Haryana
- हरियाणा पुलिस को मिली सफलता, सात आरोपित गिरफ्तार
- तीन आरोपित दिल्ली के, चार देहरादून-सोनीपत-झज्जर-फरीदाबाद के
- फर्जी कंपनियां बनाकर बैंक अधिकारियों से मिलकर कर रहे थे गड़बड़ी
Haryana : चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस की राज्य अपराध शाखा ने एक बड़े मामले को सुलझाने का दावा किया है। ये लोग फर्जी कंपनियां बनाकर, बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों से मिलीभगत करके 700 करोड़ रुपये से अधिक का काला धन विदेश भेज चुके हैं। पुलिस ने इस मामले में सात आरोपितों को गिरफ्तार किया हैए जबकि पांच के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की है। आरोपित अवैध तरीके से विदेशी कंपनियों के खातों में पैसे भेजते थे। भेजे जा चुके थे। इस मामले में अब तक सात आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
क्या था मामला
पुलिस को 18 मार्च 2024 को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। इसका संज्ञान लेते हुए डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य अपराध शाखा तथा पुलिस उपायुक्त गुरुग्राम नीतीश अग्रवाल की अध्यक्षता में विशेष अनुसंधान टीम (एसआईटी) गठित की गई। तब से यह जांच ख्ल रही थी। शिकायत के अनुसार आरोपित संगठित होकर डमी डायरेक्टर्स के नाम कंपनियां रजिस्टर्ड करवाते थे। इन कंपनियों के डायरेक्टर के बैंक अकाउंट बैंक कर्मियों से साठ-गांठ करके व्यक्तिगत तथा ईकेवाईसी के माध्यम से खुलवाए जाते थे और उन अकाउंट के एटीएम कार्ड, नेट बैंकिंग पासवर्ड, रजिस्टर्ड मोबाइल सिम अपने पास रखकर उन अकाउंट्स को खुद ऑपरेट करते थे। डमी डायरेक्टर्स के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई कंपनियों का विदेशी कंपनियों के साथ बिजनेस दिखाकर गुजरात तथा मुंबई के बंदरगाहो (पोर्ट) पर विदेश से माल मंगवा कर इसे आयात तथा निर्यात करते थे। इस दौरान इनवॉइस बिल में सामान की कीमत को बाजार की कीमत से कई गुना ज्यादा दर्शाकर भारतीय मुद्रा को विदेशों में भेजते थे और अवैध तौर पर प्रति डॉलर मोटा कमीशन वसूल करते थे। आरोपियों द्वारा कंपनियों के बिजनेस परिसर, बैंक रिकॉर्ड, आरओसी एंड सीजीएसटी रिकॉर्ड व आयात-निर्यात संबंधित दस्तावेजों में अलग-अलग दर्शाए जाते थे ताकि राजस्व आसूचना के निदेशक, कस्टम विभाग, प्रवर्तन निदेशालय तथा केंद्रीय जीएसटी आदि विभागों की पकड़ में ना आ सके।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
आरोपित कंपनियों के खातों में रुपये अन्य कंपनियों के खातों से फर्जी सेल/परचेज दिखाकर मंगवाए जाते थे और इन कम्पनियों के मेजर एकाउंटस से रुपया आरोपितों द्वारा डॉलर में विदेशी कम्पनी के अकाउन्ट में ट्रांसफर करवा दिया जाता था। आरोपित विदेशी कम्पनियों से सामान किराए पर लेकर दस्तावेजों में उनसे खरीदा हुआ दिखाते थे और माल का आयात व कुछ समय बाद वापिस उसी माल को निर्यात दिखाते थे। आयात दिखाए गए सामान की पेमैन्ट को विदेशी कम्पनी के खातों में भेज दिया जाता था परन्तु निर्यात किए गए माल की पेमैन्ट वापिस स्वदेशी कम्पनी के खाते में नहीं आती।
हरियाणा के तीन आरोपित
आरोपितों में 3 दिल्ली, 3 हरियाणा झज्जर, सोनीपत व फरीदाबाद और एक आरोपित देहरादून से है। वहीं 5 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्ज शीट दाखिल की गई है। आरोपितों से बड़े स्तर पर कम्पनियों के फर्जी दस्तावेज, 26 मोबाल, लेपटॉप, कम्पनियों की मोहरें बरामद की गई है।
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