विकल्प क्या हैं:-

1. बैचलर डिग्री : स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनर बनने के लिए सबसे पहले आपको एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, मेकैनिकल इंजीनियरिंग, या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री प्राप्त करनी होती है। इन क्षेत्रों में बुनियादी तकनीकी कौशल प्राप्त करने से आपको अंतरिक्ष यान डिजाइन में महारत हासिल करने के लिए मजबूत आधार मिलेगा।

2. मास्टर डिग्री : एक उन्नत डिग्री जैसे कि एम.टेक इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, एम.एस. इन स्पेस साइंस, या एम.एस. इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग आपके कौशल को और अधिक विकसित करती है। इससे आप अंतरिक्ष यान के डिजाइन और विकास में गहरी विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।

3. डॉक्टरेट (पीएचडी) : यदि आप अंतरिक्ष यान के डिजाइन और अनुसंधान में और अधिक गहरी विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप पीएच.डी. भी कर सकते हैं। इससे आपको अधिक शोध और विकास के अवसर मिल सकते हैं, जो इस क्षेत्र में उच्चतम स्तर तक करियर बनाने में सहायक होगा।

इन संस्स्थानों से प्राप्त करें डिग्री

1. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), बेंगलुरु
कोर्स नाम: एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में शोध और प्रशिक्षण कार्यक्रम
2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई
कोर्स नाम: बी.टेक इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
3. अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (सास्त्र), तिरुवनंतपुरम
कोर्स नाम: एम.टेक इन स्पेस साइंस और प्रौद्योगिकी
4. एयरोस्पेस कॉलेज, दिल्ली
कोर्स नाम: बी.टेक इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
5. राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल
कोर्स नाम: बी.टेक इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
6. पुणे विश्वविद्यालय, पुणे
कोर्स नाम: एम.एससी इन स्पेस साइंस
7. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), पुणे
कोर्स नाम: एयरोस्पेस और सशस्त्र बलों इंजीनियरिंग
8. अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई
कोर्स नाम: एम.टेक इन एरोडायनामिक्स और स्पेस टेक्नोलॉजी
9. भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु
कोर्स नाम: एम.एस. इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग

इंटर्नशिप, अनुभव और प्रमाण पत्र

इस क्षेत्र में अनुभव और व्यावहारिक प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। आप अंतरिक्ष यान निर्माताओं या सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों जैसे इसरो, नासा, या स्पेसएक्स में इंटर्नशिप कर सकते हैं। इन इंटर्नशिप्स के दौरान आप डिजाइन और विकास प्रक्रिया को समझ सकते हैं और वास्तविक दुनिया में काम करने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय संस्थानों द्वारा स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइन में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं, जो आपके कौशल को प्रमाणित कर सकते हैं।

कौशल और योग्यता

1. इंजीनियरिंग और डिजाइन का गहरा ज्ञान
स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइन में इंजीनियरिंग के बुनियादी सिद्धांतों जैसे कि यांत्रिकी, एरोडायनामिक्स, और इलेक्ट्रॉनिक्स की अच्छी समझ होनी चाहिए।
2. सॉफ़्टवेयर और सीएडी कौशल
डिज़ाइन प्रक्रिया के लिए 3डी मॉडलिंग, कंप्यूटर-एडेड डिज़ाइन (सीएडी), और सिमुलेशन सॉफ़्टवेयर जैसे मैट्लैब, कैटिया, और सॉलिडवर्क्स का उपयोग किया जाता है। इन टूल्स का अच्छे से ज्ञान होना आवश्यक है।
3. रचनात्मकता और समस्या हल करने की क्षमता
स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनर को नवीनतम तकनीकों के साथ रचनात्मक रूप से सोचने और समस्याओं को हल करने की क्षमता होनी चाहिए, क्योंकि अंतरिक्ष यान डिजाइन करना एक जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य है।
4. विस्तृत विश्लेषणात्मक क्षमता
अंतरिक्ष यान के डिज़ाइन में किसी भी प्रकार के बदलाव या सुधार के परिणामों को समझने के लिए विश्लेषणात्मक कौशल महत्वपूर्ण है। आपको डिज़ाइन के हर पहलू का गहराई से अध्ययन करना होता है।
5. टीमवर्क और संचार कौशल
स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइन की प्रक्रिया एक टीम प्रयास होती है। आपको अपनी टीम के साथ प्रभावी रूप से संवाद करने और काम करने की क्षमता होनी चाहिए।

निजी क्षेत्र में करियर

स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनरों के लिए निजी क्षेत्र में कई रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। प्रमुख निजी कंपनियां जैसे स्पेसएक्स, ब्लू ओरिजिन, बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, एरियन्सपेस, नॉर्थरोप ग्रुम्मन, वर्जिन गैलेक्टिक, और रॉकेट लैब स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइन, निर्माण और अनुसंधान में विभिन्न अवसर प्रदान करती हैं। इन कंपनियों में स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनिंग, उपग्रह विकास, और अंतरिक्ष मिशन की योजना बनाने से संबंधित भूमिकाएं हो सकती हैं।

सरकारी क्षेत्र में करियर

भारत और दुनिया भर में विभिन्न सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियाँ भी स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनरों को नियुक्त करती हैं। भारत में इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन), डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन), आईएसएसी (इसरो उपग्रह केंद्र), आईएन-स्पेस (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रोत्साहन और प्राधिकरण केंद्र), आईएनसीओआईएस (भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र), इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रोत्साहन और प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) जैसे संगठन स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइन, परीक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में करियर के अवसर प्रदान करते हैं। इन संस्थाओं में आप अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए नवाचार और अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

वेतन और आय

  • स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनर के लिए वेतन विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे अनुभव, कंपनी और कार्य क्षेत्र।
  • भारत में फ्रेशर स्पेसक्राफ्ट डिज़ाइनर का वेतन लगभग 6,00,000 से 12,00,000 प्रति वर्ष हो सकता है, जबकि अधिक अनुभवी पेशेवरों का वेतन 15,00,000 से 30,00,000 प्रति वर्ष तक जा सकता है।
  • अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों में काम करने पर वेतन और लाभ और भी अधिक हो सकते हैं।

करियर काउंसलर की मदद लें

छात्र अपने लिए किसी भी तरह के कोर्स या पेशे को चुनने से पहले एक करियर काउंसलर की मदद एवं सलाह जरूर लें। करियर काऊंसलर आपको आपके विषयों की दिलचस्पी, कौशल और व्यक्तित्व के हिसाब से एक अच्छा कोर्स और पेशा चुनकर दे सकता है। इसके लिए आप वेबसाइट www.careerjaano.com पर विजिट कर सकते हैं।

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