Ayodhya
- ट्रस्ट की बैठक में दी जानकारी
- बैंकों में ब्याज से सर्वािधक ‘आमदनी’ करीब 204 करोड़
- श्रीराम मंदिर निर्माण में पिछले साल 540 करोड़ खर्च किए
- इस साल अनुमानित खर्च 670 करोड़ रुपये तक रहा
- एफसीआरए के खाते में 10 करोड़ 43 लाख की धनराशि जमा
- 4 साल में मिला 13 क्विंटल चांदी और 20 किलो सोना
Ayodhya :। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की त्रैमासिक बैठक गुरुवार को मणिराम छावनी के सभागार में हुई। इस बैठक में विभिन्न विषयों के अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक लेखा-जोखा पेश किया गया। इसके आधार पर संस्था का इनकम टैक्स रिटर्न भरा जाएगा। तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल आय 363 करोड़ 34 लाख की हुई है, जिसमें सर्वाधिक आमदनी बैंकों से ब्याज के रूप में शामिल हैं जो कि करीब 204 करोड़ है। इसी तरह से तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय के काउंटर पर नकदी व चेक के रूप में कुल 58 करोड़ प्राप्त हुए। वहीं, दानपात्र में 24 करोड़ 50 लाख के चढ़ावे की गिनती कराकर धनराशि बैंक में जमा की जा चुकी है। इसी तरह देश भर से तीर्थ क्षेत्र के खातों में श्रद्धालुओं द्वारा ऑनलाइन 71 करोड़ की धनराशि जमा कराई गई। इसके अतिरिक्त तीन वर्ष की समय सीमा के बाद वैधानिक रीति से खोले गए एफसीआरए के खाते में दस करोड़ 43 लाख की धनराशि जमा हुई। बताया गया कि यह धनराशि विदेशों में रह रहे भारतीयों ने भेजी है।
तीर्थ क्षेत्र ने मिंट को सौंपी चांदी
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को बीते चार साल में श्रद्धालुओं ने करीब 13 क्विंटल चांदी व 20 किलो सोना स्वेच्छा से समर्पित किया है। तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बताया कि इसमें शुद्ध धातु कितनी है, यह जांच से पता चलेगा। इसके लिए भारत सरकार की संस्था सिक्योरिटी एंड प्रिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (मिंट) को अनुबंधित किया गया है। इस संस्था को नौ क्विंटल चांदी वैधानिक दस्तावेज के साथ सुपुर्दगी में दे दिया गया है। यह संस्था सितंबर 2024 में हैदराबाद की टकसाल में इसका परीक्षण करेगी। बताया गया कि परीक्षण की तिथि निर्धारित होने पर तीर्थ क्षेत्र के दो प्रतिनिधि वहां जाएंगे और उनके सामने परीक्षण के साथ रिपोर्ट दी जाएगी।
प्रथम तल पर टाइटेनियम के राम दरबार की स्थापना होगी
राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। यहां श्वेत संगमरमर से राम दरबार की प्रतिष्ठा की जानी है। राम दरबार के इस विग्रह का निर्माण जयपुर में किया जा रहा है। उधर तीर्थ क्षेत्र ने पहले टाइटेनियम (पनडुब्बी आदि में जिसे सुरक्षा उपकरणों में प्रयोग किया जाता है) से राम दरबार निर्माण का निर्णय लिया था लेकिन बाद में सर्व सम्मति मार्बल के पक्ष में होने के कारण इस विचार को त्याग दिया गया। फिर भी टाइटेनियम के विग्रह का निर्माण प्रयोग के तौर पर किसी श्रद्धालु की ओर से कराया गया है और इसे गुरुवार को तीर्थ क्षेत्र को सौंप भी दिया गया।
https://vartahr.com/ayodhya-shri-ram…63-crore-34-lakh/