Fathebad
- वायु गुणवत्ता सूचकांक पहुंचा 400 के पार
- हरसेक ने सेटेलाइट से आगजनी की 11 लोकेशन भेजी
- पिछले साल से 70 फीसदी कम जली पराली, प्रदूषण फिर भी खतरनाक स्तर पर
Fathebad : फतेहाबाद। दीपावली के पर्व पर आतिशबाजी की आड़ में किसानों ने जमकर पराली जलाई। अधिकारी दीवाली मना रहे थे और किसान पराली जला रहे थे। इस सीजन में सबसे ज्यादा पराली दीपावली के दिन ही जली। यह रिकार्ड हरसेक ने अपनी सेटेलाइट लोकेशन से प्राप्त किया है। हरसेक ने कृषि विभाग को भेजी रिपोर्ट में दीपावली के दिन 11 व उससे पूर्व धनतेरस पर 7 लोकेशन भेजी हैं। दीपावली की रात के बाद शुक्रवार सुबह एक्यूआई 400 के पार जा पहुंचा। हालांकि सुबह धूप खिलने के बाद यह घटकर 300 के आसपास बना हुआ है, यह भी काफी अनहेल्दी की Ÿोणी में ही आता है। धान कटाई का कार्य अभी भी जारी है।
दीवाली के दिन यानी 31 अक्टूबर को जिले में पराली जलने की 11 नई लोकेशन हरसेक को मिली हैं। इनमें भूना खण्ड की 3, रतिया की 2, टोहाना की 2, फतेहाबाद में 4 लोकेशन मिली हैं। फतेहाबाद जिले में अब तक फायर की 62 से ज्यादा लोकेशन प्रशासन को मिली है, जिसके आधार पर 67 हजार 500 रुपये का जुर्माना किया जा चुका है। कृषि विभाग अब तक पराली जलाने पर 15 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा चुका है जबकि दो किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था। हालांकि उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था। इसके अलावा 38 कर्मचारियों व अधिकारियों को जिला प्रशासन द्वारा नोटिस दिया जा चुका है। सरकार के निर्देश पर अभी तक 36 किसानों के नाम मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री में डाल दिए गए है। इससे इन किसानों को यह नुकसान होगा कि सरकार अगले 2 साल तक इन किसानों की फसल एमएसपी पर नहीं खरीदेगी।
मैक्सिमम एक्यूआई 402 दर्ज किया गया
फतेहाबाद में काफी साल भी वायु प्रदूषण बेहद खराब स्तर तक जा पहुंचा था। एक्यूआई 600 से भी ऊपर चला गया था। इस बार भी दीवाली पर हालात बेहद खतरनाक रहे। दीपावली पर पराली जलने और आतिशबाजी के कारण यहां का मैक्सिमम एक्यूआई 400 के पार जा पहुंचा। वायु प्रदूषण के कारण लोगों की आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ी वहीं सांस के मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दीवाली के अगले दिन शुक्रवार को भी दिनभर आसमान में स्मॉग छाया रहा और एक्यूआई खतरनाक स्तर पर बना रहा।
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