RBI
- दूसरी बार प्रमुख ब्याज दर को घटाकर 6 फीसदी किया
- आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को भी 6.7% से घटाकर 6.5% किया
- मुद्रास्फीति अनुमान को 4 प्रतिशत किया
- सोने के बदले कर्ज देने के निर्देशों की होगी समीक्षा
- आरबीआई की अब अगली बैठक 6 जून को होगी
RBI : मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अमेरिका के जवाबी शुल्क को लेकर व्याप्त चिंता के बीच अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बुधवार को लगातार दूसरी बार प्रमुख ब्याज दर रेपो को 0.25% प्रतिशत घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया। साथ ही केंद्रीय बैंक ने अपने रुख को ‘तटस्थ’ से ‘उदार’ करते हुए आने वाले समय में ब्याज दर में एक और कटौती का संकेत दिया। आरबीआई के इस कदम से आवास, वाहन और अन्य कर्ज सस्ते होने की उम्मीद है। वहीं, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के फैसलों की आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने जानकारी दी है।
फरवरी में भी की थी कटौती
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने इससे पहले इस साल फरवरी में मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर 6.25 प्रतिशत किया था। यह मई, 2020 के बाद पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला संशोधन था।
यह होगा फायदा
रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी हाउसिंग और ऑटो जैसे लोन्स पर ब्याज दरें कम कर सकते हैं। ब्याज दरें कम होंगी तो हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।