Rohtak
- –कीर्तन और सत्संग का भी हुआ आयोजन
- -गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी और भक्तों ने हवन में आहूति डालकर सुख समृद्धि की मंगल कामनाएं की
- -पंडित अशोक शर्मा द्वारा प्रसाद वितरित
Rohtak : माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां साध्वी गायत्री जी केसानिध्य में सोमवार को भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या पर हवन, कीर्तन और सत्संग का आयोजन हुआ। गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी और भक्तों ने हवन में आहूति की सामग्री डालकर व पूजा अर्चना करके सुख समृद्धि की मंगल कामनाएं की। पंडित अशोक शर्मा द्वारा प्रसाद वितरित हुआ। यह जानकारी सचिव गुलशन भाटिया ने दी।
साध्वी मानेश्वरी देवी ने बताया कि सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण बना है । इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण, पिंड दान और पितर पूजा, गौ दान और स्नान का विशेष महत्व है। अमावस्या का दिन पूर्वजों और पितरों को याद करने का सबसे शक्तिशाली दिन माना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव, श्रीहरि और माता लक्ष्मी की उपासना होती है। उन्होंने कहा कि सोमवती अमावस्या को पिठोरी अमावस्या, भादो अमावस्या और भाद्रपद अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है ।
हवन से मानव ग्रह दोष से मुक्ति पाता : साध्वी मानेश्वरी देवी
साध्वी मानेश्वरी देवी ने बताया कि हवन कराने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद आपके परिवार पर बना रहता है और इससे पूजा सफल होती है और मानव के ग्रह दोष दूर होते हैं। इससे हमें आसपास मौजूद नाकारत्मक ऊर्जा समाप्त होती है। साथ ही वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। हवन से जो धुंआ निकलता है उससे वातावरण शुद्ध होता है। वहीं हवन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे कपूर, लौंग, आम की लकड़ी, घी, अक्षत, गोबर के कंडे आदि से हानिकारक जीवाणु नष्ट होते हैं। प्राचीन काल में तो रोगी को स्वस्थ करने के लिए भी हवन किए जाते थे।
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