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Mahakumbh : उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, 1.60 करोड़ ने लगाई आस्था की डुबकी

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  • -पौष पूर्णिमा के अमृत स्नान के साथ महाकुंभ मेले का भव्य आगाज\
  • ‘हर-हर महादेव, जय श्री राम’ के जयघोष से गूंजी प्रयागराज नगरी
  • महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक
  • 44 घाटों पर स्नान, हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए
  • सुरक्षा के कड़े इंतजाम, एनएसजी कमांडो रख रहे नजर

Mahakumbh : महाकुंभ नगर। पौष पूर्णिमा के अमृत स्नान के साथ ही महाकुंभ मेला सोमवार से प्रारंभ हो गया। पौष पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मेला प्रशासन के मुताबिक, सोमवार को शाम चार बजे तक 1.60 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना व अज्ञात सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी श्रद्धालुओं, संत महात्माओं, कल्पवासियों और आगंतुकों का स्वागत करते हुए महाकुंभ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक बताया। पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए तीर्थ पुरोहित राजेंद्र मिश्र ने बताया कि पौष माह के शुक्ल पक्ष के 15वें दिन पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान से सभी तरह के पाप मिट जाते हैं। “पौष पूर्णिमा के साथ एक महीने तक चलने वाला कल्पवास भी प्रारंभ हो गया। इस दौरान लोग एक माह तक तीनों समय गंगा स्नान कर एक प्रकार का तप वाला जीवन व्यतीत करते हैं और भगवान के भजन गाते हैं।”

संतों से लिया आशीर्वाद

मेला क्षेत्र में स्नान के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ ने अखाड़ों में नागा साधुओं का आशीर्वाद लिया। सेक्टर-16 में स्थित किन्नर अखाड़ा में भी भारी संख्या में लोग किन्नर संतों का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। राजस्थान के बालोत्रा जिले से 11 लोगों की टोली लेकर किन्नर अखाड़ा पहुंचे दिलीप कुमार ने बताया कि वह पहली बार इस मेले में आए हैं और किन्नर अखाड़ा का बोर्ड देखकर अपने साथियों के साथ यहां पहुंचे हैं। किन्नर अखाड़ा में साधु-संतों को सनातन धर्म का प्रचार करते देख अच्छा लग रहा है। यह समाज काफी समय से उपेक्षित रहा, लेकिन कुंभ ने इन्हें संत के रूप में अपनाया, जो सराहनीय है।

भारतीय मूल्यों को संजोने वालों के लिए बहुत खास दिन : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, भारतीय मूल्यों और संस्कृति को धारण करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक विशेष दिवस महाकुंभ 2025 प्रयागराज में प्रारंभ हो चुका है, जहां असंख्य लोग आस्था, समर्पण और संस्कृति के एक पवित्र संगम में एकत्र हो रहे हैं। महाकुंभ भारत की सनातन विरासत का प्रतीक है। यह भारतीय मूल्यों को संजोने वालों के लिए बहुत खास दिन है। “मैं असंख्य लोगों के वहां आकर डुबकी लगाते और संतों का आशीर्वाद लेते देखकर अभिभूत हूं। सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के शानदार प्रवास की कामना करता हूं।”

3700 लोग अपनों से बिछड़ें

सभी 44 घाटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। भक्तों पर हेलीकॉटर से फूलों की वर्षा की गई। महाकुंभ 144 साल में दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है। यह वही संयोग है, जो समुद्र मंथन के दौरान बना था। देश के कोने-कोने से भक्त प्रयागराज आए हैं। भीड़ इतनी है कि 3700 लोग अपनों से बिछड़ गए। बाद में खोया-पाया केंद्र से अनाउंसमेंट कर ज्यादातर लोगों को उनके परिवार वालों से मिलवाया गया।

हेलीकॉप्टर से नजर

हेलीकॉप्टर और एनएसजी कमांडो महाकुंभ में आए लोगों पर नजर रख रहे हैं। विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी तादाद में कुंभ में स्नान करने पहुंचे। प्रशासन के मुताबिक, जर्मनी, ब्राजील, रूस समेत 20 देशों से भक्त पहुंचे हैं। सोमवार से ही श्रद्धालुओं ने 45 दिन का कल्पवास भी शुरू कर दिया।

मेले की खास बातें

-एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ पहुंचीं। उन्होंने निरंजनी अखाड़े में अनुष्ठान किया। कल्पवास भी करेंगी। उन्होंने कहा कि वह आत्म शुद्धि के महाकुंभ में आई हैं।

-ब्राजील से आए श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने कहा-मैं योग का अभ्यास करता हूं। मोक्ष की खोज कर रहा हूं। भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। जय श्रीराम।

-महाकुंभ को लेकर गूगल ने भी खास फीचर शुरू किया। महाकुंभ टाइप करते ही पेज पर वर्चुअल फूलों की बारिश हो रही है।

 

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