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Mahakumbh : 30 मौतों के बाद कुंभ स्नान का सिस्टम बदला, गाडि़यां बैन, वीआईपी पास रद

प्रयागराज में उमड़ रही भारी भीड़।प्रयागराज में उमड़ रही भारी भीड़।

Mahakumbh

  • प्रशासन ने किए कई बदलाव, न्यायिक जांच आयोग ने शुरू किया काम, टीम शुक्रवार को जाएगी घटनास्थल
  • प्रयागराज में दो सीनियर आईएएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति
  • पांच सचिव स्तर के पदाधिकारियों को भेजा गया प्रयागराज
  • शहर में कई रास्ते किए गए वन वे, 4 फरवरी तक रहेगा प्रतिबंध

Mahakumbh : महाकुंभनगर। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 में संगम तट पर हुई भगदड़ और दुखद मौतों के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए बड़े बदलाव लागू किए हैं। प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और चौकस किया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें कई निर्देश जारी किए। इधर, प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए उमड़ी भीड़ में मंगलवार देर रात मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग ने गुरुवार को अपना काम शुरू कर दिया। आयोग के सदस्य शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि महाकुंभ हादसे की जांच के लिए गठित तीन सदस्य न्यायिक आयोग ने अपने गठन के अगले ही दिन काम शुरू कर दिया है। आयोग के तीनों सदस्य आज लखनऊ के जनपथ स्थित अपने कार्यालय पहुंचे। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हर्ष कुमार ने बताया, जांच को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना है इसलिए हमने घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कार्यभार संभाल लिया है।” उन्होंने कहा, हमारे पास एक महीने का समय है, लेकिन फिर भी हम जांच को तेजी से पूरा करने की कोशिश करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या आयोग के सभी तीन सदस्य घटना के अलग-अलग पहलुओं की जांच करेंगे या उनमें कैसा समन्वय होगा, न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, हम इन पर आपस में चर्चा करेंगे। अभी विस्तार से नहीं बता सकते। आयोग के अध्यक्ष ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत भी की। उन्होंने कहा, शुक्रवार हम निरीक्षण करने और घटना के संभावित कारणों और परिस्थितियों का विश्लेषण करने के लिए घटनास्थल पर जाएंगे। हम सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करेंगे। इस दौरान आयोग के बाकी सदस्य वी.के. गुप्ता (सेवानिवृत्त आईएएस) और डी.के. सिंह (सेवानिवृत्त आईपीएस) भी मौजूद थे। न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने कहा, सबसे पहले हमें कारणों की जांच करनी होगी। मूल कारण की पहचान करने के बाद ही समाधान निकलेगा। शुरुआत में हम कारणों को समझने पर ध्यान केंद्रित करेंगे और फिर भविष्य के लिए निवारक उपाय सुझाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने काफी व्यवस्था की थी, इसके बावजूद यह घटना हो गई। उनके मुताबिक, घटना के कारणों को देखना होगा तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

प्रमुख बदलाव

-प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में अब सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
-किसी भी विशेष पास के जरिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में वाहनों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
-महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा मार्ग व्यवस्था लागू की गई है।
-प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है। उन्हें एक अंतराल के बाद आगे जाने के लिए छोड़ा जा रहा है।
-प्रयागराज शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी। यह प्रतिबंध 4 फरवरी तक लागू रहेगी।

फिर आग, 15 टेंट खाक

महाकुंभ मेले में सेक्टर 22 के बाहरी क्षेत्र में चमनगंज चौकी के पास गुरुवार को एक टेंट में आग लग गई। इसकी चपेट में आकर 15 टेंट जलकर खाक हो गए। इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। सेक्टर 22 के बाहर चमनगंज पुलिस चौकी क्षेत्र में आज दोपहर आग लगने की सूचना प्राप्त हुई थी। आग को पूरी तरह से बुझा लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई और ना ही कोई घायल हुआ।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

महाकुंभ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक गाइडलाइंस जारी करने और नियमों के अमल की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसके एक दिन बाद गुरुवार को एडवोकेट विशाल तिवारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद-32 के तहत रिट दाखिल किया गया और भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने और लोगों के जीवन की रक्षा की मांग की गई है। अनुच्छेद-21 के तहत लोगों को संविधान में जीवन व स्वच्छंदता का अधिकार मिला हुआ है, जिसके प्रोटेक्शन की गुहार लगाई गई है।

 

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