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Farmer : तापमान में 5 से 7 डिग्री की बढ़ोतरी से गेहूं की पत्तियाें साथ किसानों के चेहरे भी पड़ रहे पीले

फतेहाबाद में पीली पड़ रही गेहूं की फसल।फतेहाबाद में पीली पड़ रही गेहूं की फसल।

Farmer

  • पिछले 20 सालों में पहली बार जनवरी में मार्च जैसी धूप, किसान चिंतित
  • गेहूं के सही फुटाव के लिए तापमान 6 से 14 डिग्री के बीच होना जरूरी

Farmer : जनवरी में ही अधिकतम तापमान 22 डिग्री व न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से अधिक आ जाने के बाद गेहूं की पत्तियाें के साथ किसानों के चेहरे भी पीले पड़ने शुरू हो गए हैं। इससे गेहूं उत्पादक किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। दरअसल पिछले दिनों तापमान की गिरावट का इंतजार कर रहे किसानों को निराशा हाथ लगी, तब लगातार दिन में मार्च जैसी धूप निकलने लगी। पिछले 20 सालों में पहली बार हो रहा है यहां अभी तक दो सप्ताह लगातार ठंड नहीं पड़ी। गेहूं के सही फुटाव के लिए तापमान 6 से 14 डिग्री के बीच होना जरूरी है। पिछले कई सालों से जनवरी में लगातार दो सप्ताह सूरज नहीं निकलता था। उसका परिणाम यह होता था कि रात और दिन के तापमान में ज्यादा फर्क नहीं रहता था। ऐसा मौसम गेहूं के लिए संजीवनी माना जाता है। हालांकि कृषि विशेषज्ञ अभी भी इसे चिंता की बात नहीं मानते। पिछले 3-4 दिनों से यहां का न्यूनतम तापमान 7 व अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के बीच घूम रहा है, जिसे गेहूं की फसल के लिए कतई अनुकूल नहीं कहा जा सकता। यही वजह है कि गेहूं की निचली पत्तियां पीली पडऩी शुरू हो गई हैं। यह स्थिति गेहूं के पौधे की बढ़ोतरी पर गलत असर डालती है और प्रकाश संश्लेषण में कमी करती है। गांव नागपुर के विनोद कुमार, जयदयाल, राजीव, सुरेन्द्र, रणधीर, रविन्द्र आदि ने बताया कि इस रबी के सीजन में गेहूं की फसल की नीचे की पत्तियां पीली हो रही हैं। किसानों के लिए यह चिंता की बात है। इस बार किसानों ने करीब 3 लाख 50 हजार एकड़ भूमि में गेहूं की बिजाई कर रखी है जोकि बीते वर्ष से 10 हजार एकड़ ज्यादा है। विशेषज्ञों की मानें तो गेहूं की फसल के लिए 6 डिग्री से 14 डिग्री तापमान उपयुक्त माना गया है।

फसलों पर करें हल्की सिंचाई

अधिक ठंड की वजह से जीवाण्वीय, माइक्रोबियल गतिविधि कम हो जाती है, जिसके कारण से नाइट्रोजन का उठाव कम होता है। पौधे नाइट्रोजन को उपलब्ध रूप में नाइट्रेट में बदल देते ंहै। नाइट्रोजन अत्यधिक गतिशीलहोने के कारण निचली पत्तियों से ऊपरी पत्तियों की ओर चला जाता है, इसलिए निचली पत्तियां पीली हो जाती हैं। यह कोई बीमारी नहीं है, यह पौधे समय के साथ ठीक हो जाते है। इसके लिए अढाई किलो यूरिया, आधा किलो जिंक 21 प्रतिशत मात्रा में 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करने से निजात मिल जाएगी। इसके साथ ही गेहूं एवं अन्य फसलों में हल्की सिंचाई करनी चाहिए।

किसान न हो चितिंत: डॉ. सिहाग

इस रबी की सीजन में जिले में 3.5 लाख एकड़ में गेहूं की फसल की बुआई हो रखी है। गेहूं की फसल के लिए उपयुक्त तापमान 6 डिग्री से 14 डिग्री तक का होता है। परंतु न्यूनतम तापमान 7 डिग्री व अधिकतम तापमान करीब 22 डिग्री बना हुआ है। विगत दिनों अधिक सर्दी की व वजह से गेहूं की फसल की नीचे की पत्तियां पीली पड़ गई हैं, ऐसे में किसानों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं हैं। इसके मूल कारण की जानकारी के अभाव में कई तरह के उपचार के बावजूद भी सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते। -डॉ. राजेश सिहाग, डीडीए फतेहाबाद

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