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Paraolympics : पैरालंपिक में टूटे सभी रिकॉर्ड, छाए भारतीय खिलाड़ी

गोल्ड विजेता सुमित आंतिल।गोल्ड विजेता सुमित आंतिल।

Paraolympics

  • 29 पदकों के साथ देश लौट रही भारतीय टीम
  • ट्रैक एंड फील्ड में सबसे ज्यादा 17 मेडल भारत को मिले
  • भारत ने कुल 29 पदक जीते जिसमें सात स्वर्ण जो देश के लिए पहली बार
  • कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने रिकाॅर्ड तोड़ मंच पर जगह बनाई
  • अधिकांश स्थापित नाम उम्मीदों पर खरे उतरे
  • देश पदक तालिका में शीर्ष बीस में शामिल रहा

Paraolympics : पेरिस। पेरिस पैरालंपिक का रविवार को समापन हो गया। भारतीय दल ने कुल 29 पदक जीतकर टोक्यो का रिकॉर्ड तोड़ दिया। तीन साल पहले भारत ने 19 पदक जीते थे। अब देश ने पैरा खेलों के इतिहास में अपने सबसे ज्यादा पदक जीत लिए हैं। इनमें सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य शामिल हैं। दिव्यांग लेकिन असाधारण रूप से दृढ़ भारत के पैरा एथलीट को अपने पैरालंपिक अभियान पर गर्व महसूस होगा क्योंकि अधिकांश स्थापित नाम उम्मीदों पर खरे उतरे और कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने अपने ही रिकॉर्ड तोड़ 29 पदक जीतकर बड़े मंच पर अपनी जगह बनाई। भारत ने कुल 29 पदक जीते जिसमें से सात स्वर्ण हैं जो देश के लिए पहली बार हुआ है। भारत ने 2016 के चरण में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू की थी जिसमें देश के पैरा एथलीट चार पदक जीत सके थे। इसके बाद उनका प्रदर्शन शानदार होता चला गया जिससे तोक्यो में पैरा खिलाड़ियों ने 19 पदक जीते। पांच खेलों में कुल 29 पदकों से केवल ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में ही 17 पदक मिले जिसने सुनिश्चित किया कि देश इन खेलों में शीर्ष 20 में शामिल रहा।

भारत एक ताकत के रूप में उभरा

पैरालंपिक में एक बार फिर चीन का दबदबा रहा जिसने 200 से ज्यादा पदक जीते। भारत अब भी ओलंपिक स्तर पर एक ताकत बनने से बहुत दूर है लेकिन दिव्यांगों की प्रतियोगिता में उभरा है।

ट्रैक और जूडो में अप्रत्याशित पदक

पैरालंपिक इतिहास में ट्रैक स्पर्धाओं सहित कई पहले स्थान सुनिश्चित किए जिसमें धावक प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर टी35 और 200 मीटर टी35 श्रेणी में कांस्य पदक जीता। टी35 वर्ग उन खिलाड़ियों के लिए है जिनमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसे विकार होते हैं। प्रीति के पैर जन्म से कमजोर थे और बड़े होने पर उनकी स्थिति और खराब होती गई।

सुमित और अवनि ने खिताब बरकरार रखा

कई स्पर्धाओं में पहली बार पदक आए तो वहीं भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल और निशानेबाज अवनि लेखरा सहित कुछ खिलाड़ियों से काफी उम्मीदें थीं जिन्होंने टोक्यो में स्वर्ण पदक जीता था। सुमित का बायां पैर एक दुर्घटना के बाद काटना पड़ा था। उन्होंने लगातार दूसरी बार भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर अपना ही पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ दिया जबकि व्हीलचेयर पर रहने वाली राइफल निशानेबाज लेखरा ने एयर राइफल एसएच1 फाइनल में दबदबा बनाया।

कुमार नितेश भी पीछे नहीं

बैडमिंटन कोर्ट से भी कुमार नितेश ने एक स्वर्ण पदक जीता।
जिन्होंने एक रोमांचक फाइनल में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराया। नितेश ने भी एक ट्रेन दुर्घटना के बाद अपना पैर खो दिया था। उन्होंने आईआईटी-मंडी से स्नातक की पढ़ाई के दौरान बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। भारत अगर पैरा तैराकों का एक पूल बना ले तो शीर्ष 10 में जगह बनाने की उम्मीद रख सकता है क्योंकि पेरिस में केवल एक तैराक ने देश का प्रतिनिधित्व किया। वहीं शीर्ष पर रहे चीन ने तैराकी में 20 स्वर्ण सहित 54 पदक जीते।

 

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