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Chunav : महाराष्ट्र चुनाव : दलों में नहीं थम रही खींचतान, नामांकन की समय सीमा खत्म होने के बाद भी विवाद

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव।महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव।

Chunav :

  • भाजपा गठबंधन के 4, कांग्रेस गठबंधन के 11 प्रत्याशियों की घोषणा पर अब भी किंतु-परंतु

Chunav : नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गठबंधन की गांठें दोनों तरफ खुलने का नाम नहीं ले रहीं। लगभग दर्जन भर सीटों पर भाजपा, शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राकांपा के बीच कितनी किसको, इस पर फार्मूला नहीं तय होने से सभी ने अपने अपने उम्मीदवारों को फार्म भरने को कह दिया। हालात ये हो गये कि अजित पवार के खास माने जाने वाले पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने मनखुड विधानसभा से दो फार्म भर दिये हैं एक निर्दलीय की हैसियत से दूसरी अजित पवार की राकांपा के प्रत्याशी के बतौर। जब कि भाजपा नेतृत्व भ्रष्टाचार के उनके केस की वजह से गठबंधन का उम्मीदवार नहीं बनाने की हिदायत अजित पवार को दी थी। खींचातानी में हालात ये हो गये कि चुनाव के लिए नामांकन की समय सीमा खत्म होने के बाद भी प्रत्याशी कई सीटों पर दोनों गठबंधनों के अब तक क्लियर नहीं हैं। भाजपा, राकांपा, शिंदे शिवसेना की महायुति अब तक 4 सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर पायी है वहीं कांग्रेस, उद्धव की शिवसेना और शरद पवार की राकांपा के हिस्से 11 सीटों पर औपचारिक घोषणा बाकी है। अभी तक भाजपा ने 152, अजित पवार की राकांपा से 52, शिंदे की शिवसेना के 80 प्रत्याशियों की घोषणा 288 की विधानसभा चुनाव के लिए कर दी गई है। जब कि कांग्रेस की ओर से 103, उद्धव की शिवसेना की ओर से 87 और शरद पवार की राकांपा ने 87 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।

शरद पवार ने ये भी साफ किया

शरद पवार ने ये भी साफ कर दिया कि 87 का आंकडा उनकी तरफ से अंतिम है। जाहिर है अब जो फैसला शेष 11 सीटों के लिए होना है वो उद्धव की शिवसेना और कांग्रेस के बीच होना है। इसमें सबसे बडा पेंच ये है कि कुछ सीटें सपा को देना है या नहीं? उप्र में सभी 9 सीटों पर हो रहे उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी ने एक भी प्रत्याशी नहीं उतारे जब कि प्रदेश कांग्रेस की तरफ से 5 सीटों की तैयारी थी उसी की एवज में शीर्ष कांग्रेस का नेतृत्व सपा प्रमुख अखिलेश यादव से महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस को साथ देने की मांग परदे के पीछे कर रहे हैं।

राहुल गांधी भी नाराज

सीट शेयरिंग को लेकर महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस पार्टी में असंतोष की स्थिति है। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी भी इस बात से नाराज है कि साथी दलों के साथ कांग्रेस पार्टी उचित टिकट की हिस्सेदारी हासिल नहीं कर सकी। यही बात मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड ने खुलेआम कहा। उन्होंने कहा, मुंबई की 36 सीटों में से कांग्रेस पार्टी लोकसभा में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर 18 सीटों की मांग रखी थी मगर शिवसेना के दबाव में 10 सीटों पर ही हामी भर दी, जो कतई उचित नहीं। जब कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना का कहना है कि मुंबई की 6 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारे थे जिसमें 2 पर विजय हासिल हुई उस के हिसाब से 10 विधानसभा सीटों की हिस्सेदारी पर्याप्त दी गइ्र है। हरियाणा के बाद महाराष्ट्र जीतने की उम्मीद पाले विपक्षी दलों ने पूरी ताकत झोंकी हुई लेकिन कार्यकर्ताओं और नेताओं में टिकट बंटवारे से उत्पन्न हुई असमंजस की स्थिति से मायूसी छायी हुई है। विपक्षी गठबंधन से बहुत बेहतर ढंग से टिकट बंटवारे के मुद्दे पर आपसी खींचतान को नियंत्रित करने में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सफल रहा है।

 

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