Nari Adalat
- केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इनके क्रियान्वयन के लिए राज्यों को भेजे पत्र।
- यह जानकारी केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी।
Nari Adalat : नई दिल्ली।अब वो दिन दूर नहीं जब महिलाओं को उनकी रिहाइश के करीब ही आसानी से न्याय सुलभ हो जाएगा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इसके लिए ‘नारी अदालत’ नामक एक अनोखी पहल की है। फिलहाल जम्मू-कश्मीर और असम में प्रायोगिक परियोजना के तौर पर यह अदालत चल रही है। लेकिन मंत्रालय ने देशभर में नारी अदालतों का क्रियान्वयन करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र भेजे हैं। जिससे जरूरतमंद महिलाओं को त्वरित न्याय मिल सकेगा। यह जानकारी केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने मंगलवार को केंद्रीय बजट-2025-26 में मंत्रालय के लिए किए गए आवंटन के विषय पर जानकारी देने के लिए आयोजित किए गए संवाददाता सम्मेलन में दी।
कानूनी सिस्टम से होगा जुड़ाव
केंद्रीय मंत्री ने नारी अदालतों की कानूनी वैधानिकता से जुड़े एक प्रश्न के जवाब में कहा कि वर्तमान में ग्रामीण स्तर पर विवादों का निपटारा शुरुआती स्तर पर पंच और सरपंच के माध्यम से होता है। लेकिन अगर वो चाहें तो मामले को नारी अदालत में भेज सकते हैं। जहां विवाद का हल निकालने के लिए अदालत में गांव का मुखिया या अन्य लोग मौजूद रहेंगे। यहां विवाद न सुलझने की स्थिति में यह लोग वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) को मामले को ट्रांसफर कर सकते हैं। जहां पुलिस व अन्य प्रकार की कानूनी सहायता ली जा सकती है।
18 मार्च से 2 अप्रैल तक होगा पोषण माह
उन्होंने बताया कि इस वर्ष मंत्रालय द्वारा पोषण माह का आयोजन 18 मार्च से लेकर 2 अप्रैल तक किया जाएगा। यह कार्यक्रम का सातवां संस्करण होगा। मुख्य रूप से मंत्रालय का लक्ष्य पोषण माह के जरिए जन जागरूकता को बढ़ाना और व्यवहार परिवर्तन करना होगा। पोषण भी पढ़ाई भी अभियान के जरिए आंगनबाड़ी कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके लिए 30 हजार मास्टर ट्रेनर मौजूद हैं। मंत्रालय का लक्ष्य सभी 14 लाख आंगनबाड़ी कर्मियों को प्रशिक्षित करने का है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही इसे प्राप्त कर लिया जाएगा।
दिल्ली में लागू होंगी केंद्र की योजनाएं
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में जल्द बनने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार की वजह से अब पहले के मुकाबले तेजी के साथ केंद्र की तमाम योजनाएं लागू हो सकेंगी। इसमें वन स्टॉप सेंटर खोलने से लेकर अन्य योजनाएं शामिल हैं। बीते समय में यह देखा गया था कि मंत्रालय की तरफ से कुछ योजनाओं को लेकर उन्हें लगातार वित्तीय धनराशि मुहैया कराई गई थी। लेकिन तत्कालीन सरकार ने उसका उपयोग नहीं किया। अब मुझे उम्मीद है कि दिल्ली में बेहतर ढंग से काम हो सकेगा और केंद्र सरकार की तमाम योजनाएं लागू हो सकेंगी।
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