Weather
- -मंगलवार को एक बार फिर मौसम में बदलाव की संभावना
- -तापमान में गिरावट के आसार नहीं, गर्मी सताएगी अब
- -लोगों को हीटवेव का सामना करना पड़ सकता है
Weather : रेवाड़ी। बीते सप्ताह तीन दिन तक मौसम की मेहरबानी ने लोगों को झुलसाने वाली गर्मी से राहत दिलाई थी। अब फिर से मौसम के तेवर गर्म होने शुरू हो गए हैं। तीन दिन से तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिससे भारी गर्मी का प्रकोप फिर परेशान करने लगा है। बुधवार को मौसम में एक बार फिर बदलाव आने की संभावना है, परंतु भारी गर्मी से राहत की उम्मीद कम है। सप्ताह के अंत तक पारा 44 डिग्री तक पहुंच सकता है, जिससे लोगों को हीटवेव का सामना करना पड़ सकता है। सोमवार को सुबह से ही आसमान साफ रहने के कारण तेज धूप ने पसीने छुड़ाने शुरू कर दिए। अधिकतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 38.0 डिग्री पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री की मामूली कमी के साथ 20.0 डिग्री दर्ज किया गया। गत वर्ष 14 अप्रैल को अधिकतम तापमान 37.0 डिग्री दर्ज किया गया था। तापमान बढ़ने के कारण लोगों को एक बार फिर से भारी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। दोपहर के समय लोग घरों से बाहर निकलने से बचने लगे हैं, जिससे सड़क और बाजार सूने नजर आते हैं। बीते सप्ताह पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से हुई बारिश के बाद मौसम ठंडा हो गया था। अब मौसम फिर से गर्म होना शुरू हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार 16 अप्रैल को आसमान में आंशिक या गहरे बादल छा सकते हैं। तेज हवाओं के साथ कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है। इसके बावजूद तापमान में ज्यादा कमी आने की संभावना नहीं है। सप्ताह के अंत तक तापमान बढ़ने के कारण हीटवेव का प्रकोप तीन से चार दिन तक परेशान कर सकता है। आईएमडी की ओर से एनसीआर में हीटवेव का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
बिजली की खपत में होने लगी वृद्धि
आंधी और बारिश के बाद जिले में बिजली की खपत में 10 से 15 लाख यूनिट तक की कमी आ गई थी। ट्रांसफार्मर और पोल गिरने के कारण कई एरिया में बिजली बाधित रही थी। कुछ स्थानों पर अभी तक बिजली व्यवस्था सामान्य नहीं हो पाई है। गर्मी बढ़ने के कारण एक बार फिर बिजली की खपत बढ़ने लगी है। अगले तीन-चार दिन के दौरान बिजली की खपत 70 लाख यूनिट का आंकड़ा पार सकती है। फसल निकालने का सीजन चलने के कारण अभी कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत काफी कम है। मई माह में कृषि क्षेत्र में भी बिजली की खपत बढ़ जाएगी, जिससे पावर कटों की स्थिति भी पैदा हो सकती है।
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