Career
- गणित एवं पूर्वानुमान में ज्ञान रखने वाले युवाओं के लिए बेहतर ऑप्प्शन
- एक्चुरी बेहद दिलचस्प पेशा, शौक पूरा करने के साथ कमा सकते हैं अच्छा पैसा
- इस पेशे में गणना, सांख्यिकी, और वित्तीय जोखिमों का विश्लेषण करना होता है
- संगणक का कार्य जोखिम प्रबंधन और निवेश विश्लेषण से है, जैसे बीमा और पेंशन क्षेत्र
Career : जो छात्र गणित एवं पूर्वानुमान में अच्छा ज्ञान रखते हैं और आने वाले वित्तीय भविष्य की अच्छी परख रखते हैं तो उनके लिए एक्चुरी का पेशा बेहद दिलचस्प हो सकता है। इस पेशे में जहां एक तरफ छात्रों युवाओं का शौक पूरा होता है वहीं, कम्पटीशन के चलते अच्छे पैसे कमाने का भी मौका मिलता है। एक्चुरी को हिंदी में संगणक या वित्तीय जोखिम विशेषज्ञ भी कहा जाता है। एक्चुरी का कार्य मुख्य रूप से गणना, सांख्यिकी, और वित्तीय जोखिमों के विश्लेषण से संबंधित होता है। यह एक विशेष प्रकार का पेशा है, जो बीमा, पेंशन, निवेश, और वित्तीय जोखिम प्रबंधन में काम करता है। एक संगणक का मुख्य उद्देश्य भविष्य के संभावित जोखिमों का अनुमान, निवेश और वित्तीय निर्णयों की सलाह, बीमा दरों का निर्धारण, पेंशन योजनाओं का मूल्यांकन और उनके वित्तीय प्रभाव का मूल्यांकन करना होता है। यह पेशा चार्टर्ड अकाउंटेंट यानी सीए से बेहद अलग तरह का होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का मुख्य कार्य वित्तीय रिपोर्टिंग, कराधान और लेखा-जोखा होता है। वे वित्तीय विवरण तैयार करते हैं और करों के बारे में सलाह देते हैं। वहीं, संगणक का कार्य जोखिम प्रबंधन और निवेश विश्लेषण में है, विशेषकर बीमा और पेंशन क्षेत्रों में। संगणक वित्तीय जोखिमों के पूर्वानुमान के लिए सांख्यिकीय मॉडल्स का उपयोग करते हैं, जबकि चार्टर्ड अकाउंटेंट वित्तीय रिपोर्ट और लेखा की स्थिति की समीक्षा करते हैं। इसी तरह से एक वित्तीय विश्लेषक कंपनियों, परियोजनाओं, और निवेशों के वित्तीय प्रदर्शन का विश्लेषण करते हैं। उनका ध्यान अधिकतर कंपनियों के लाभ और निवेश के रिटर्न पर होता है। जबकि संगणक वित्तीय जोखिमों का विश्लेषण करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि बीमा और पेंशन कंपनियों के पास भविष्य के दावों और भुगतान के लिए पर्याप्त धन है।
शिक्षा और प्रशिक्षण
एक्चुरी बनने के लिए कुछ विशेष शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। भारत में एक्चुरी बनने के लिए बैचलर डिग्री के कुछ प्रमुख पाठ्यक्रम हैं जो इस क्षेत्र में करियर बनाने में मदद करते हैं। एक्चुरी में करियर बनाने के लिए विशेष रूप से गणित, सांख्यिकी, और वित्त से संबंधित ज्ञान की आवश्यकता होती है, और इन्हीं क्षेत्रों में विभिन्न बैचलर डिग्री प्रोग्राम्स छात्रों को प्रशिक्षित करते हैं। भारत में एक्चुरी का कोर्स करने के लिए कुछ प्रतिष्ठित संस्थान हैं।
ये कुछ कुछ प्रमुख संस्थान और पाठ्यक्रम
1. बी.एससी. एक्चुरियल साइंस
संस्थान: मुंबई विश्वविद्यालय, क्राइस्ट विश्वविद्यालय और सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज
2. बी.एससी. गणित
