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Suprem court

  • शीर्ष कोर्ट ने कहा, कांग्रेस नेता को इतिहास, भूगोल मालूम नहीं
  •  फ्रीडम फाइटर के खिलाफ अनाप-शनाप न बोलें
  •  उन्हें हमें आजादी दिलाई और उनके साथ हम क्या व्यवहार कर रहे

Suprem court : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान विनायक दामोदर सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को शुक्रवार को ‘गैरजिम्मेदाराना’ बताते हुए इस पर अप्रसन्नता जाहिर की। कोर्ट ने राहुल को फटकार लगाते हुए कहा कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ किसी को अनाप-शनाप बोलने की इजाजत नहीं दे सकते। उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं। हालांकि न्यायालय ने गांधी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा, ‘हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।’

सिंघवी से पूछा सवाल

पीठ ने गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से पूछा कि क्या वह (राहुल गांधी) जानते हैं कि महात्मा गांधी भी अंग्रेजों के साथ संवाद में आपका वफादार सेवक जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे। पीठ ने टिप्पणी की, आप बहुत आज्ञाकारी हैं… क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी वायसराय को संबोधित करते समय ‘आपका वफादार सेवक’ कहा था? क्या सिर्फ इस आधार पर महात्मा गांधी को ‘अंग्रेजों का सेवक’ कहा जा सकता है। उन दिनों, मैंने भी देखा है, कलकत्ता उच्च न्यायालय के हमारे न्यायाधीश प्रधान न्यायाधीश को ‘आपका सेवक’ लिखकर संबोधित करते थे।’

गैर-जिम्मेदाराना बयान न दें

न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, ‘क्या आपके मुवक्किल को पता है कि उनकी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए उन्हीं सज्जन (सावरकर) की प्रशंसा करते हुए एक पत्र भेजा था?’ न्यायाधीश ने कहा, ‘स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए। आपने कानून पर एक अच्छी बात कही है, इस पर रोक लगाई जाती है। हम इस पर कुछ नहीं कह रहे हैं।’

अगाह भी किया

पीठ ने आगाह करते हुए कहा, ‘अगर वह (गांधी) फिर से ऐसा बयान देते हैं तो स्वत: संज्ञान लिया जाएगा। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों पर अब और कुछ नहीं कहा जाना चाहिए… उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ ऐसा व्यवहार करते हैं? यह सही तरीका नहीं है।’

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