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Golmal : हरियाणा के 370 पटवारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप

Golmal

 

  • 170 ने सहायक के तौर पर रखे निजी व्यक्ति
  • कार्रवाई कर 15 दिन में डीसी को देनी होगी रिपोर्ट
  • जमीन के खाते तकसीम करवाने, पैमाईश, इंतकाल, रिकार्ड दुरूस्त करने व नक्शा बनवाने के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार
  • राजस्व एवं आपदा प्रबंधक विभाग ने प्रदेश के सभी उपायुक्त को मामले पर संज्ञान लेकर 15 दिन में रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए

Golmal : चंडीगढ़। हरियाणा सरकार का राजस्व विभाग से जुड़ा एक गोपनीय दस्तावेज लीक होने से पूरी अफसरशाही में हड़कंप मच गया। इस दस्तावेज में 370 पटवारियों पर भ्रष्टचार के आरोप लगाते हुए उन्हें चिन्हित किया गया है। इन पर जमीन के खाते तकसीम करवाने, पैमाइश, इंतकाल, रिकार्ड दुरूस्त करने और नक्शा आदि बनवाने के नाम पर सुविधा शुल्क (रिश्वत) लेने के आरोप हैं। इनमें 170 ऐसे भी पटवारी हैं, जिन्होंने निजी सहायक रखे हुए हैं और घर से ही ऑफिस के काम करते थे, वहीं पर रिश्वत का खेल होता था। राजस्व विभाग ने अपने महकमे से जुड़े पटवारियों की यह सूची तैयार की है। करीब 37 पेज की इस रिपोर्ट में जिलावाइज पटवारी के नाम, रिश्वत लेने के तरीके और सहायकों के नाम और उनकी जाति का भी उल्लेख किया गया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधक विभाग ने इस गंभीर मामले की गोपनीय रिपार्ट प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को भेजकर 15 दिन के अंदर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए क्रियान्वयन रिपोर्ट सरकार को भिजवाने के आदेश दिए हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के सभी उपायुक्त के नाम पत्र भेजा है। इसमें बताया गया है कि सरकार के संज्ञान में आया है, राजस्व विभाग में तैनात 370 पटवारी भ्रष्टाचार कर रहे है। इनमें से 170 पटवारियों ने अपने सहायक के तौर पर किसी को रखा भी हुआ है। इन पटवारियों द्वारा जमीन के खाते तकसीम करवाने, पैमाइश, इंतकाल, रिकार्ड दुरूस्त करने व नक्शा आदि बनवाने के नाम पर भ्रष्टाचार किया जाता है।

निजी सहायक करते थे दलालों का काम

सहायक के तौर पर रखे गए निजी व्यक्ति इनके दलालों के तौर पर काम करते थे। सैंकड़ों लोग अपने जमीन संबंधी कार्य करवाने के लिए पटवारियों के पास जाते हैं। इन पटवारियों द्वारा बार-बार ऐतराज लगाकर आमजन को परेशान किया जाता है। इससे लोगों को मजबूरन इन्हें शुल्क देना पड़ता है। चूंकि आमजन को पटवारियों के पास अपने कार्यों हेतु जाना होता है, इसलिए पटवारियों द्वारा इस प्रकार से किए जा रहे भ्रष्टाचार से सरकार की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे भ्रष्ट आचरण वाले इन पटवारियों द्वारा इस प्रकार से किए जा रहे भ्रष्टाचार से सरकार की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इन पटवारियों व इन द्वारा रखे गए निजी सहायकों का विवरण सरकार को सूचनार्थ एवं आगामी कार्रवाई हेतु भेजा है।

