Mossam
- मौसम विज्ञान का उद्देश्य मौसम की भविष्यवाणी करना और जलवायु संबंधी घटनाओं को समझना
- हवा, तापमान, आर्द्रता, वायुदाब, वर्षा, बर्फबारी और तूफान जैसी घटनाओं की चेतावनी देना
- कृषि, हवाई यातायात, और नौवहन में बेहतर योजना बनाते हैं मौसम वैज्ञानिक
- 50,000 से 300,000 रुपये तक हो सकता है मासिक वेतन
- आगे बढ़ने के मौके, निजी और सरकारी क्षेत्र में अवसर
डॉ. मोहित बंसल
(करियर कोच)
Mossam : वायुमंडल प्रेमी हैं तो बन जाएं मौसम वैज्ञानिक, मिलते हैं बढ़िया मौकेअगर आप भी वायुमंडल प्रेमी हैं तो मौसम वैज्ञानिक बनकर अपने करियर को चमका सकते हैं। इसमें आपको कमाई के बढ़िया मौके मिलते हैं। जो छात्र वायुमंडल मसलन हवा, तापमान, आर्द्रता, वायुदाब, वर्षा, बर्फबारी और तूफान जैसी विभिन्न मौसमी घटनाओं के बारे में हमेशा जानने के इच्छुक रहते हैं उन छात्रों के लिए मौसम वैज्ञानिक से अच्छा कोई और करियर विकल्प हो ही नहीं सकता। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि मौसम विज्ञान आखिर होता क्या है और कौन होता है मौसम वैज्ञानिक। इसके क्या लाभ हैं और आप कहां से पढ़ाई कर मौसम वैज्ञानिक बन सकते हैं। मौसम विज्ञान वह विज्ञान है जो वायुमंडल, मौसम और जलवायु का अध्ययन करता है। इसमें विभिन्न मौसमी घटनाओं जैसे तापमान, वायुदाब, हवा, आर्द्रता, वर्षा, तूफान, और अन्य मौसमी परिवर्तनों का विश्लेषण किया जाता है। मौसम विज्ञान का मुख्य उद्देश्य मौसम की भविष्यवाणी करना और जलवायु संबंधी घटनाओं को समझना है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित चेतावनी दी जा सके और समय रहते विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, हवाई यातायात, और नौवहन में बेहतर योजना बनाई जा सके। ये सभी काम एक मौसम वैज्ञानिक ही कर सकता है।
तकनीकों का उपयोग
मौसम वैज्ञानिक विभिन्न उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करते हैं, जैसे सैटेलाइट इमेजरी, रडार और कंप्यूटर मॉडलिंग, ताकि वे मौसम की सटीक भविष्यवाणी कर सकें और प्राकृतिक आपदाओं जैसे चक्रवात, बाढ़ या सूखे से संबंधित चेतावनी दे सकें।
शिक्षा और प्रशिक्षण
- भारत में मौसम वैज्ञानिक बनने के लिए एक 12वीं कक्षा पास करनी जरूरी है। जिसमें मुख्य विषयों के रूप में विज्ञान (फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित) होना चाहिए।
- इसके बाद मौसम विज्ञान, भौतिकी, गणित, भूविज्ञान, या पर्यावरण विज्ञान में स्नातक डिग्री (बीएससी) प्राप्त करनी होगी। इंजीनियरिंग (विशेष रूप से सिविल या इलेक्ट्रॉनिक्स) की डिग्री भी उपयोगी हो सकती है।
-इसके बाद मौसम विज्ञान या संबंधित क्षेत्रों में मास्टर डिग्री जैसे एमएससी मौसम विज्ञान, एमटेक इन एटमॉस्फेरिक साइंस या फिर एम्एससी इन क्लाइमेटोलॉजी होना जरूरी है। यदि आप अनुसंधान या शिक्षण के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो पीएचडी करें।
प्रवेश परीक्षाएं
भारतीय मौसम विभाग और अन्य संस्थानों में वैज्ञानिक पदों के लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जैसे कि यूपीएससी द्वारा आयोजित भारतीय मौसम सेवा परीक्षा। इन योग्यताओं को पूरा करने के बाद आप भारतीय मौसम विभाग, अनुसंधान संस्थानों, या शैक्षणिक संस्थानों में मौसम वैज्ञानिक के रूप में काम कर सकते हैं।
यहां से लें शिक्षा
भारत में मौसम विज्ञान और संबंधित क्षेत्रों में पाठ्यक्रमों के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं जहां से आप शिक्षा पूरी कर सकते हैं। कुछ प्रमुख संस्थानों की सूची इस प्रकार है।
