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- चुनाव आयोग की टीम के सामने राजनीतिक दलों ने उठाए आठ मुद्दे
Voting : चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय चुनाव आयोग (सीईसी) की टीम ने चंडीगढ़ में मंगलवार को कई फैसलों पर मुहर लगाई। सियासी दलों के प्रतिनिधियों की मांग को देखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने घर से वोट करने वाले बुजुर्गों के लिए 5 साल उम्र बढ़ाने का फैसला किया है। हरियाणा में यह पहली बार है जब 85 से ज्यादा उम्र से बुजुर्ग घर से ही वोट डाल सकेंगे। 40 फीसदी बेंचमार्क विकलांगता वालों को वोट का विकल्प दिया जाएगा। यदि कोई वोटर शारीरिक रूप से वोट डालने के लिए सक्षम नहीं है, तो उसके लिए वोटिंग के लिए जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी। दो दिनों तक चंडीगढ़ में चली बैठकों के दौरान आयोग की टीम ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर मुहर लगाई है। साथ ही यह संकेत भी दिए कि अब कभी भी चुनाव की डेट का ऐलान कर दिया जाएगा।
27 को प्रकाशित होगी अंतिम मतदाता सूची
बैठक में तय किया गया कि हरियाणा की अंतिम अंतिम मतदाता सूची 27 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी। इसकी एक प्रति सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को फ्री में दी जाएगी। आयोग ने मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद और पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के साथ भी बैठक कर व्यवस्था को लेकर विस्तार से चर्चा की है। डीजीपी को पुलिस के द्वारा पूरी चुनाव तैयारियों और कानून-व्यवस्था मामलों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) पंकज अग्रवाल के साथ डीईओ और एसपी ने आयोग के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी।
कुल 2.01 करोड़ मतदाता
सीईओ हरियाणा ने बताया कि 2 अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट इलेक्टोरल के अनुसार राज्य में चल रहे दूसरे एसएसआर के दौरान कुल 2.01 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं।
-इनमें 1.06 करोड़ पुरुष, 0.95 करोड़ महिला मतदाता हैं। 4.52 लाख से अधिक पहली बार मतदाता (18-19 वर्ष) वोट करेंगे। राज्य में 2.55 लाख 85+ वरिष्ठ नागरिक और 1.5 लाख दिव्यांग मतदाता पंजीकृत हैं। 10,000 से अधिक मतदाता 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।
-चुनाव आयोग की टीम में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू शामिल हैं और पूरे दल के साथ में वे सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे। चुनाव तैयारी की समीक्षा के दौरान के दौरान चुनाव आयोग की टीम ने आम आदमी पार्टी, भाजपा, सीपीआई , कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोक दल और जननायक जनता पार्टी जैसे राष्ट्रीय और राज्य दलों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।
राजनीतिक दलों ने उठाए ये मुद्दे
1. सरकार के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग
2. संवेदनशील मतदान केंद्रों पर पर्याप्त केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग
3. मतदाता सूची से मृत एवं स्थानांतरित मतदाताओं को हटाए जाने की मांग
4. मतदान केंद्रों के संबंध में बीच की दूरी कम करने का अनुरोध किया गया
5. मतदान केंद्रों और बुजुर्गों और महिला मतदाताओं के लिए सुविधाओं में सुधार
6. शहरी क्षेत्रों में मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार से मीटर से 50 मीटर तक की जाए
6. चुनाव पर्यवेक्षकों के समय पर न पहुंच पाने को लेकर भी चिंता जताई गई
7. वोटिंग के लिए घर जाने से पहले राजनीतिक दलों को सूचना दी जाए
8. उम्मीदवारों के लिए व्यय सीमा में वृद्धि का भी अनुरोध किया
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