Weather
- आसमान में बादलों के साथ कुछ इलाकों में बूंदाबांदी, आज से मौसम साफ होने की संभावना
Weather : रेवाड़ी। रेवाड़ी में हुई औसत 8 एमएम बरसात के बाद ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। तापमान में मामूली वृद्धि के बावजूद ठिठुरन ने लोगों को दिन भर कंपकंपाया। दोपहर के समय कुछ देर के लिए निकली धूप से हल्की राहत जरूर मिली, परंतु इसके बाद आसमान में बादल जाने व कुछ इलाकों में बूंदाबांदी होने से मौसम ठंडा हो गया। इस सप्ताह के शुरू में मौसम साफ रहने की संभावना जताई जा रही है। सप्ताह के मध्य एक बार फिर मौसम में बदलाव आ सकता है। शनिवार को देर शाम तक मध्यम बरसात होती रही। रविवार सुबह 8 बजे तक चौबीस घंटों के दौरान नाहड़ खंड में सर्वाधिक 10.2 और डहीना खंड में सबसे कम 3.5 एमएम बरसात रिकॉर्ड की गई। रविवार को सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा। इससे रेल और सड़क यातायात पर विपरीत असर पड़ा। कई ट्रेनों का संचालन देरी से हुआ। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ी रही। कोहरे के साथ ही आसमान में बादल भी छाए रहे। कड़कड़ाती ठंड का प्रकोप बना रहने से लोग आवश्यक कार्य के चलते ही घरों से बाहर निकले। अधिकतम तापमान 1.5 डिग्री की वृद्धि के साथ 14.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रात का तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस कम होकर 6 डिग्री पर आ गया। हवा की गति 8 किमी प्रति घंटा रहने के कारण दिन भर शीत लहर का प्रकोप बना रहा। सर्दी उतारने के लिए लोग जगह-जगह अलाव जलाकर हाथ सेंकते हुए नजर आए। दोपहर के समय एक बार धूप निकलने के बाद कोहरा साफ हो गया। बाद में आसमान में बादल छाने के बाद कुछ एरिया में बूंदाबांदी हुई। शाम के समय एक बार फिर आसमान साफ हो गया। मौसम विभाग के अनुसार सप्ताह की शुरूआत साफ मौसम से हो सकती है। बुधवार को एक बार फिर मौसम में बदलाव आ सकता है। तापमान में अभी और गिरावट आने की संभावना है। शीत लहर से फिलहाल राहत मिलने की संभावना नहीं है। कोहरे का प्रकोप कुछ दिनों तक बना रह सकता है।
फसलों के लिए मौसम बना अनुकूल
बारिश और ठंड के समावेश से मौसम इस समय रबी फसलों गेहूं और सरसों के लिए काफी अनुकूल बना हुआ है। जिले भर में शनिवार को हुई बरसात का दोनों फसलों को फायदा मिला है। किसानों को सरसों की अगेती फसल की सिंचाई करने की इस समय जरूरत नहीं है। कृषि विशेषज्ञ डा. दीपक यादव ने बताया कि रात का तापमान गिरने की स्थिति में किसानों को पछेती सरसों और गेहूं की फसल सिंचाई निरंतर करनी चाहिए। इससे पाले से फसलों का बचाव हो सकेगा। बरसात के बाद रात का तापमान गिरने से आने वाले दिनों में पाला जमने की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है। बरसात के बाद प्रदूषण का स्तर भी काफी कम हो गया है।
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