8th Pay Commission
- -50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों को लाभ
- आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द होगी
- केंद्र, राज्य सरकारों और अन्य पक्षों से परामर्श किया जाएगा
- वैष्णव बोले, यह कैबिनेट का फैसला नहीं, लेकिन पीएम मंजूरी दी
- देश में पहला पे कमीशन जनवरी 1946 में बना था
- सातवां पे कमीशन 28 फरवरी, 2014 को गठित हुआ
- इसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं
8th Pay Commission : नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को एक बड़े फैसले के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। इस कदम से केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनधारकों को लाभ होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठवें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। इसे जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं। इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है।
जल्द किया जाएगा परामर्श
आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द की जाएगी।’मंत्री ने कहा कि 2025 में नए वेतन आयोग के गठन से यह सुनिश्चित होगा कि सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल पूरा होने से पहले इसकी सिफारिशें प्राप्त हो जाएं। वैष्णव ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों और अन्य पक्षों के साथ परामर्श किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इस कदम से रक्षा क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों को भी फायदा होगा। दिल्ली के लगभग चार लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। इनमें रक्षा और दिल्ली सरकार के कर्मचारी शामिल हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत वित्त वर्ष 2016-17 में खर्च में एक लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी।
राज्य सरकारें भी सिफारिशों का करती हैं अनुकरण
सरकार ने 1947 के बाद से सात वेतन आयोग का गठन किया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन संरचना, लाभ और भत्ते तय करने में वेतन आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य सरकारों के स्वामित्व में आने वाली ज्यादातर इकाइयां आयोग की सिफारिशों का अनुकरण करती हैं।
सैलरी स्ट्रक्चर रिवाइज हो जाएगा
ऐसा अनुमान है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बड़ा इजाफा होगा। वर्तमान में मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, जो लेवल 1 के तहत आने वाले कर्मचारियों को मिलती है। नई सिफारिशें लागू होने के बाद यह सैलरी स्ट्रक्चर रिवाइज हो जाएगा और लेवल 1 कर्मचारियों की पूरी सैलरी डबल में आ सकती है। इसी तरह, पेंशनभोगियों की पेंशन भी बड़ी बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि, ये सिर्फ अनुमान हैं और वास्तविक वृद्धि आयोग की सिफारिशों पर निर्भर है।
दस साल में आता है वेतन आयोग
-बढ़ती महंगाई से कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत देने के लिए हर दस साल पर वेतन आयोग गठित किया जाता है।
-पहला वेतन आयोग जनवरी 1946 में बनाया था।
-दूसरा वेतन आयोग अगस्त 1957 में बना था और इससे सरकारी खजाने पर 40 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था।
-तीसरा वेतन आयोग अप्रैल 1970 में बना था जिससे सरकार पर 144 करोड़ का बोझ पड़ा था।
-चौथा वेतन आयोग जून 1983 में गठित किया गया था। इसकी सिफारिशों को लागू करने से सरकारी खजाने पर 1,282 करोड़ का बोझ पड़ा था।
-पांचवां वेतन आयोग अप्रैल 1994 में बना था। इससे सरकारी खजाने पर 17000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था।
-छठा वेतन आयोग अक्टूबर 2006 में बनाया गया था और इससे सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का बोझ वहन करना पड़ा था।
-सातवां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित किया गया था जिसकी सिफारिशें 2106 में लागू हुई थी। इससे सरकारी खजाने पर 114000 करोड़ को बोझ पड़ा था।
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