PMMODI
- रामेश्वरम में पीएम मोदी ने दी नए पंबन ब्रिज की सौगात
- 2.08 किमी लंबे ब्रिज की नींव 2019 में मोदी ने ही रखी
- प्रधानमंत्री ने एक ट्रेन और जहाज को भी हरी झंडी दिखाई
- पुल से आध्यात्मिक स्थल तक पहुंचने में सुविधा होगी
- यहां साल भर देश भर से श्रद्धालु आते रहते हैं
- भाषा विवाद के कारण स्टालिन कार्यक्रम से रहे अनुपस्थित
PMMODI : रामेश्वरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज (नए पंबन ब्रिज) का उद्घाटन किया। 2.08 किमी लंबे ब्रिज की नींव नवंबर 2019 में मोदी ने ही रखी थी। ब्रिज रामेश्वरम (पम्बन द्वीप) को भारत की मुख्य भूमि तमिलनाडु के मंडपम से जोड़ता है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसे डबल ट्रैक और हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए डिजाइन किया गया है। इस मौके पर पीएम ने नई रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने एक तटरक्षक पोत को भी हरी झंडी दिखाई जो पुल के नीचे से गुजरा। भाषा विवाद के कारण तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन कार्यक्रम में नहीं आए। उन्होंने परिसीमन के मुद्दे पर भी विरोध जताया। स्टालिन ने कहा कि उन्होंने पहले ही प्रधानमंत्री को पुल के उद्घाटन समारोह में भाग लेने में असमर्थता से अवगत करा दिया था, क्योंकि उनके पहले से ही आधिकारिक कार्यक्रम निर्धारित थे। मुख्यमंत्री रविवार को आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उधगमंडलम शहर में थे।
ऐसा है पंबन ब्रिज
-पुल से इस आध्यात्मिक स्थल तक पहुंचने में सुविधा होगी, जहां साल भर देश भर से श्रद्धालु आते हैं।
-550 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित।
-यह भारत का पहला ‘वर्टिकल सी-लिफ्ट’ पुल है।
-2.08 किलोमीटर लंबे इस पुल में 99 ‘स्पैन’ हैं।
-72.5 मीटर लंबा ‘वर्टिकल लिफ्ट स्पैन’ भी लगा है।
-17 मीटर तक 5 मिनट में पुल को उठाया जा सकता है।
-बड़े जहाजों का सुगम आवागमन और निर्बाध ट्रेन संचालन हो सकेगा।
-पुल में स्टेनलेस स्टील और उच्च श्रेणी के पेंट का इस्तेमाल किया गया।
-पुल में पूरी तरह वेल्डिंग किए जोड़ हैं, जिससे पुल के रखरखाव की आवश्यकताएं कम होंगी और मजबूती बढ़ेगी।
-नींव 333 ‘पाइल’ और 101 ‘पियर/पाइल कैप’ पर टिकी है तथा इसे दोहरी रेल पटरियों और भविष्य के विस्तार को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
-‘पॉलीसिलोक्सेन’ पेंट का उपयोग इसे जंग से बचाता है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में पुल की दीर्घावधि सुनिश्चित होगी।
रामेश्वरम से चलेंगी ट्रेन
दक्षिण रेलवे ने घोषणा की है कि नए पुल के चालू हो जाने के बाद अब चुनिंदा मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम से चलेंगी और वहीं वापस लौटेंगी। अधिकारियों के अनुसार, मंडपम रेलवे स्टेशन (भूमि क्षेत्र) और रामेश्वरम द्वीप के बीच नए रेलवे समुद्री पुल न केवल पुराने पंबन पुल की जगह ली है, बल्कि यह भारत की इंजीनियरिंग क्षमताओं में एक हुई जबरदस्त प्रगति को भी दर्शाता है।
धनुषकोडी से शुरू हुआ था रामसेतु का निर्माण
रामायण के अनुसार, रामसेतु का निर्माण रामेश्वरम के पास धनुषकोडी से शुरू हुआ था। इस वजह से ये आस्था के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में 8300 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत के विभिन्न रेल और सड़क प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
जहाज गुजरेगा तब ऊपर उठेगा
नया पंबन ब्रिज 100 स्पैन यानी हिस्सों से मिलकर बनाया है। जब समुद्री जहाज को निकलना होता है तो इस नेविगेशन ब्रिज (समुद्री जहाजों के लिए खुलने वाले ब्रिज) का सेंटर स्पैन (बीच वाला हिस्सा) ऊपर उठ जाता है। यह इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम पर काम करता है। इस वजह से इसका सेंटर स्पैन सिर्फ 5 मिनट में 22 मीटर तक ऊपर उठ सकता है। इसके लिए सिर्फ एक आदमी की जरूरत होगी। वहीं, पुराना पुल कैंटिलीवर पुल था। इसे लीवर के जरिए मैन्युअली खोला जाता था, जिसमें 14 लोगों की जरूरत होती थी।