Weather
- -लू के थपेड़ों से अस्त-व्यस्त हुआ सामान्य जनजीवन
- – गर्म हवाएं चलने से शाम तक घरों में दुबके रहे लोग
Weather : रेवाड़ी। गर्मी का सीजन शुरू होने के बाद पहली बार तापमान 45.0 डिग्री पर पहुंचने से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। भारी गर्मी व लू के थपेड़ों के कारण लोग दोपहर तक घरों से बाहर नहीं निकले, जिससे बाजार में कर्फ्यू जैसे हालात बने रहे। शाम के समय आंशिक बादल छाने के बाद भारी गर्मी से कुछ हद तक राहत मिली। अगले तीन-चार दिनों तक गर्मी के तेवर तल्ख बने रह सकते हैं, जिससे लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। मई माह शुरू होने के बाद मौसम की मेहरबानी ने लोगों को भारी गर्मी के असर से बचाए रखा। तापमान 40.0 डिग्री से नीचे बना रहा, जिससे लू के प्रकोप से निजात मिली रही। कई बार बादलों व तेज हवाओं के बीच बूंदाबांदी होने से मौसम खुशगवार बना रहा था। लोग मई माह में पड़ने वाली भारी गर्मी से बचे हुए थे। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 2.0 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 45.0 डिग्री पर पहुंच गया। यह इस सीजन का सर्वाधिक तापमान है। न्यूनतम तापमान भी 4.0 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 24.0 डिग्री पर आ गया। सुबह से ही आसमान साफ रहने के कारण तेज धूप के चलते दोपहर तक लू का प्रकोप शुरू हो गया। लू के थपेड़ों के कारण लोग शाम तक घरों से बाहर नहीं निकले। बाजार से लेकर सड़कों तक पर सन्नाटा छाया रहा। सड़कों पर वाहनों की संख्या भी काफी कम देखने को मिली। रात का तापमान बढ़ने के कारण अब गर्मी लोगों की नींद हराम करने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार गर्मी के तेवर तीन-चार दिन तक तल्ख बने रह सकते हैं। लू के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बीच-बीच में आसमान में बादल छा सकते हैं। तेज हवाओं के साथ बंूदाबांदी भी हो सकती है, परंतु तापमान में ज्यादा गिरावट आने की संभावना नहीं है।
तीन दिन में बढ़ी 10 लाख यूनिट खपत
भारी गर्मी का प्रकोप शुरू होने के साथ ही बिजली की खपत हर दिन बढ़ रही है। तीन दिन के अंतराल में जिले में 10 लाख यूनिट बिजली की खपत बढ़ी है। डोमेस्टिक सप्लाई की खपत एसी और कूलरों का उपयोग बढ़ने के साथ ही बढ़ रही है। 13 मई को जिले में बिजली की खपत 78.83 थी। 14 मई को यह बढ़कर 81.41 पर आ गई। तापमान 42 डिग्री के पार पहुंचने के बाद बीते वीरवार को बिजली की खपत बढ़कर 88.83 लाख यूनिट पर पहुंच गई। बिजली निगम पर लोड बढ़ रहा है। ट्रांसफार्मरों को ठंडा रखने के लिए कूलर चलाए जा रहे हैं। खपत बढ़ने के कारण पावर कटों में भी वृद्धि होने लगी है। जगमग योजना के फीडरों पर भी कट लगाए जा रहे हैं।