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Sonipat : ओपीडी में जबरदस्ती घुसे मरीज, दो घंटे तक डॉक्टर्स ने नहीं देखे मरीज

ओपीडी रजिस्ट्रेशन के बाहर अपनी बारी का इंतजार करते हुए मरीज।ओपीडी रजिस्ट्रेशन के बाहर अपनी बारी का इंतजार करते हुए मरीज।

Sonipat

  • ओपीडी के बाहर गार्ड तैनात करने के बाद लौटे चिकित्सक
  • अस्पताल में नई व पुरानी ओपीडी रजिस्ट्रेशन 2300 के करीब पहुंचा
  • स्किन ओपीडी के मरीज भी 400 के पार पहुंचे
  • चिकित्सकों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी, मरीजों को उठानी पड़ रही परेशानी

 

Sonipat : सोनीपत। नागरिक अस्पताल सोनीपत में मंगलवार को मरीजों के साथ चिकित्सकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ओपीडी नंबर-7 में अपने नंबर का इंतजार कर रहे मरीजों के सब्र का बांध टूट गया। जिसके बाद मरीज जबरदस्ती ओपीडी में जा घुसे। महिला चिकित्सक के साथ अभद्रता होने पर चिकित्सकों ने ओपीडी को छोड़ दिया। मामला प्रबंधन के पास पहुंचा तो प्रबंधन की तरफ से ओपीडी में अलग से मेज की व्यवस्था की गई। वहीं ओपीडी के बाहर गार्ड की तैनाती करनी पड़ी। दो घंटे बाद चिकित्सक ओपीडी में पहुंचे। जिसके बाद लंबी लाइनों में खड़े मरीजों ने राहत की सांस ली। मरीजों को कड़ी मशक्कत व घंटों इंतजार के बाद चिकित्सक की राय मिल पाई, हालांकि मरीजों के टेस्ट नहीं हो सके। लैब अपने निर्धारित समय पर बंद कर दिया गया।

रजिस्ट्रेशन काउंटर को बाहर मरीजों की भीड़।
रजिस्ट्रेशन काउंटर को बाहर मरीजों की भीड़।

इसलिए लोग बीमार

कई दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश व गर्मी के चलते लोग बीमार पड़ने लगे है। मौसम का असर आमजन में ज्यादातर बुजुर्ग व बच्चों में दिखाई दे रहा है। अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइनें लग रही है। नागरिक अस्पताल में 200 बेड की सुविधा है। वहीं हर रोज ओपीडी रजिस्ट्रेशन की बात कर तो अस्पताल में 1200 से लेकर 1500 के करीब ओपीडी रहती है। मंगलवार को नागरिक अस्पताल में ओपीडी रजिस्ट्रेशन की संख्या 2300 के करीब पहुंच गई। रजिस्ट्रेशन काउंटर व ओपीडी में मरीजों की लंबी लाइनें लग गई। मरीज को उपचार के लिए दो से तीन घंटों तक का इंतजार करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ओपीडी नंबर-7 में मरीज जबरदस्ती अंदर घुस गए। जिसके बाद चिकित्सकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। डा. संदीप व डा. सीमा सहित ट्रेनिंग पर आई चिकित्सक को ओपीडी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। मरीज द्वारा की गई अभद्रता से चिकित्सक परेशान नजर आए। मामला प्रबंधन के पास पहुंचा तो प्रबंधन की तरफ से ओपीडी के बाहर गार्ड को तैनात किया गया। साथ ही ओपीडी में लंबे समय से मेज रखने की मांग को आखिरकार प्रबंधन को मानने पर मजबूर होना पड़ा। जिसके बाद चिकित्सक ओपीडी में पहुंचे। उसके बाद मरीजों को राहत मिल पाई।

चिकित्सकों पर अतिरिक्त भार

नागरिक अस्पताल सोनीपत में सरकार की तरफ से पीपी तौर से (प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत सीटी स्कैन की सुविधा अस्पताल में उपलब्ध है। अस्पताल में गरीब तबके के लोगों को यह सुविधा फ्री में उपलब्ध करवाई जाती है। उक्त सुविधा को लेने के लिए मरीज को पहले चिकित्सक की पर्ची, अपना राशन कार्ड, फैमली आईडी, दो फोटो कॉपी करवाकर कमरा नंबर-118 में वेरीफाई करवाना पड़ता है। उसके बाद फिर से चिकित्सक की ओपीडी में जाकर हस्ताक्षर करवाने होते है। फिर उस मरीज को कमरा नंबर-17 में जाकर सीटी करवाना होता है। इतनी लंबी प्रक्रिया में मरीज के भटकने के साथ लंबी लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में लाइन में लगे अन्य मरीजों के साथ कहासुनी शुरू हो जाती है।

ईएनटी चिकित्सक की ट्रेनिंग, भटकते रहे मरीज

अस्पताल में ओपीडी में ईएनटी(कान, नाक, गले) के एकमात्र चिकित्सक की तैनाती है। दिव्यांग शिविर, जेल ड्यूटी सहित अन्य कैंपों में चिकित्सक की ड्यूटी प्रबंधन की तरफ से लगा दी जाती है। वहीं वीआईपी ड्यूटी पर भी चिकित्सक को जाना पड़ता है। हाल में गत दिनों से चिकित्सक को ट्रेनिंग के लिए पंचकूला भेजा हुआ है। जिसके चलते मरीजों को भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं मंगलवार को स्कीन के चिकित्सक की ओपीडी चार सौ के पार देखने को मिली। स्किन के चिकित्सक की पदोन्नति होने के बाद सप्ताह में तीन बार अस्पताल में ओपीडी ड्यूटी देनी पड़ रही है। वहीं जुआं सीएचसी पर बतौर एसएमओ के तौर पर तैनात है।

क्य कहते हैं प्रधान चिकित्सक

ओपीडी नंबर सात व आठ में ज्यादा मरीजों की ओपीडी होती है। जिसके चलते प्रबंधन की तरफ से दो चिकित्सकों के साथ ट्रेनिंग चिकित्सक को तैनात किया गया है। ओपीडी में चिकित्सक की मांग के अनुसार मेज रखवा दी गई है। वहीं चिकित्सक के साथ हुई अभद्रता के बाद गार्ड की तैनाती कर दी गई है। मरीजों की सुविधा के लिए हर संभव जरूरी कदम उठाने का काम किया जा रहा है।

-डा. गिन्नी लांबा, कार्यकारी प्रधान चिकित्सक अधिकारी नागरिक अस्पताल।

https://vartahr.com/sonipat-patients…ts-for-two-hours

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