Haryana News
- क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर करते रहे ठगी
- तीन साल में 100 से अधिक वारदातों को दिया अंजाम
- लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया
Haryana News : रेवाड़ी। साइबर थाना पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर चलाकर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने करीब 3 साल में ठगी की 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर लिया है। आरोपितों से 7 मोबाइल, लैपटॉप और कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पुलिस को दी शिकायत में फिदेड़ी निवासी अमित यादव ने बताया कि उसके मोबाइल पर एक कॉल आई थी। कॉल करने वाली महिला ने बताया कि वह आरबीएल बैंक से बोल रही है। उसकी मेल आईडी पर क्रेडिट कार्ड चार्जिज रिफंड करने का ओटीपी आया है। अमित ने मेल पर आया ओटीपी उसे बता दिया। इसके बाद उसके क्रेडिट कार्ड से 103300 रुपये का ट्रांजेक्शन हो गया। पुलिस ने 19 मई को केस दर्ज किया था।
ये आरोपित गिरफ्तार
जांच के बाद पुलिस टीम ने दिल्ली के विकास नगर निवासी अजीत मांझी, सैनिक विहार मोहन गार्डन निवासी संदीप, विकास नगर दिल्ली निवासी संजय उर्फ लल्ला और बिहार के गांव जगतपुर निवासी बिकास को गिरफ्तार किया है। अजीत साइबर ठगी का मास्टर माइंड है, जो महिला की आवाज में बात करते हुए क्रेडिट कार्ड धारकों को ठगी का शिकार बनाता रहा। संजय क्रेडिट कार्ड की फ्रेंचाइजीज में कार्य कर चुका है।
बिहार में कई लोगों के बैंक खाते किए यूज
आरोपितों ने बिहार के कई लोगों के बैंक खाते कमिशन बेस पर यूज किए। खाता धारकों को ठगी की रकम का 15 प्रतिशत कमिशन दिया जाता था। यह खाते बिहार निवासी बिकास उपलब्ध कराता था। बिकास दिल्ली निवासी अजीत मांझी का रिश्तेदार है। शेष रकम को आरोपित आपस में बांट लेते थे। रिमांड के दौरान पुलिस खाता धारकों का पता लगाकर उन्हें भी काबू करने का प्रयास करेगी।
संजय देता था क्रेडिट कार्ड की डिटेल
आरोपित संजय एक क्रेडिट कार्ड की फ्रेंचाइजीज शॉप पर कार्य करता था। उसके पास क्रेडिट कार्ड के डाटा एकत्रित करने का महारत होने के कारण वह क्रेडिट कार्ड की डिटेल एक एप पर एकत्रित करता था। इस डिटेल के सहारे अजीत क्रेडिट कार्ड धारकों के पास लड़की की आवाज में बात करता था। संजय क्रेडिट कार्ड धारकों की ट्रांजेक्शन गतिविधियों पर भी पूरी नजर रखता था। पूरी स्टडी करने के बाद ही कार्ड धारक को जाल में फंसाने की प्रक्रिया शुरू की जाती थी।
हम जांच कर रहे
साइबर थाना एसएचओ फूल कुमार की टीम ने कड़ी मेहनत की है। उनके नेतृत्व में एसआई नितिश कुमार ने कई दिनों तक गिरोह की गतिविधियों को रीड किया। इसके बाद ही आरोपितों को काबू किया है। हम जांच कर रहे कई और मामलों का खुलासा होगा।
-डा. रविंद्र कुमार, डीएसपी।