1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)
कोर्स : एमटेक इन एटमॉस्फेरिक साइंसेज
2. भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस), बैंगलोर
कोर्स : एमएससी इन एटमोस्फियरिक एंड ओशनिक साइंसेज
3. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग
कोर्स : यह विभाग नियमित रूप से वायुमंडलीय विज्ञान और मौसम विज्ञान में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है, जो नौकरी के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए भी उपयोगी हैं।
4. पुणे विश्वविद्यालय
कोर्स : एमएससी और पीएचडी इन एटमोस्फियरिक साइंसेज एंड मटेरिओलॉजी
5. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
कोर्स : भूविज्ञान और पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा मौसम विज्ञान और संबंधित क्षेत्रों में पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।
6. आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम
कोर्स : यह विश्वविद्यालय वायुमंडलीय विज्ञान और मौसम विज्ञान में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
7. कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कोच्चि
कोर्स : इस विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान और महासागरीय विज्ञान के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।
8. राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा संस्थान (एनआईटी)
कोर्स : कुछ एनआईटी, जैसे एनआईटी राउरकेला, वायुमंडलीय और महासागरीय विज्ञान में स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करते हैं।
9. अलिगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
कोर्स : एमएससी इन अर्थ साइंसेज एंड मटेरिओलॉजी
यह जरूरी
इन संस्थानों में प्रवेश के लिए आपके पास संबंधित क्षेत्र में स्नातक डिग्री होनी चाहिए। प्रवेश परीक्षा या मेरिट के आधार पर चयन होता है। इन संस्थानों के कोर्स की पात्रता, अवधि, और विशेषताएं अलग-अलग हो सकती हैं। इन संस्थानों के ऑफिसियल वेबसाइटों पर जाकर या सीधे संपर्क करके आप अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कौशल एवं योग्यता
- 1. तकनीकी और गणितीय कौशल : मौसम विज्ञान में गणित और भौतिकी का व्यापक उपयोग होता है, इसलिए गणितीय समीकरणों और भौतिकी की अवधारणाओं को समझना आवश्यक है। डेटा विश्लेषण और सांख्यिकी में अच्छी समझ होनी चाहिए, क्योंकि मौसम डेटा का विश्लेषण और व्याख्या करने की आवश्यकता होती है।
- 2. कंप्यूटर और मॉडलिंग कौशल : मौसम की भविष्यवाणी के लिए कंप्यूटर मॉडल और सिमुलेशन का उपयोग किया जाता है, इसलिए कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और सॉफ्टवेयर जैसे MATLAB, Python, या R की जानकारी होना फायदेमंद है। सैटेलाइट इमेजरी, रडार डेटा और अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग करने की क्षमता होनी चाहिए।
- 3. डेटा विश्लेषण और अनुसंधान कौशल : मौसम वैज्ञानिकों को बड़े पैमाने पर डेटा का विश्लेषण करने और उसमें से उपयोगी जानकारी निकालने की क्षमता होनी चाहिए। अनुसंधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण और विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण करना जरूरी है।
