Action :
- केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, दिखा दिया बाहर का रास्ता
- पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से हटाया
- केंद्र सरकार ने 6 सितंबर को खेडकर को हटाने का जारी किया था आदेश
- यूपीएससी की तरफ से पहले ही उनकी उम्मीदवारी को किया जा चुका है रद्द
Action : नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विवादों में घिरी पूजा खेडकर पर बड़ा एक्शन लिया है। खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से मुक्त कर दिया। पूजा पर धोखाधड़ी करने और सेवा में अपना चयन सुनिश्चित करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग और विकलांगता कोटा लाभों का गलत तरीके से लाभ उठाने का आरोप लगाया गया है। उसने सभी आरोपों से इंकार किया है। पूर्व परिवीक्षाधीन लोक सेवक पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी करने और सिविल सेवा में चयन सुनिश्चित करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांगता कोटा लाभों का गलत तरीके से लाभ उठाने का आरोप है। हालांकि, खेडकर ने सभी आरोपों से इनकार किया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने छह सितंबर, 2024 के आदेश के तहत आईएएस (परिवीक्षाधीन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से मुक्त कर दिया।
यूपीएससी ने रद की थी उम्मीदवारी
संघ लोक सेवा आयोग ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके साथ ही उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से रोक दिया था। खेडकर अपने कैडर राज्य महाराष्ट्र में एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। इससे पहले, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और दिल्ली पुलिस ने पूर्व आईएएस परिवीक्षाधीन पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने न केवल आयोग बल्कि जनता के साथ भी धोखा किया है क्योंकि वह 2020 तक सभी प्रयास समाप्त होने के कारण 2021 में सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में बैठने के लिए अयोग्य थीं।
किस नियम का इस्तेमाल?
केंद्र ने 6 सितंबर, 2024 के आदेश के तहत आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त कर दिया। नियम केंद्र सरकार को प्रोबेशनर्स को सेवा से बर्खास्त करने की अनुमति देते हैं यदि वे पुनः परीक्षा पास करने में विफल होते हैं या यदि केंद्र सरकार संतुष्ट है कि प्रोबेशनर सेवा में भर्ती के लिए अयोग्य था या सेवा का सदस्य होने के लिए अनुपयुक्त है। यह सिर्फ एक केस नहीं, पूजा खेडकर की तरह ही 30 और मामले, यूपीएससी अब क्या करेगा?
अंतरिम जमानत पर हैं खेडकर
खेडकर फिलहाल अंतरिम जमानत पर हैं। यूपीएससी और दिल्ली पुलिस दोनों ने अपने-अपने जवाब में इस आधार पर गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिका खारिज करने की मांग की। पुलिस का कहना था कि उन्हें कोई भी राहत देने से जांच में बाधा आएगी। साथ ही इस मामले का जनता के भरोसे के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा की ईमानदारी पर भी व्यापक असर पड़ेगा। जुलाई में यूपीएससी ने पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। उनपर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप थे। यूपीएससी ने पूजा खेडकर को नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया था। इसके साथ ही उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और सेलेक्शन से वंचित कर दिया।
क्या था विवाद?
34 वर्षीय पूजा खेडकर पर ऑफिस में अलग चैंबर और आधिकारिक कार मांगने के साथ-साथ अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती के अनधिकृत उपयोग के आरोप लगने के बाद मीडिया में काफी चर्चा हुई थी। शुरुआत में पुणे में तैनात खेडेकर को विवाद के बीच पुणे जिला कलेक्टर ने वाशिम ट्रांसफर कर दिया था। हालांकि, उनकी परेशानियां यहीं खत्म नहीं हुईं। सरकार ने बाद में उनके ‘जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम’ को रोक दिया था। उन्हें आवश्यक कार्रवाई के लिए मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में वापस बुलाया था। खेड़कर की विकलांगता और ओबीसी प्रमाण पत्रों की प्रामाणिकता भी सवालों के घेरे में थी। उसकी भी जांच हो रही थी।
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