पटवारी पक्ष ने कहा, वर्कलोड अधिक

इस संबंध में जब कुछ पटवारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि सुविधा शुल्क नहीं लिया जाता। अगर कोई ले रहा है तो गलत है। पटवारियों के पास वर्कलोड अधिक होता है। इसलिए सरकार सहायकों की भर्ती करे। अगर आज के ही कार्यों की बात करें तो नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका के निकाय चुनावी कार्य में ड्यूटी लगाई है, जोकि अब पिछले करीब 20 दिन से चल रहा है और आगे एक माह से भी ज्यादा चलने की उम्मीद है। ततिमाजात काटने को हर्षक (जीआईएस लैब) में जोकि पिछले दो माह से काम चल रहा है। इसके लिए भी पटवारी को अपना कार्यालय छोड़ना पड़ रहा है। कृषि जनगणना के कार्य को भी जल्द से जल्द पूरा करने के लिए भी कार्य सौंपा गया है।

हर माह 5 से 10 पैमाइश

महीने में करीब 5 से 10 दिन कोर्ट (एसडीएम कोर्ट, डीसी कोर्ट, सिविल कोर्ट व हाईकोर्ट) में जाने से पूरा दिन लग रहा है। महीने में करीब 5 से 10 पैमाइश होती हैं। जिसके लिए पटवारी को रिकॉर्ड लेकर मौके पर हाजिर रहना पड़ता है। वहां भी लगभग पूरा दिन लगता है।

यह काम भी पटवारी के पास

कास्ट वेरिफिकेशन का कार्य भी पटवारी के पास है। एसडीएम कोर्ट, डीसी कोर्ट, तहसीलदार कोर्ट, कमीश्नर कोर्ट, सिविल कोर्ट से नोटिस दिया जाता है, वह नोटिस संबंधित गांव में संबंधित व्यक्ति को जाकर पटवारी को वितरण करना होता है। तहसील कार्यालय में जाकर ऑनलाइन इंतकाल दर्ज करना होता है। नकल अक्शशिजरा तैयार करना, नकल जमाबंदी तैयार करना, नकल इंतकाल तैयार करना, कोर्ट की तकसीम के कागजात तैयार करना, कोर्ट केस व बैंक लोन के लिए मौका रिपोर्ट करना, कब्जा कार्रवाई व कुर्की अटेचमेंट के लिए, साल में दो बार गिरदावरी, स्पेशल गिरदावरी, मुआवजा वितरण के लिए मौके पर जाना, 47ए के तहत बकाया स्टांप ड्यूटी पे करने के लिए अपने अपने हलके में हर सप्ताह जाना आदि। शायद ही कोई ऐसा पटवारी हो, जिनसे समय पर कार्य पूरा करने के लिए सहयोगी के तौर पर सहायक नहीं रखा हो।

सरकार भर्ती करे सहायक

पटवारी वर्ग एचकेआरएन के तहत सहायक रखने के लिए कई बार सरकार से मांग कर चुका है। जिस हिसाब से निरंतर काम फिल्ड के बढ़ रहा है, सहायक की बहुत जरूरत है। इसलिए सरकार को पटवारियों के लिए सहायक भर्ती करने चाहिए।

यह दिए निर्देश

राजस्व विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एसीएस) ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को यह लिस्ट भेजी है। जिसमें लिखा है कि इन भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ नियम के अनुसार सख्त कार्रवाई कर 15 दिन में सरकार को रिपोर्ट भेजी जाए।

पता नहीं कहां से आया आंकड़ा : पटवार एसोसिएशन

हरियाणा पटवार एसोसिएशन के अध्यक्ष बलबीर सिंह ने कहा कि हमें पता नहीं, सरकार ने यह आंकड़ा कहां से उठाया। मुझे नहीं पता सरकार ने कहां से ये आंकड़ा उठाया है। हो सकता है कि खुफिया विभाग की टीम ने ये आंकड़ा सरकार को दिया हो, हां ये भी जरूरी नहीं है कि यह रिपोर्ट ठीक ही हो। 95% के साथ 5% को मिलाना ठीक नहीं है। अगर कोई गलत कर रहा है तो उसके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। हम भी गलत के साथ नहीं हैं। हम भी नहीं चाहते हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार हो।

https://vartahr.com/golmal-370-patwa…ed-of-corruption/ ‎

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