- 4. समस्या-समाधान कौशल : मौसम वैज्ञानिकों को विभिन्न मौसमी घटनाओं की जटिलता को समझकर समस्याओं का समाधान निकालना पड़ता है। प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी और उनके प्रभाव को कम करने के लिए त्वरित निर्णय लेना महत्वपूर्ण होता है।
- 5. संचार कौशल : मौसम की जानकारी को सटीक और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने की क्षमता होनी चाहिए, ताकि आम जनता, सरकारी एजेंसियों, या मीडिया के लिए इसे समझना आसान हो। लिखित और मौखिक रूप से अपनी बात को प्रस्तुत करने की कला होनी चाहिए, खासकर आपातकालीन परिस्थितियों में।
- 6. ध्यान और अवलोकन कौशल : मौसम की छोटी-छोटी घटनाओं का अवलोकन करने और उनके पैटर्न को पहचानने की क्षमता होनी चाहिए। पर्यावरणीय परिवर्तनों पर बारीकी से नजर रखना महत्वपूर्ण है।
- 7. टीमवर्क और सहयोग : मौसम वैज्ञानिक अक्सर विभिन्न विभागों और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करते हैं, इसलिए टीम में काम करने की क्षमता होनी चाहिए। सहयोगात्मक माहौल में विचारों का आदान-प्रदान करने की कुशलता होनी चाहिए।
निजी क्षेत्र में करियर
- मौसम विज्ञान में निजी क्षेत्र में कई संभावनाएं और जॉब प्रोफाइल्स उपलब्ध हैं। कुछ प्रमुख प्रोफाइल्स जैसे एप्लाइड मेट्रोलॉजिस्ट, क्लाइमेटोलॉजिस्ट, वेदर फोरकास्टर, एनवायरनमेंटल कंसल्टेंट, एविएशन मेट्रोलॉजिस्ट, रेन्यूएबल एनर्जी एनालिस्ट, बीमा और जोखिम प्रबंधन विशेषज्ञ, डेटा साइंटिस्ट या एनालिस्ट, मरीन मेट्रोलॉजिस्ट और प्राइवेट वेदर सर्विस प्रोवाइडर्स हैं।
- ये प्रोफाइल मौसम वैज्ञानिकों को विविध भूमिकाओं में काम करने का अवसर प्रदान करती हैं, जहां उनकी विशेषज्ञता का विभिन्न उद्योगों में महत्वपूर्ण योगदान होता है। कुछ निजी कंपनियां जैसे स्कीमेट वेअथेर सर्विसेज, वेदर कंपनी, एक्यू वेदर, क्लिमकेल, विंड वर्ल्ड इंडिया, सूत्रों इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, रेसुरगेरे माइंस एंड मिनरल्स इंडिया लिमिटेड, एमबी और मैप माय इंडिया हैं।
सरकारी क्षेत्र में करियर
सरकारी क्षेत्र में फ्रेशर मौसम वैज्ञानिक के लिए उपरोक्त लिखित प्रोफाइल्स उपलब्ध हैं। कुछ सरकारी विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग, जल संसाधन मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भौगोलिक सर्वेक्षण भारत, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, राज्य सरकारों के मौसम विभाग और नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन हैं। इन संस्थानों में भर्ती के लिए विभिन्न परीक्षाएं और चयन प्रक्रिया होती हैं, जिनमें आप भाग ले सकते हैं।
वेतन और ग्रोथ
मौसम वैज्ञानिक को मासिक वेतन लगभग 50,000 से 100,000 तक हो सकता है। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद, मौसम वैज्ञानिक का मासिक वेतन 100,000 से 150,000 तक हो सकता है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक, जिनके पास 10 से अधिक वर्षों का अनुभव है, का मासिक वेतन 150,000 से 300,000 रुपये या उससे अधिक भी हो सकता है।
करियर काउंसलर से लें सुझाव
अपने लिए किसी भी तरह के कोर्स या पेशे को चुनने से पहले आपको एक करियर काउंसलर की मदद एवं सलाह जरूर लेनी चाहिये, ताकि करियर काऊंसलर आपको आपके विषयों की दिलचस्पी, कौशल और व्यक्तित्व के हिसाब से एक अच्छा कोर्स और पेशा चुनकर दे सके। इसके लिए आप वेबसाइट www.careerjaano.com पर भी विजिट कर सकते है।
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