India
- हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों की करें सुरक्षा, अनावश्यक बयानबाजी से बचें
- भारत-बांग्लादेश संबंधों में तल्खी के बीच दोनों नेताओं की पहली मुलाकात
India : नई दिल्ली। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुक्रवार को आयोजित किए गए छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक हुई। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने यूनुस को साफ शब्दों में यह स्पष्ट कर दिया कि उनके देश में हिंदुओं के अलावा बाकी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से बांग्लादेश की सरकार की है। इस संबंध में उन्होंने भारत की चिंताओं से भी उन्हें (यूनुस) विस्तार से अवगत कराते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों और अन्याय के मामलों की विस्तृत पड़ताल की जानी चाहिए। साथ ही आपसी संबंधों को खराब करने वाली और माहौल को बिगाड़ने वाली किसी भी अनावश्यक बयानबाजी से बचने का आग्रह पीएम ने मोहम्मद यूनुस से किया। मोदी ने बातचीत में ये उम्मीद भी जताई कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाएगी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
दोनों के बीच हुई पहली मुलाकात
पिछले साल बांग्लादेश में हुए छात्रों के उग्र-हिंसक आंदोलन के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में शरण लेने के बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस बीच उनके तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली हुई। समूचे घटनाक्रम के बीच पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात हुई है। हालांकि इसके लिए बांग्लादेश की तरफ से ही भारत से अनुरोध किया गया था। शुरुआत में जिसे लेकर भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। भारत अल्पसंख्यकों पर बांग्लादेश में बढ़ते अत्याचार और मोहम्मद यूनुस की हालिया चीन यात्रा में उनके द्वारा दिए गए भारत विरोधी बयान को लेकर भी अपनी नाराजगी जता चुका है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के पूर्व में मामले पर भारत का रुख साफ किया था।
शेख हसीना के मुद्दे पर हुई चर्चा
बैठक के बाद एक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शेख हसीना और उनके प्रत्यर्पण से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि उनके बारे में बातचीत हुई। लेकिन पूर्व में ही भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया था कि हमारे पास बांग्लादेश की तरफ से इस मुद्दे पर एक निवेदन आया है। इस समय इस विषय पर कुछ और कहना मेरे लिए उचित नहीं होगा। वहीं, सूत्रों ने कहा कि शेख हसीना के मामले को बैठक में बांग्लादेश की तरफ से उठाया गया था।
लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण बांग्लादेश के समर्थक
मिस्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस की बैठक में पीएम मोदी ने एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, हम बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाने के इच्छुक हैं। सीमा पर कानून का सख्त अनुपालन और अवैध ढंग से खासतौर पर रात के समय में सीमा पार करने के मामले को पीएम ने बैठक में उठाया और कहा कि सीमा पर सुरक्षा, स्थिरता आवश्यक रूप से बनाए रखनी चाहिए। द्विपक्षीय तंत्र की मुलाकातों के जरिए संबंधों की आगे बढ़ाने के लिए समीक्षा करने का जिक्र भी प्रधानमंत्री द्वारा बैठक में किया गया।