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HMPV : कर्नाटक-गुजरात व बंगाल में चीनी वायरस एचएमपीवी के 4 केस मिले

सांकेतिक तस्वीर।सांकेतिक तस्वीर।

HMPV

  • -तीनों राज्यों में 3, 5, 8 और 2 महीने का बच्चा पॉजिटिव
  • -केंद्र सरकार ने की पुष्टि, चारों बच्चे अस्पतालों में दाखिल
  • -केंद्र ने कहा हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार

HMPV : नई दिल्ली। चीन में फैले वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के भारत में अब तक छह केस सामने आ चुके हैं। सोमवार को कर्नाटक में दो 3 माह की बच्ची और 8 माह का बच्चा, गुजरात में दो माह के एक बच्चे और पश्चिम बंगाल में 5 माह के बच्चे इस वायरस से संक्रमित मिले हैं। सभी को अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल करवाया गया है। गुजरात के अहमदाबाद में संक्रमित मिला बच्चा राजस्थान का है। उसे इलाज के लिए अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इससे पहले, सोमवार सुबह कर्नाटक में 3 माह की बच्ची और 8 महीने के बच्चे में यह वायरस मिला था। दोनों बच्चों की जांच बेंगलुरु के एक अस्पताल में की गई थी। पश्चिम बंगाल में भी 5 महीने के बच्चे में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं। उसक भी एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इससे पहले उधर, तमिलनाडु के चेन्नई में भी दो बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं। हालांकि अभी तक इनके बारे में पूरी जानकारी नहीं मिली है।

एम्स ने की पुष्टि

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामलों की पुष्टि की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि तीन महीने की बच्ची को ‘ब्रोंकोन्यूमोनिया’ की शिकायत थी और उसे बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसके एचएमपीवी से संक्रमित होने का पता चला था। उसे पहले ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि यह ध्यान देने वाली बात है कि दोनों मरीजों का कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं है। हम इन मामलों पर करीबी से नजर बनाए हुए हैं।

हम सभी निपटने को तैयार

द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आईसीएमआर पूरे साल एचएमपीवी संक्रमण के रुझानों पर नजर रखेगा। डब्ल्यूएचओ पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय समय पर अद्यतन सूचनाएं दे रहा है, ताकि संक्रमण से बचाव के उपायों के बारे में और अधिक जानकारी मिल सके। मंत्रालय ने कहा कि देश भर में हाल में की गई तैयारियों से पता चलता है कि भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए तैयार है और जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय तुरंत लागू किए जा सकते हैं।

यह बोले स्वास्थ्य मंत्री नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि विशेषज्ञों ने यह कह दिया है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। 2001 में इसकी पहली बार पहचान हुई थी। इसके बाद ये दुनिया में फैला। ये सांस लेने से फैलता है, हवा के माध्यम से फैलता है। ये सभी एज ग्रुप के लोगों पर असर करता है। डब्ल्यूएचओ हालात पर नजर बनाए हुए है और हमसे जल्द रिपोर्ट शेयर की जाएगी।

केंद्र की एडवाइजरी

-खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें।
-अपने हाथों को लगातार साबुन और सैनिटाइजर से धोएं।
-भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।
-अगर आपको बुखार, खांसी और छींक आ रही है तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें।
-संक्रमण को कम करने के लिए कमरों में वेंटिलेशन की व्यवस्था करें।
-अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें और दूसरों से न मिलें।
-खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें।
-टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा इस्तेमाल।
-बीमार लोगों के साथ नजदीकी संपर्क, तौलिये, आदि का इस्तेमाल ।
-बार-बार आंख, नाक और मुंह को न छुएं।
-चिकित्सक से परामर्श किए बिना खुद से दवा न लें।

https://vartahr.com/hmpv-4-cases-of-…jarat-and-bengal/

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