Haryana
- प्रशासन की चेतावनी के बाद भी नहीं मान रहे किसान
- रिकॉर्ड में रेड एंट्री होने पर दो सीजन मंडियों में फसल नहीं बेच सकेंगे
- हरसेक ने सैटेलाइट से लोकेशन कृषि विभाग को भेजी
- एक्शन में कृषि अधिकारी, किसानों के खिलाफ कार्रवाई
Haryana : हरियाणा। हरियाणा में सरकार और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की चेतावनी के बाद भी किसान पराली जताने से बाज नहीं आ रहे हैं। सोमवार को पाराली जलाए जाने के कई मामले सामने आए हैं। प्रशासन ने 120 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं, जबकि 80 से अधिक किसानों के फार्म में रेड एंट्री की गई है। वहीं, 164 किसानों पर 4 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि रिकॉर्ड में रेड एंट्री हाेने के बाद किसान दाे सीजन तक मंडियों में फसल नहीं बेच सकेंगे। प्रशासन और सरकार लगातार किसानों को जागरूक कर रही है। इसके बावजूद भी पराली जलाने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। पराली में आग लगाने के मामले में अब तक हरसेक ने सैटेलाइट से 358 लोकेशन कृषि विभाग को भेजी हैं। पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।
अधिकारियाें को नोटिस
फतेहाबाद में फसल अवशेष प्रबंधन के तहत ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर 16 अधिकारियों व कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इनमें से 12 ग्राम स्तरीय नोडल अधिकारी व 3 खंड स्तरीय निगरानी अधिकारी व 1 खंड स्तरीय एएफएल कमेटी अधिकारी शामिल हैं।इसके अलावा राजस्व विभाग के 3 पटवारियों को भी ड्यूटी में लापरवाही बरतने बारे कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है।
कड़ी कार्रवाई होगी
डीडीए डॉ. राजेश सिहाग ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार खेतों में पराली जलाने की घटना में किसान या किसी भी व्यक्ति की संलिप्ता पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी।
ऐसे करें पराली प्रबंधन
प्रशासन ने किसानों से अपील भी की है कि वे अपने खेतों में धान की पराली की गांठ बनाकर गौशाला, बिजली प्लांट तथा पंचायती जमीन पर इसका भंडारण करके सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीम के तहत 1000 रुपये प्रति एकड़ का लाभ उठाएं। सरकार द्वारा जो 1000 रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया जाना है वह केवल उन्हीं किसानों को दिया जाएगा जो किसान विभाग के पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीहरियाणासीआरएम डॉट कॉम पर अपना पंजीकरण करेगा जिसकी अंतिम तिथि 30 नंबवर 2024 है।
मुख्य सचिव ने दिए कड़े निर्देश
हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता में प्रदेश के सभी उपायुक्तों व उप निदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के साथ विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम की समीक्षा बैठक की गई। इस बैठक में उपायुक्त मनदीप कौर, डीडीए डॉ. राजेश सिहाग आदि ने भी भाग लिया। बैठक में मुख्य सचिव ने पराली में आगजनी को गंभीरता से लेते हुए सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि जो भी किसान अपने खेतों में पराली में आगजनी करता है उन पर तुरंत एफआईआर दर्ज करवाकर सख्त कार्यवाही जाए।
इन जिलों में सबसे ज्यादा घटनाएं
जिला घटनाएं केस जुर्माना
फतेहाबाद 40 04 5750
जींद 49 15 95,000
कैथल 123 18 1,57,000
कुरुक्षेत्र 60 58 1,45,500
हिसार 35 11 —–
सोनीपत 40 04 12,500
https://vartahr.com/haryana-120-farm…e-than-rs-4-lakh/