Paraolympic
- -पेरिस पैरा-ओलंपिक के रजत पदक विजेता हैं योगेश
- -शहर में रोड शो निकालने के बाद किया भव्य अभिनंदन
Paraolympic : बहादुरगढ़। टोक्यो पैरा-ओलंपिक और चीन एशियाड के बाद पेरिस पैरा-ओलंपिक में भी रजत पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाने वाले योगेश कथूनिया का रविवार को बहादुरगढ़ में भव्य स्वागत किया गया। डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक) स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतने वाले योगेश ने शहर में रोड शो निकाला। इस दौरान नायब तहसीलदार रविंद्र कुमार ने प्रशासन की ओर से उनका अभिनंदन किया। टोक्यो पैरा-ओलंपिक में रजत पदक जीतने के बाद बहादुरगढ़ के योगेश कथूनिया ने चीन में हुए पैरा-एशियन गेम्स में भी रजत पदक जीता था। अब योगेश ने पेरिस पैरा-ओलंपिक में भी पुरुषों के एफ-56 चक्का फेंक स्पर्धा में 42.22 मीटर दूरी फैंककर सिल्वर मेडल जीता।
कई पदक जीते
एक के बाद एक कई रजत पदक जीतने के बाद सिल्वरमैन के नाम से मशहूर योगेश के घर लौटने पर रविवार को बहादुरगढ़ वालों ने नाच-गाकर जश्न मनाया। शहर के प्रमुख मार्गों पर रोड शो निकालने के बाद ओम गार्डन में उनका अभिनंदन किया। नायब तहसीलदार रविंद्र शर्मा ने योगेश कथूनिया का स्वागत करते हुए झज्जर जिले का नाम विश्व पटल पर रोशन करने के लिए आभार जताया। उन्होंने इस शानदार उपलब्धि के लिए योगेश के पिता ज्ञानचंद कथूनिया, मां मीना देवी, राजेंद्र चौहान व पूजा रानी सहित परिवार के सभी सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
9 साल की उम्र में हुआ पैरालाइसिस
महज 9 वर्ष की आयु में पैरालाइसिस का शिकार हुए योगेश की मां मीना देवी ने फिजियोथेरेपी सीखी और अपने बेटे को फिर से चलने में मदद की। योगेश ने ग्रेजुएशन के दौरान डिस्कस थ्रो को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने योगेश के उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दौरान योगेश कथूनिया ने कहा कि देश के लिए मेडल जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है और मेडल जीतने के बाद बेहद अच्छा लग रहा है। अब उनका अगला लक्ष्य मेडल का रंग बदलना है, जिसके लिए वे निरंतर अभ्यास करेंगे।
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