Navratri
- गुप्त नवरात्र 30 जनवरी से 7 फरवरी तक चलेंगे
- गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती
- दस महाविद्याओं की पूजा करने से मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती
Navratri : कुरुक्षेत्र। कॉस्मिक एस्ट्रो, पिपली कुरुक्षेत्र के डायरेक्टर व श्रीदुर्गा देवी मंदिर के पीठाधीश डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि माघ माह में गुप्त नवरात्रि का आयोजन विशेष रूप से किया जाता है। गुप्त नवरात्र 30 जनवरी, गुरुवार से प्रारंभ होंगे और इनका समापन 7 फरवरी, शुक्रवार को होगा। यह नवरात्रि माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक मनाई जाती है। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। यह विशेष नवरात्रि उन साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखते हैं। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। दस महाविद्याएं इस प्रकार से हैं- काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी या कमला। दस महाविद्याओं की पूजा करने से मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं और जीवन के सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है। वर्ष 2025 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 9:25 से 10:46 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 से 12:56 बजे तक रहेगा। इन शुभ मुहूर्तों में घटस्थापना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ, श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ, मां दुर्गा की प्रात: और सायं में आरती करने से और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। मां दुर्गा को ताजे पान पर लौंग, इलायची व सुपारी के साथ पर्याप्त मात्रा में मिष्ठान, मखाने और सिक्के अर्पित करें। मिष्ठान, मखाने और सिक्कों को छोटी कन्याओं में वितरित कर दें। आर्थिक लाभ होगा, ऐसा मान्यताएं कहती हैं।
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