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bengaluru stampede : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सरकार से नौ अहम सवालों पर जवाब मांगा

bengaluru stampede

  • -केएससीए के सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई एस जयराम ने इस्तीफा दिया
  • -आरसीबी के विक्ट्री सेलिब्रेशन के दौरान मची भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी ली
  • -शंकर और जयराम ने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण घटना की वजह से पदों से इस्तीफा दिया

bengaluru stampede : बेंगलुरु। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत का जश्न मनाने के लिए किसने अनुमति दी थी? यह निर्णय कब और कैसे लिया गया था? क्या आयोजकों ने आवश्यक अनुमति ली थी? ये वे प्रश्न हैं जिनके उत्तर कर्नाटक सरकार को चार जून को हुई भगदड़ के संबंध में 10 जून तक उच्च न्यायालय में दाखिल करने होंगे। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नौ महत्वपूर्ण प्रश्नों पर विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इधर, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) के सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई एस जयराम ने इस्तीफा दे दिया है। दोनों ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के विक्ट्री सेलिब्रेशन के दौरान मची भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी ली है। शंकर और जयराम ने संयुक्त बयान में कहा-‘पिछले दो दिनों में हुई अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की वजह से हम यह बताना चाहते हैं कि हमने केएससीए के सचिव और कोषाध्यक्ष के रूप में अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, हमारी भूमिका बहुत सीमित थी।’

दस जून तक जवाब दायर करे सरकार

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी. एम. जोशी की खंडपीठ ने इस त्रासदी के मद्देनजर अदालत द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर दायर की गई रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये सवाल पूछे। सरकार को 10 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा है। यह भगदड़ चार जून की शाम को चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने हुई, जहां बड़ी संख्या में लोग आरसीबी टीम की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जीत के जश्न में भाग लेने के लिए उमड़े थे। इस घटना में 11 लोग मारे गए और 56 घायल हो गए।

ये सवाल पूछे

-आयोजन स्थल के आसपास यातायात को नियंत्रित करने के लिए क्या उपाय किए गए?

-भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या व्यवस्था की गई थी?

-मौके पर कौन सी चिकित्सा और आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध थीं?

-क्या पहले से उपस्थित लोगों की संख्या का अनुमान लगाया गया था?

-क्या घायलों को घटनास्थल पर तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?

-घायलों को अस्पताल पहुंचाने में कितना समय लगा?

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