Policy Commission
- नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने सभी राज्यों को दी नसीहत
- इस बार बैठक का थीम विकसित भारत के लिए विकसित राज्य रहा
- केंद्र और राज्य सरकारें आपस में बेहतर समन्वय और तालमेल बनाएं
- कर्नाटक, केरल और पुडुचेरी के सीएम बैठक में नहीं पहुंचे
Policy Commission : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार और राज्य मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। मोदी नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक में कहा कि विकास की गति बढ़ाने की जरूरत है। नीति आयोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। नीति आयोग का शीर्ष निकाय शासी परिषद की बैठक का विषय ‘2047 में विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ है। मोदी ने कहा, ‘विकसित भारत हर भारतीय का लक्ष्य है। जब हर राज्य विकसित होगा तो भारत विकसित होगा। यह इसके 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है।’ परिषद में सभी मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष हैं। मोदी ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य हर राज्य को विकसित, हर शहर को विकसित, हर नगर पालिका को विकसित और हर गांव को विकसित बनाना होना चाहिए। अगर हम इस दिशा में काम करेंगे तो हमें विकसित भारत बनने के लिए 2047 तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।’
एक पर्यटन गंतव्य विकसित करें
मोदी ने सुझाव दिया, ‘राज्यों को अपने-अपने यहां सभी सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के साथ वैश्विक मानकों के अनुरूप कम-से-कम एक पर्यटन गंतव्य विकसित करना चाहिए।’ ‘एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य’ का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए। इससे पर्यटन गंतव्य के रूप में आस-पास के शहरों के विकास का रास्ता साफ होगा।‘भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, ऐसे में हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। वृद्धि, नवोन्मेष और पर्यावरण अनुकूल पहल भारत के शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए।’
कार्यबल में महिलाओं को शामिल करें
मोदी ने कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
‘हमें ऐसे कानून और नीतियां बनानी चाहिए, जिससे उन्हें कार्यबल में सम्मानपूर्वक एकीकृत किया जा सके।’ ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के साथ पहली बड़ी बैठक है।