Cracker
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम कठोर आदेश देंगे
- प्रदूषण बढ़ रहा, राज्य सरकार को चिंता नहीं
- बढ़ता वायु प्रदूषण एक बेहद गंभीर समस्या
- 40 साल पुरानी याचिका पर दिया फैसला
Cracker : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते वायु प्रदूषण को एक ‘गंभीर’ समस्या बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे निपटने के लिए जो उपाय आवश्यक हैं, वे भी ‘सख्त’ होने चाहिए। अदालत ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों से कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले अपने क्षेत्रों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं। न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस तथ्य पर गौर किया कि दिल्ली की तरह राजस्थान सरकार ने भी राज्य के एनसीआर क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री और जलाने पर स्थायी और पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। पीठ ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा से भी ऐसा ही करने को कहा है।
अब अगली सुनवाई 24 मार्च को
कोर्ट ने कहा कि जब तक ये दोनों राज्य आदेश पारित नहीं कर देते, तब तक पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का उसका पूर्व निर्देश मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 मार्च तक बढ़ाया जाएगा। ‘पर्यावरणीय समस्याएं विकट हैं, इसलिए कठोर उपायों की आवश्यकता है।’ साथ ही पीठ ने कहा कि अदालत को कार्रवाई करनी होगी और सख्त आदेश पारित करने होंगे, क्योंकि सरकार के अन्य अंग इसकी परवाह नहीं कर रहे हैं।
कंपनियों पर भी लग सकता है प्रतिबंध
कोर्ट अगली तारीख पर पटाखों के निर्माण और बिक्री में शामिल कंपनियों पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी। जब एक वकील ने अदालत से पूर्ण प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया तो पीठ ने कहा कि पर्यावरणीय समस्याएं उनके मुद्दों से पहले आती हैं। इसके बाद वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि कम से कम हरित पटाखों की अनुमति दी जाए। पीठ ने कहा, ‘हमें इस बात की पड़ताल करनी होगी कि हरित पटाखे कितने हरित हैं।’ केंद्र से पटाखा निर्माता कंपनियों की याचिकाओं पर भी जवाब देने को कहा है।