Weather
- -5.3 डिग्री तक लुढ़का न्यूनतम पारा
- सोनीपत सबसे ठंडा जिला, 5.3 डिग्री रहा तापमान
- हिसार में 6, करनाल में 7, रोहतक- भिवानी में 9 डिग्री तापमान दर्ज
- प्रदेश में औसत तापमान 3.5 डिग्री तक गिरा
- कल से शीतलहर सताएगी
- पहाड़ों पर बर्फबारी हो सकती है
- मैदानी भागों में हल्की बारिश की संभावना
- हरियाणा-पंजाब में हल्की बारिश की संभावना
Weather : हरियाणा। प्रदेश में सर्द हवा ने ठिठुरन बढ़ा दी है। हवा चलने से न्यूनतम तापमान में 5.3 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। गुरुवार को प्रदेश में सोनीपत सबसे ठंडा जिला रहा। यहां का न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, हिसार दूसरा सबसे ठंडा जिला दर्ज किया गया। यहां का न्यूनतम पारा 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुरुवार को न्यूनतम तापमान में औसतन 3.5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत यानी हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, यूपी, राजस्थान के न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है। प्रदेश में अधिकतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया। पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने और प्रदेश में उत्तरी व उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में गिरावट व उसके बाद पूर्वी हवाएं चलने से बादलवाई की संभावना बन है। इसके बाद प्रदेश में फिर धुंध छा सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि कि सात दिसंबर से शीतलहर लोगों को कंपकंपाएगी। 8 दिसंबर को कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। 7 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ों पर बर्फबारी या बारिश हो सकती है। इसके प्रभाव से 8 दिसंबर को हरियाणा के कुछ जिलों में बूंदाबांदी या हल्की बारिश होने की संभावना बन रही है।
लगातार गिर रहा रात्रि पारा
प्रदेश में रात के तापमान में लगातार गिरवट आ रही है। अगले दो दिनों में 2-3 डिग्री की और कमी आ सकती है। ठंड बढऩे की संभावना है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि प्रदेश में 8 दिसम्बर तक मौसम खुश्क रहने की संभावना है। 6 दिसम्बर तक उत्तरी व उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं चलने से रात्रि के तापमान में गिरावट आएगी। अल सुबह हल्की धुंध छाने के आसार है।
कल आएगा पश्चिमी विक्षोभ
प्रदेया में 7 दिसम्बर को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होने से हवाओं की दिशा बदलेगी। इस दौरान पूर्वा चलने से 7 व 8 दिसम्बर को बादलवाही की संभावना है। पहाड़ों में रात से एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हवा की दिशा में बदलाव होने से बादल छाने के आसार लगातार बने हुए हैं, इससे रात और दिन के तापमान में कमी आने के आसार बन रहे हैं।
फसलों के अनुकूल बन रहा मौसम
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदेश में मौसम अब रबी की प्रमुख फसलों सरसों और गेहूं के अनुकल बनने लगा है। इसस फसलों का विकास होगा। नवंबर के अंत तक ठंड शुरू नहीं होने के कारण इन फसलों का तेज गति से विकास नहीं हो सका है। गत वर्ष दिसंबर और नवंबर दोनों माह में अच्छी बरसात से फसलों का काफी लाभ हुआ था। नवंबर के शुरू से ही ठंड पड़ने लगी थी। इस बार बारिश नहीं होने व ठंड में देरी के चलते दोनों फसलों का विकास रुका हुआ है। अब ठंड का असर बढ़ने लगा है, जिससे मौसम दोनों फसलों के लिए अनुकूल बनना शुरू हो गया है। अगर जल्द हल्की बरसात भी होती है, तो इससे दोनों फसलों का काफी फायदा होगा।
नियमित रूप से करें सिंचाई
इस समय सरसों की फसल को पानी की ज्यादा आवश्यकता है। किसानों को नियमित रूप से फसल की सिंचाई करनी चाहिए। गेहूं की अगेती फसल को भी पानी लगाना चाहिए। बरसात नहीं होने के कारण इस समय दोनों फसलों की सिंचाई करना जरूरी है।
-डा. दीपक यादव, एसडीओ, एग्रीकल्चर।
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