Republic Day
- गणतंत्र दिवस समारोह : संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा भारत
- इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो मुख्य अतिथि
- इंडोनेशिया का मार्चिंग दस्ता और बैंड भी भारतीय सैनिकों के साथ करेगा कदमताल
- झांकियों में दिखेगी स्वर्ण भारत की विरासत और विकास की झलक
- राज्यों की 16 झांकियां कर्तव्य पथ पर बनेंगी आकर्षण का केंद्र
- केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों व संगठनों की 15 झांकियां भी प्रदर्शित होंगी
- गणतंत्र दिवस को लेकर सुरक्षा चाक चौबंद, अतिरिक्त बल तैनात
Republic Day : नई दिल्ली। भारत 76वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को कर्तव्य पथ पर अपनी सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करेगा। इस दौरान शक्ति, विरासत और विकास का प्रतीकात्मक संगम देखने को मिलेगा। राष्ट्र संविधान के लागू होने का ‘प्लेटिनम जुबली’ भी 26 जनवरी को मनाएगा। इस मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि होंगे। परेड में इंडोनेशिया का एक मार्चिंग दस्ता और बैंड का एक दल भी भारतीय सैनिकों के साथ कदमताल करेगा। सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति होंगे। इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में, भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस वर्ष समारोह का मुख्य विषय संविधान की 75वीं वर्षगांठ है, लेकिन झांकियों का विषय ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ है। रविवार को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की 15 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी।
ऐसी सैन्य शक्ति
देश अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन ब्रह्मोस, पिनाक और आकाश सहित कुछ अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन करेगा। साथ ही, सेना की युद्ध निगरानी प्रणाली ‘संजय’ और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल ‘प्रलय’ पहली बार परेड में शामिल की जाएंगी। टी-90 ‘भीष्म’ टैंक, सारथ (पैदल सेना ले जाने वाला वाहन बीएमपी-2), ‘शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ 10 मीटर, नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर सिस्टम ‘अग्निबाण’ और ‘बजरंग’ (हल्का विशिष्ट वाहन) भी परेड का हिस्सा होंगे। तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) की झांकी, जो सशस्त्र बलों के बीच ‘तालमेल’ को दर्शाएगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, झांकी में युद्ध के मैदान का परिदृश्य दिखाया जाएगा, जिसमें स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ थल, जल और वायु में समन्वित अभियान का प्रदर्शन किया जाएगा। तीनों सेनाओं की झांकी का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ होगा।
इसलिए भी खास 26 जनवरी
छब्बीस जनवरी का दिन इसलिए भी खास है कि संविधान के लागू होने के 75 साल पूरे हो रहे हैं। संविधान को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किया गया था। परेड से पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। परेड सुबह राष्ट्रीय सलामी के साथ शुरू होगी और 90 मिनट तक जारी रहेगी, जो भारत की विरासत और विकास यात्रा को दर्शाएगी।
इन राज्यों की झांकियां प्रदर्शित होंगी
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान जिन राज्यों की झांकियां प्रदर्शित होंगी, उनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार, झारखंड, गुजरात, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली और चंडीगढ़ शामिल हैं।