AI
- टॉपिक नहीं बल्कि कोर्स के रूप में प्रारंभ किया जाएगा एनआईटी रायपुर में
- सीनेट की मंजूरी के बाद अगले शैक्षणिक सत्र से छात्र कर सकेंगे अध्ययन
- एक टॉपिक के रूप में नहीं बल्कि पृथक कोर्स के रूप में पढ़ेंगे
AI : रायपुर। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्र अब एआई और मशीन लर्निंग को किसी विषय के एक टॉपिक के रूप में नहीं बल्कि पृथक कोर्स के रूप में पढ़ेंगे। इसके लिए कोर्स ड्राफ्ट तैयार किए जाने से लेकर अन्य तरह की तैयारियां जारी है। इसे सीनेट की बैठक में रखा जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद कोर्स को छात्रों के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से उपलब्ध करा दिया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम को अधिक से अधिक समसामयिक बनाने और रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए उपयोगी बनाने पर फोकस किया गया है। वर्तमान में सभी क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग तेजी से बढ़ा है। प्राइवेट सेक्टर बड़े पैमाने पर इसका प्रयोग कर रहे हैं। इसे देखते हुए एनआईटी ने अपने छात्रों को इससे संबंधित पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने का फैसला किया है। एआई के साथ ही मशीन लर्निंग कोर्स का भी संचालन एनआईटी करेगा। एमएल अर्थात मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल लर्निंग का ही एक उपसमूह है। एआई के साथ एमएल का प्रयोग भी प्राइवेट सेक्टर में हो रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में इससे संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा इसमें रोजगार की संभावनाएं भी भविष्य में अधिक होंगी।
केवल प्रथम वर्ष में मिलती थी सुविधा
एनआईटी रायपुर में सभी वर्ष के विद्यार्थियों को योग अध्ययन की सुविधा दी जा रही है। पूर्व में केवल प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए ही योग की कक्षाएं संचालित होती थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति संबंधित ड्राफ्ट के बाद इसे सभी वर्ष के विद्यार्थियों के लिए खोल दिया गया है। अर्थात बीटेक व एमटेक में किसी भी वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थी योग का अध्ययन कर सकते हैं। एनईपी के अंतर्गत लाए गए प्रावधानों में से कई काे एनआईटी रायपुर पहले ही प्रयोग के रूप में प्रारंभ कर चुका है। अन्य चीजें भी अब यहां क्रमश: लागू की जा रही हैं।
समझेंगे-कैसे विकसित होती है आर्टिफिशियल चेतना
एआई के सभी पहलुओं के बारे में छात्रों को जानकारी दी जाएगी। इसमें आर्टिफिशियल कॉन्शियंस अर्थात चेतना भी शामिल है। एआई के तहत मशीन अथवा साॅफ्टवेयर में अपलोड की गई सूचना के आधार पर ही आउटपुट मिलता है। किस तरह से एआई इन चेतनाओं को ग्रहण करता है और इनके आधार पर किस तरह से मशीन द्वारा कार्य होता है, इसे आधार बनाते हुए कोर्स डिजाइन किया जाएगा अर्थात छात्रों को एआई संबद्ध मशीन लर्निंग व अन्य उपक्रमों की विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
https://vartahr.com/ai-engineering-s…now-for-everyone/