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weather : प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बरसात, यमुनानगर में बाढ़ जैसा हाल, सहमे लोग

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  • सोमनदी में उफान, नदी किनारे खेतों में घुसा पानी, गांवों पर भी खतरा मंडराया
  • प्रशासन नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर अलर्ट, आसपास के क्षेत्रों में चेतावनी

weather : यमुनानगर। हिमाचल के कैचमेंट एरिया और प्रदेश के कई जिलों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मारकंडा और सोमनदी में उफान आ गया है इससे खेतों में पानी भर गया है। यमुनानगर में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। खेतों में फसल जलमग्न हो गई है।प्रशासन ने इन नदियों के साथ लगते गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन का कहना है कि और बारिश हुई तो भारी नुकसान होने का अंदेशा है। बिलासपुर और छछरौली क्षेत्र करीब 20 गांव के ग्रामीण बाढ़ की आशंका से सहमे हुए हैं। बता दें कि बुधवार को प्रदेश के 9 जिलों रेवाड़ी, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, झज्जर व हिसार में तेज बारिश हुई। बारिश के बीच डायल-112 आपातकालीन वाहन लगभग ढाई फुट गहरे गड्ढे में फंस गया। मंगलवार को मानसून ने राज्य में तय समय से 5 दिन पहले प्रदेश में दस्तक दे दी। राज्य में मानसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 29 जून है। 25 साल में 14वीं बार मानसून तय समय से पहले आया है। 36 घंटे में मानसून पूरे प्रदेश में छा जाएगा। अगले 7 दिन बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने 25-26 जून के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

सोमनदी का बढ़ा जलस्तर

बुधवार सुबह 10 बजे के अचानक बरसाती सोमनदी में उफान आ गया और क्षमता से अधिक पानी आने से तटबंधों से टकरा गया। इससे लोगों में दहशत फैल गई। ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। ग्रामीण सोमनाथ, ईश्वर लाल, धर्मवीर, सुखपाल, ज्ञान सिंह, रमेश, सुरेश और बलबीर आदि ने बताया कि सोमनदी पर इस बार प्रशासन द्वारा बाढ़ रोकथाम के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। गत वर्ष सोमनदी का बांध टूटने से नदी के साथ लगते दर्जनों गांव की हजारों एकड़ में खड़ी फसलें पानी भरने से नष्ट हो गई थी। इस बार अभी तक नदी के किनारे बांध पर बाढ़ रोकथाम के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।

अभी स्थिति नियंत्रण में

सिंचाई विभाग के अधिकारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। सोमनदी के जलस्तर पर सिंचाई विभाग पूरी तरह निगरानी कर रहा है। उनका कहना है कि सोमनदी का जलस्तर वास्तव में कैपेसिटी से ज्यादा जरुर बह रहा है। मगर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। ग्रामीणों को इससे डरने की जरुरत नहीं है। बांधों पर बाढ़ रोकथाम के इंतजाम किए जा रहे हैं।

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