Delhi
- दिल्ली के सीएम बोले, 17 सितंबर को दे दूंगा इस्तीफा
- जब तक दिल्ली की जनता अपना फ़ैसला नहीं सुना देती, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा
- मनीष सिसोदिया ने भी फैसला लिया है कि वह उपमुख्यमंत्री का पद तभी संभालेंगे, जब जनता जीता कर ईमानदारी का सर्टिफिकेट देगी
- विधायक दल की होने वाली बैठक में दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा- केजरीवाल
- मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं, नवंबर में महाराष्ट्र के साथ ही दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी कराया जाए- केजरीवाल
Delhi : नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपने इस्तीफा देने की घोषणा कर दिल्ली समेत पूरे देश को चौका दिया। एक फर्जी केस में पांच महीने बाद जेल से बाहर आने के बाद पार्टी मुख्यालय पर ‘‘आप’’ कार्यकर्ताओं और जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगले दो दिन बाद मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं और जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देगी कि मैं ईमानदार हूं, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। इस दौरान केजरीवाल ने एक और बड़ा एलान किया कि मेरे साथ मनीष सिसोदिया ने भी फैसला लिया है कि वह भी डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पद तभी संभालेंगे, जब जनता चुनाव में जीता कर ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे देगी। जल्द ही विधायक दल बैठक में दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से नवंबर में ही महाराष्ट्र के साथ दिल्ली विधानसभा का भी चुनाव कराने की मांग की है। इस दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, संजय सिंह, डॉ. संदीप पाठक, राघव चड्ढा, गोपाल राय, आतिशी, सौरभ भारद्वाज समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
पैसे ही कामने होते तो इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी बुरी नहीं थी
रविवार को पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग में कमिश्नर की नौकरी करता था। वर्ष 2000 में नौकरी छोड़ दी और 2010 तक मैंने दिल्ली की झुग्गियों में बिताएं हैं। कुछ दिनों तक नंद नगरी, सुंदर नगरी की झुग्गियों में जाकर रहा भी हूं। मैंने गली-गली में खाक छानी है कि गरीब आदमी रहता कैसे है, उसके घर का गुजारा कैसे चलता है? अगर पैसे ही कामने थे, तो इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी बुरी नहीं थी। जब मैंने नौकरी छोड़ी थी, तब कोई पार्टी नहीं थी और ना तो मुख्यमंत्री बनने चला था। मेरा कोई भविष्य नहीं था, केवल मेरे अंदर देश के लिए जूनून था कि देश के लिए कुछ करना है। मैंने अपने वसूलों के लिए मात्र 49 दिन के अंदर इस्तीफा दिया था। मुझसे किसी ने इस्तीफा मांगा नहीं था। आज के जमाने में कोई अपनी चपरासी की नौकरी नहीं छोड़ता है, मैंने अपने आप मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी थी। मुझे न पद का लालच है और न दौलत का लालच है। मुझे केवल देश के लिए कुछ करने का जूनून है।
अब जनता तय करे, क्या केजरीवाल ईमानदार है या गुनाहगार
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन्होंने मेरे और मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाए हैं। इस देश का सबसे कठोर पीएमएलए के तहत हमारे उपर तरह-तरह के आरोप लगाए। इसमें जमानत नहीं मिल पाती है। इसके बाद भी हमें कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने हमारे पक्ष में जितना कर दिया, इससे ज्यादा वह कुछ और नहीं कर सकता था। हम कोर्ट के बहुत शुक्र गुजार हैं। वकीलों ने बताया कि यह केस कम से कम 10 साल चलेगा। आज मैं जनता की अदालत में आया हूं। जनता से पूछने आया हूं कि आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हैं या गुनाहगार मानते हैं। मैं दिल्ली और देश की जनता से पूछना चाहता हूं कि क्या केजरीवाल ईमानदार है या गुनाहगार है। अरविंद केजरीवाल ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि आज से दो दिन बाद मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं और मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे। मैं गली-गली, घर-घर जनता के बीच जाउंगा। जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे कि केजरीवाल ईमानदार है, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।
जब जनता कहेगी कि मैं ईमानदार हूं, तभी सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज से कुछ महीने बाद दिल्ली विधानसभा का चुना है। मैं दिल्ली की जनता से अपील करना चाहता हूं कि अगर केजरीवाल ईमानदार है तो मेरे पक्ष में वोट दे देना। अगर आपको लगता है कि केजरीवाल गुनाहगार है तो मुझे वोट मत देना। दिल्ली की जनता का एक-एक वोट मेरी ईमानदारी का सर्टिफिकेट होगा। अगर आप मुझे वोट देकर जीताते हैं और कहते हैं कि केजरीवाल ईमानदार है तो चुनाव के बाद मैं सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा। तब तक मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।
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