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Operation Sindoor :  ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में उठाना पड़ा नुकसान… सेनाओं ने गलतियों को समझा और सुधारा: जनरल अनिल चौहान

Byadmin

Jun 1, 2025

Operation Sindoor

  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का 4 राफेल समेत 6 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा पूरी तरह से गलत।
  • पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच मामले पर भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी की पहली सार्वजनिक स्वीकारोक्ति।
  • सिंगापुर में शांगरी-ला-संवाद-2025 से इतर ब्लूमबर्ग टीवी और रॉयटर्स को दिए साक्षात्कार में बोले सीडीएस।

Operation Sindoor :  नई दिल्ली। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया कि 7 से 10 मई 2025 तक चले सैन्य संघर्ष की शुरुआत में भारत को हवाई नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का यह दावा कि संघर्ष के बीच उनके देश ने भारत के चार राफेल समेत कुल 6 लड़ाकू विमानों को मार गिराया। पूरी तरह से गलत है। यह जानकारी सीडीएस ने सिंगापुर में जारी शांगरी-ला-संवाद-2025 से इतर ‘ब्लूमबर्ग टीवी’ और ‘रॉयटर्स’ को दिए साक्षात्कार में दी। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि यहां संख्या अहम नहीं है। बल्कि महत्वपूर्ण बात ये है कि उसे क्यों गिराया गया, क्या गलतियां की गईं और उसके बाद हमने क्या किया? जनरल चौहान के मुताबिक, भारत की सशस्त्र सेनाओं ने अपनी सामरिक गलतियों को समझा, उन्हें सुधारा और फिर संघर्ष के अगले दो दिनों में हमने अपने सभी लड़ाकू विमानों को लंबी दूरी के लक्ष्य बनाकर उड़ाया। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बीते 30 मई से लेकर 1 जून तक सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा पर हैं। जिसका उद्देश्य शांगरी-ला-संवाद-2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करना है। इस दौरान उनकी दुनिया के कई देशों के अपने समकक्षों और अन्य प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय संवाद प्रक्रिया भी जारी है।

युद्ध परिदृश्य का एक हिस्सा नुकसान

उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका नहीं है जब देश के सैन्य नेतृत्व की तरफ से मामले में भारत को हवाई नुकसान होने के तथ्य को स्वीकार किया गया है। इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर को लेकर 11 मई को नई दिल्ली में आयोजित किए गए सशस्त्र सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भारतीय वायुसेना के हवाई संचालन महानिदेशक एयर मार्शल ए.के.भारती ने भी इस बाबत पूछे गए पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा था कि नुकसान किसी भी युद्ध परिदृश्य का एक हिस्सा होता है। सवाल यह है क्या हमने अपना उद्देश्य प्राप्त कर लिया है? जिसका जवाब एक दमदार हां है। हमारे सभी पायलट घर वापस आ गए। उन्होंने कहा था कि मैं विमानों के नुकसान पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। क्योंकि हम अभी भी युद्ध में हैं और विरोधी पर बढ़त बनाए हुए हैं।

ट्रंप के दावे को किया खारिज

सीडीएस से साक्षात्कार में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के परमाणु युद्ध के करीब पहुंचने के दावे को लेकर भी एक प्रश्न पूछा गया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का यह कहना गलत है कि दोनों देश परमाणु युद्ध के करीब पहुंच गए थे। लेकिन वहीं दूसरी ओर स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत के रास्ते हमेशा खुले हुए हैं। मेरा व्यक्तिगत पक्ष ये है कि पारंपरिक सैन्य अभियानों और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बीच काफी गुंजाइश रहती है। भारत और पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व ने पूरे संघर्ष के दौरान विवेकपूर्ण और जिम्मेदाराना व्यवहार किया। जिससे तनाव के बावजूद हालात नियंत्रण से बाहर न जा सकें।

7, 8 और 10 मई को की सटीक स्ट्राइक

उन्होंने कहा, 7, 8 और 10 मई को भारत ने बेहद सटीक कार्रवाई की और पाकिस्तान के वायु ठिकानों को गहराई से निशाना बनाया। जिसमें पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को भेद दिया। 10 मई को भारत ने हर तरह के विमानों और हथियारों का इस्तेमाल किया। पाक को हुए नुकसान के एक प्रश्न के जवाब में सीडीएस ने कहा कि नुकसान के बारे में हमारे बताने के अलावा इस बात की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न माध्यमों से सामने आई कई सैटेलाइट तस्वीरों से भी हो चुकी है।

एलएसी पर नहीं देखी असामान्य स्थिति

जनरल चौहान ने संघर्ष के दौरान चीन की तरफ से कोई चुनौती मिलने के प्रश्न को लेकर कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से हमारी उत्तरी सीमा (चीन से लगी एलएसी का इलाका) पर कोई असामान्य गतिविधि नहीं देखी गई। जब उनसे ये पूछा गया कि क्या चीन ने पाकिस्तान को सैटेलाइट इमेजरी दी। तो जवाब में भारत के सीडीएस ने कहा कि वर्तमान में ऐसी सूचनाएं व्यावसायिक रूप से भी उपलब्ध हैं। चीन से ही नहीं, अन्य स्रोतों से भी ली जा सकती हैं।

आतंकियों ने की 26 निर्दोष लोगों की हत्या

पहलगाम हमले में 22 अप्रैल को पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन के छद्म रूप द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकवादियों ने कुल 26 निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारजनों के सामने मौत के घाट उतार दिया था। इनमें 25 भारतीय और 1 नेपाल का नागरिक था। इसके जवाब में भारत ने आत्मरक्षा के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद कुल 9 आतंकियों ठिकानों को तबाह करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई की थी। 7 मई की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने बड़ी तादाद में भारत की पश्चिमी सीमा पर मौजूद सैन्य और नागरिक इलाकों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए। लेकिन पूरी मुस्तैदी से तैनात भारत की सशस्त्र सेनाओं ने इन्हें सफल नहीं होने दिया और दुश्मन के हर वार को तुरंत नाकाम कर दिया। वर्तमान में भारत ने पाकिस्तान को ये साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। इसे सिर्फ स्थगित किया गया है। अगर पाकिस्तान ने भारत पर दोबारा पहलगाम जैसा आतंकी हमला करने की कोशिश की तो उसे भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसका जवाब उसी की तरह से ही दिया जाएगा। भविष्य में पाकिस्तान के साथ होने वाली बातचीत केवल आतंकवाद और पीओके के इलाके को खाली करने पर होगी। दोनों देशों के बीच सिंधु जल समझौता स्थगित है, द्विपक्षीय व्यापार बंद है, कूटनीतिक रूप से भी संबंध पटरी से उतर गए हैं।
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