Delhi :
- -दिल्ली में जान सकते हैं दवाइयों के पेड़-पौधों बारे में
- -सिंघु बॉर्डर के पास नरेला में बना है कैक्टस गॉर्डन
- -समय सुबह साढ़े पांच बजे से रात्रि 9 बजे तक खुलता है गार्डन
Delhi : नई दिल्ली। दिल्ली में यदि आपको या आपके बच्चों को पेड़ पौधों की जानकारी नहीं है तो आप दिल्ली के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 के नरेला विधानसभा आ सकते हैं। यहां सिंघु बॉर्डर से दिल्ली के मुकरबा चौक, बाईपास की तरफ जाते समय करीब दो किमी की दूरी पर कैक्टस गॉर्डन मिल जाएगा और यहां गॉर्डन में प्रवेश के बाद आप विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों के साथ ही दवाइयों वाले पौधों से भी रूवरू होने का अवसर मिल पाएगा। वहीं, बता दें कि बच्चों या बड़ों ने आंवला का नाम तो सुना होगा ही है लेकिन सामने से देखा नहीं होगा कि यह कैसा होता है। यहा कैक्टस गॉर्डन इन दिनों आंवला के पेड़ फलों से सरोबार हैं और चाहे तो एक दो बिल्कुल ताजा आंवला का स्वाद यहां चख भी सकते हैं। इन दिनों यानी अक्टूबर से फरवरी माह के बीच इस गॉर्डन के खुलने का समय सुबह साढ़े पांच बजे से रात्रि 9 बजे तक है जबकि मार्च से सितंबर माह के बीच यह सुबह पांच बजे से रात्रि साढ़े 9 बजे तक निर्धारित है।
कई तरह की दवाइयों के पौधे
डीडीए के अंतर्गत आने वाले इस पार्क के सुपरवाइजर कंचन सिंह ने बताया कि इस कैक्टस गॉर्डन में यहां कई तरह की दवाइयों के पौधों के साथ ही सौंदर्य बढ़ाने वाले फूलों के पौधे भी हैं जो यहा आने वालों के फिर से आने पर मजबूर कर देते हैं। पांच एकड़ से अधिक के क्षेत्र में फैले इस गॉर्डन में इतने प्रकार के पेड़ व पौधे हैं कि आप सभी का नाम भी याद नहीं रख पाएंगे।
कई किस्म मौजूद
वैसे बता दें कि यहां कैक्टस की विभिन्न किस्मों के साथ ही आंवला के पेड़, हरी इलाइची, सुदर्शन, तुलसी, मुर्गासन, सदाबहार, मोतिया, पुदिना, अदरक, हल्दी, सुगरफ्री, एलोवेरा, चांदनी, डिस्टेरिया, अश्वगंधा, धतूरा, कालाबांशा, कडीपत्ता, मकोय, नागफनी, बांस आदि पेड़ पौधे हैं।
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