Haryana
- धुएं और शोर से पर्यावरण को बचाने में विफल रहा प्रशासन
- बम-पटाखों के शोर से रातभर गूंजता रहा आसमान
- दिवाली के बाद हरियाणा-दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में छाई धुंध
- हवा में घुला बारूद, प्रदूषण का स्तर 350 के पार पहुंचा
- देश के सबसे प्रदूषित शहरों में 10 यूपी के
Haryana : बहादुरगढ़। दीपावली के मौके पर पटाखों पर प्रतिबंध (बैन)के बावजूद लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। देर रात तक आसमान बम-पटाखों कीआवाज से गूंजता रहा। एनजीटी और सरकार के आदेशों को धता बताते हुए इस बार खुलेआम भारी संख्या में पटाखों की बिक्री हुई। पूरी प्रशासनिक व्यवस्था की निष्क्रियता मानव, समाज और पर्यावरण पर भारी पड़ी। दीपावली के अगले दिन यानी शुक्रवार को हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर(एक्यूआई) 350 के स्तर को पार कर गया कई स्थानों पर तो एक्यूआई 400 से अधिक दर्ज किया गया। लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई। हालांकि तेज हवा चलने से कुछ राहत जरूर मिली। 1 नवबंर को सुबह करीब 6 बजे दिल्ली में एक्यूआई 391 दर्ज किया गया। देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो इनमें हरियाणा, दिल्ली और यूपी के कई शहर रहे। सबसे ज्यादा प्रदूषण फतेहाबाद में 402 एक्यूआई दर्ज किया गया। दिल्ली में दीपावली के दिन शाम 5 बजे रियल टाइम एक्यूआई 186 रिकॉर्ड किया गया था। यानी 10-12 घंटों में ही हवा सामान्य से बेहद खराब कैटेगिरी में चली गई।
बहादुरगढ़ में ये हाल
बुधवार 30 अक्टूबर को सुबह 7 बजे बहादुरगढ़ में एक्यूआई 176 था। लेकिन रात 11 बजे यह 228 तक पहुंच गया। दीपावली की सुबह 6 बजे एक्यूआई बढ़कर 285, सुबह 10 बजे यह 305 और दोपहर 2 बजे एक्यूआई 326 हो गया था। हालांकि शाम होते होते हवा की गति बढ़ गई। जिससे एक्यूआई में गिरावट दर्ज हुई। शाम 7 बजे एक्यूआई 314 और रात 11 बजे 292 रिकॉर्ड हुआ। शुक्रवार सुबह 9 बजे बहादुरगढ़ में एक्यूआई 290, दोपहर 12 बजे 281 और 3 बजे 274 दर्ज किया गया।
फतेहाबाद सबसे प्रदूषित
शहर प्रदूषण
फतेहाबाद 402
अंबाला 367
दिल्ली 344
गुरुग्राम 318
गाजियाबाद 308
कुरुक्षेत्र 305
चंडीगढ़ 302
बहादुरगढ़ 290
यमुनानगर 283
सोनीपत 282
रोहतक 271
भिवानी 255
नोट : आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की समीर एप के अनुसार
बीमारियों का खतरा
पर्यावरणप्रेमी डॉ. अजय जैन के अुनसार आतिशबाजी का शौक प्रकृति के लिए काफी नुकसानदायक है। वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने की वजह से प्रदेश में अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हवा में कार्बनडाई ऑक्साइड का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाने की वजह से सांस लेने और सीने में दर्द की शिकायत भी देखने को मिल रही है।
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