Rohtak
- संकट मोचन मंदिर में मांगी सुख समृद्धि की मंगल कामनाएं
- हवन कराने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद की प्राप्ति संभव : साध्वी मानेश्वरी देवी
Rohtak : माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां गायत्री जी की कृपाआश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि वीरवार 17 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के पर्व पर सुबह हवन, कीर्तन और सत्संग का आयोजन हुआ। गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी और भक्तों ने हवन में आहूति की सामग्री डालकर व पूजा अर्चना करके सुख समृद्धि की मंगल कामनाएं की। उन्होंने कहा कि हवन कराने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मानव के ग्रह दोष दूर होते हैं। पंडित अशोक शर्मा ने प्रसाद वितरित किया।
इसी के साथ आज वीरवार से आरम्भ हुआ कार्तिक माह के उपलक्ष्य में हर रोज कार्तिक की कथा सुबह 5:30 बजे से साध्वी मानेश्वरी देवी कर रही हैं ।
यह जानकारी सचिव गुलशन भाटिया ने दी।
साध्वी मानेश्वरी देवी ने बताया कि मंदिर में गत रात्रि बुधवार को शुभ मुहूर्त अनुसार शरद पूर्णिमा की शाम खीर बनाकर रात में चंद्रमा की रोशनी में रखी गई । वीरवार को भक्तों ने अश्विन पूर्णिमा का व्रत भी रखा ।
साध्वी मानेश्वरी देवी ने बताया शरद पूर्णिमा की शाम खीर का महत्व
उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा साल की सभी 12 पूर्णिमा तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण होती है और इस रात को चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाकर रखने का महत्व शास्त्रों में बहुत खास माना गया है। उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने से उसमें अमृत वर्षा होती है और अगले दिन सुबह इस खीर को खाने से न सिर्फ आपको सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है, बल्कि खीर के चमत्कारिक प्रभाव से आपके कई रोग दूर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी अपनी सवारी उल्लू पर सवार होकर धरती पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देती है । उन्होंने कहा कि पूर्णिमा का संबंध चंद्रमा से है क्योंकि इस रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर रात में पूरे संसार को प्रकाशित करता है।
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