संस्थान: दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय
3. बी.स्टैट
संस्थान: इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट
4. बी.कॉम ऐक्ट्यूरियल साइंस
संस्थान: क्राइस्ट विश्वविद्यालय और सिंबायोसिस विश्वविद्यालय
5. बीबीए ऐक्ट्यूरियल साइंस/इंश्योरेंस
संस्थान: ऐमिटी विश्वविद्यालय और सिंबायोसिस विश्वविद्यालय
प्रमाण पत्र एवं अनुभव
भारत में एक्चुरी बनने के लिए आपको इंस्टिट्यूट ऑफ़ एक्चुरीस ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित परीक्षाएं पास करनी होती हैं। इन परीक्षाओं में फाउंडेशन, इंटरमीडिएट, और फ़ेलोशिप स्तर होते हैं। एक्चुरी की परीक्षा पास करने के बाद, आपको इंस्टिट्यूट ऑफ़ एक्चुरीस ऑफ़ इंडिया से प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। इसके अलावा, यदि आप अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करना चाहते हैं, तो आप सोसाइटी ऑफ़ एक्चुरीस या इंस्टिट्यूट एंड फैकल्टी ऑफ़ एक्चुरीस से भी प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा बीमा कंपनियों, पेंशन फंड्स, या एक्चुरियल कंसल्टिंग फर्म्स में इंटर्नशिप करना आपके लिए व्यावसायिक अनुभव प्राप्त करने का अच्छा तरीका है।
कौशल एवं योग्यता
1. गणित और सांख्यिकी की मजबूत समझ: एक्चुरी को गणित, सांख्यिकी, और प्रोबेबिलिटी थ्योरी की गहरी समझ होनी चाहिए। इन्हें जटिल गणना और डेटा विश्लेषण में महारत हासिल होनी चाहिए।
2. वित्तीय समझ: एक्चुरी को वित्तीय बाजारों, निवेश रणनीतियों, और वित्तीय उत्पादों (जैसे बीमा, पेंशन योजनाएं) के बारे में अच्छा ज्ञान होना चाहिए। इसके साथ साथ बीमा प्रोडक्ट्स और पेंशन योजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए वित्तीय सिद्धांतों की गहरी समझ होनी चाहिए।
3. प्रॉब्लम सॉल्विंग और विश्लेषणात्मक सोच: एक्चुरी को जटिल समस्याओं को सुलझाने के लिए विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने की क्षमता होनी चाहिए। उन्हें उपलब्ध डेटा और सूचनाओं से सही निष्कर्ष निकालने के लिए सोचने की शक्ति चाहिए।
4. डेटा विश्लेषण और सॉफ़्टवेयर कौशल: डेटा विश्लेषण में एक्सेल, R, SAS, Python जैसे टूल्स का ज्ञान होना चाहिए।
5. संचार कौशल: एक एक्चुरी को अपनी जटिल गणनाओं और विश्लेषणों को आसानी से और स्पष्ट रूप से अन्य टीमों और ग्राहकों को समझाना आना चाहिए। इसके अलावा, रिपोर्ट लिखने और प्रस्तुतियाँ देने की क्षमता भी महत्वपूर्ण होती है, ताकि वे अपने विश्लेषण को सटीक रूप से प्रस्तुत कर सकें।
6. विवेक और निर्णय लेने की क्षमता: एक्चुरी को निर्णय लेने में विवेक का इस्तेमाल करना आता होना चाहिए, क्योंकि वे बीमा पॉलिसी, पेंशन योजना, या अन्य वित्तीय उत्पादों के जोखिमों और लाभों का मूल्यांकन करते हैं।
7. संगठनात्मक और समय प्रबंधन कौशल: एक्चुरी को समय प्रबंधन में कुशल होना चाहिए, क्योंकि उन्हें कई प्रोजेक्ट्स पर एक साथ काम करना होता है और उनके पास समय की सीमा होती है।
8. वित्तीय और कानूनी अनुपालन: एक्चुरी को विभिन्न कानूनों, नियमों और विनियमों का ज्ञान होना चाहिए, जो बीमा उद्योग और वित्तीय क्षेत्र को प्रभावित करते हैं।
