Kissan
- -महाराष्ट्र के वाशिम में लोगों को करेंगे संबोधित
- -राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन के अन्तर्गत पूरे देश में हर साल 10 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती की जायेगी : चौहान
- -डिजिटल कृषि मिशन के होंगे अनेक फायदे, रिमोट सेंसिंग के माध्यम से फसल के नुकसान का आंकलन हो सकेगा
Kissan : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को महाराष्ट्र के वाशिम से पूरे देश के किसानों के खाते में पीएम किसान निधि की 18वीं किश्त जारी करेंगे। यह जानकारी देते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि हमारी छह सूत्रीय रणनीति- उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई करना, कृषि का विविधिकरण, वेल्यू एडिशन और प्राकृतिक खेती है। किसानों को ठीक दाम मिलें इसके लिए पिछले दिनों कुछ बड़े निर्णय लिये गये हैं।
कृषि उन्नत योजना बनाई
चौहान ने बताया कि किसानों के हित व खाद्य सुरक्षा की रक्षा करने के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नत योजना बनाई गई हैं। इन योजनाओं में कुल मिलाकर 1 लाख 1 हजार 321 करोड़ 61 लाख रूपये खर्च होंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत मृदा स्वस्थ प्रबंधन, वर्षा आधारित क्षेत्र का विकास, कृषि वानिकी, परंपरागत कृषि को बढ़ावा देना, फसल अवशेष प्रबंधन, कृषि का यंत्रिकरण, पर ड्रॉप मोर क्रॉप, क्रॉप डायवर्सिफिकेशन-फसल विविधिकरण, कृषि र्स्टाअप के लिए निधि शामिल है।
डिजिटल कृषि मिशन पर ध्यान
चौहान ने कहा कि कृषि उन्नत योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन, राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, कृषि विस्तार पर उप मिशन, कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना, डिजिटल कृषि मिशन और कृषि जनगणना अर्थशास्त्र और सांख्यिकी इस पर भी एकीकृत योजनायें बनेंगी। किसानों को डिजिटल माध्यम से जितना लाभ दिया जा सकता है उतना देने के प्रयत्न जारी हैं। स्वयं सहायता समूह की दीदीयों को ड्रोन दिये गये हैं। ड्रोन में बैटरी जल्दी खत्म होने की समस्या आ रही है तो उन्हें अब ड्रोन की 5 बैटरी दी जायेंगी।
खाद्य तेलों को लेकर बड़ा फैसला
चौहान ने बताया कि कैबिनेट ने कल खाद्य तेलों को लेकर बड़ा फैसला किया है। 10 हजार 1 सौ तीन करोड़ 38 लाख रूपये की लागत से राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन बनाया गया है। देश में खाद्य तेलों का उत्पादन काफी कम होता है। आईसीएआर द्वारा बनाये जाने वाले ब्रीडर सीड – उन्नत बीज, सर्टिफाइड सीड, फाउंडेशन सीड किसानों को मुफ्त में उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके लिए पूरे देश में 600 कलस्टर बनाये जायेंगे। 21 राज्यों के 347 ज़िलों में जहां ऑयल सीड-तिलहन का उत्पादन होता है उन्हें विशेष रूप से शामिल किया गया है। इन कलस्टर में किसानों को मुफ्त में बीज, नई तकनीक द्वारा अधिक उत्पादन की ट्रेनिंग और किसानों के उत्पादन की 100 फीसदी खरीद की जायेगी। इस मिशन के अन्तर्गत इस तरह की सुविधायें दी जायेंगी। पूरे देश में हर साल 10 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती की जायेगी। हर साल ये 10 लाख हेक्टेयर का क्षेत्र बदला जायेगा। 7 सालों में लगभग 70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र इस योजना के अन्तर्गत लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि उन्नत बीजों की कमी पूरा करने के लिए 65 नये बीज केंद्र बनाये जायेंगे, अभी यह केंद्र 35 हैं कुल 100 केंद्र बनाये जायेंगे। बीजों को सुरक्षित रखने के लिए 50 बीज भंडारण इकाईयां भी बनाई जायेंगी। उन राज्यों पर हम ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं जहां किसान केवल एक फसल ही लेते हैं। इंटर क्रॉपिंग का भी प्रयोग किया जायेगा।
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