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Mahakumbh : महाकुंभ में दिखेंगे अध्यात्म के कई रंग, पौष पूर्णिमा पर स्नान के साथ शुरू होगा ‘आस्था का महाकुंभ’

महाकुंभ का भव्य आगाज सोमवार से।महाकुंभ का भव्य आगाज सोमवार से।

Mahakumbh

  • प्रयागराज में संगम की रेती पर लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा
  • गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर 45 दिन चलेगा महाकुंभ
  • महाकुंभ का यह संस्करण 12 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है
  • संतों का दावा, इस आयोजन के लिए खगोलीय परिवर्तन और संयोजन 144 वर्षों के बाद हो रहे हैं जो इस अवसर को और भी ज्यादा शुभ बना रहे

Mahakumbh : प्रयागराज। प्रयागराज में संगम की रेती पर लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा यानी महाकुंभ सोमवार को पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पहले प्रमुख स्नान अनुष्ठान के साथ शुरू हो जाएगा। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर होने वाले आस्था के इस महा आयोजन में अगले 45 दिनों के दौरान अध्यात्म के अनेक रंग बिखरेंगे। महाकुंभ का यह संस्करण 12 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है। हालांकि संतों का दावा है कि इस आयोजन के लिए खगोलीय परिवर्तन और संयोजन 144 वर्षों के बाद हो रहे हैं जो इस अवसर को और भी ज्यादा शुभ बना रहे हैं। शायद इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार को भरोसा है कि इस बार महाकुंभ में 35 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। श्रद्धालुओं का आंकड़ा अभी से इस महाकुंभ की आध्यात्मिक भव्यता की कहानी बयान कर रहा है। एक अनुमान के मुताबिक महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत से दो दिन पहले शनिवार को रिकॉर्ड 25 लाख लोगों ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। अधिकारियों के मुताबिक, ‘यह एक भव्य महाकुंभ होगा, जिसमें दिव्यता और आध्यात्मिकता के साथ-साथ आधुनिकता भी दिखाई देगी क्योंकि यह एक तरह का ‘डिजी-कुंभ’ भी होगा जिसमें एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा।’

प्रयागराज पूरी तरह से तैयार

प्रयागराज इस भव्य अवसर के लिए पूरी तरह से तैयार है और यह शहर दुनिया भर से संतों, तीर्थयात्रियों, भक्तों और आम जनता के लिये भी पलकें बिछाये है। सभी का लक्ष्य आध्यात्मिक उत्साह में सराबोर होना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा के दौरान हाल ही में कहा था कि सोमवार 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाला महाकुंभ भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को वैश्विक स्तर पर प्रमुखता प्रदान करेगा। ”महाकुंभ भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है।

10,000 एकड़ क्षेत्र भव्य नजारा

महाकुंभ का यह संस्करण एक भव्य, दिव्य और डिजिटल रूप से उन्नत आयोजन होगा। लगभग 10,000 एकड़ क्षेत्र में होने जा रहा यह आयोजन स्वच्छता, सुरक्षा और आधुनिकता के लिए एक अनुकरणीय मानक स्थापित करेगा। श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाने के लिए डिजिटल पर्यटक मानचित्र से शौचालयों की सफाई की निगरानी की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा स्मार्टफोन के साथ एकीकृत एआई-संचालित प्रणाली सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। ® उन्होंने यह भी कहा था कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक भी है। महाकुंभ के दौरान आयोजन स्थल दुनिया के सबसे बड़े अस्थायी शहर में तब्दील हो जाता। इसमें एक बार में 50 लाख से एक करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार महाकुंभ मेला क्षेत्र में 55 से अधिक थाने स्थापित किये गये हैं और लगभग 45 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखने से सम्बन्धित परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। विभिन्न संप्रदायों के संतों के 13 अखाड़े इस महाकुंभ में भाग ले रहे हैं, जो सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

https://vartahr.com/mahakumbh-many-c…on-paush-purnima/ ‎

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