इन कौशलों का संयोजन एक एक्चुरी को अपने करियर में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
निजी क्षेत्र में करियर
निजी क्षेत्र में एक एक्चुरी के लिए करियर विकल्प कई प्रकार के हो सकते हैं। ये विकल्प बीमा एक्चुरी, पेंशन और रिटायरमेंट फंड एक्चुरी, फाइनेंशियल सेवाओं में एक्चुरी, कंसल्टिंग एक्चुरी, कृषि और प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम विश्लेषक, डेटा साइंटिस्ट और एनालिस्ट, रिजर्व मैनेजर, क्लेम्स और लॉस रिजर्व एक्जामिनर है। इन भूमिकाओं के लिए आवश्यक कौशल, अनुभव और शिक्षा की आवश्यकता होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने लक्ष्यों के अनुसार तैयारी करें। इन सभी विकल्पों के लिए आप कुछ बड़ी निजी कंपनियां जैसे एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, सन लाइफ, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल, एक्सेंचर, डेलॉयट, केपीएमजी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, जीरोधा, पोलिसीबाज़ार और इन्फोसिस में एक फ्रेशर की तरह आवेदन दे सकते हैं।
सरकारी क्षेत्र में करियर
भारत में सरकारी क्षेत्र में एक्चुरी के लिए भी कई अवसर होते हैं, खासकर बीमा, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के क्षेत्रों में। सरकारी कंपनियों और संस्थाओं में एक्चुरी की भूमिका अक्सर महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इनका काम वित्तीय जोखिम, पेंशन योजनाओं, बीमा पॉलिसी और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का मूल्यांकन और प्रबंधन करना होता है। ये विकल्प जीवन बीमा निगम, पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी, भारतीय रेलवे, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण और भारतीय रिजर्व बैंक है I इन सरकारी संस्थानों में नौकरी के लिए आमतौर पर प्रतियोगी परीक्षाएँ और साक्षात्कार होते हैं, इसलिए उचित तैयारी करना महत्वपूर्ण है।
वेतन एवं आय
निजी क्षेत्र में एक एक्चुरी का वेतन और आय कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि अनुभव, कार्यस्थल का स्थान, संस्थान का प्रकार, और उनकी विशेषज्ञता। शुरुआती स्तर पर एक नए एक्चुरी, जिन्होंने अभी-अभी अपनी विशेषज्ञता पूरी की है, का मासिक वेतन लगभग 40,000 से 70,000 रुपये तक हो सकता है। वहीं, कुछ वर्षों के अनुभव के बाद, एक्चुरी का मासिक वेतन 70,000 से 100,000 रुपये तक हो सकता है। वरिष्ठ एक्चुरी, जिनके पास 10 से अधिक वर्षों का अनुभव है, का मासिक वेतन 100,000 से 150,000 रुपये या उससे अधिक भी हो सकता है।
करियर काउंसलर ये लें सलाह
अपने लिए किसी भी तरह के कोर्स या पेशे को चुनने से पहले आपको एक करियर काउंसलर की मदद एवं सलाह जरूर लेनी चाहिये, ताकि करियर काऊंसलर आपको आपके विषयो की दिलचस्पी, कौशल और व्यक्तित्व के हिसाब से एक अच्छा कोर्स और पेशा चुनकर दे सकेI इसके लिए आप निष्पक्ष वेबसाइट www.careerjaano.com पर विजिट कर सकते है ।
https://vartahr.com/career-give-wing…oming-an-actuary/