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Haryana : वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट सर्वे के लिए 10 शहर चयनित

-अंकित लोहान, एक्सईएन, डीयूएलबी।-अंकित लोहान, एक्सईएन, डीयूएलबी।

Haryana

  • – केंद्र सरकार ने की तैयारी, शहरी स्वच्छता को बताया जरूरी
  • -स्ट्रैंथनिंग सेप्टिक टैंक और वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम का सर्वे होगा

Haryana : बहादुरगढ़। शहरी स्वच्छता की चुनौतियां कई तरह की हैं और इनकी उपेक्षा करना स्वच्छता के मोर्चे पर विफलता का बड़ा कारण बनता है। इसे समझते हुए केंद्र सरकार स्ट्रैंथनिंग सेप्टिक टैंक और वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम को लेकर सर्वे करवाया जाएगा। इस सर्वे के लिए हरियाणा के 10 शहरों का चयन किया गया है। बता दें कि स्वच्छता का सीधा संबंध मानव-स्वास्थ्य से है। यदि मानव-मल का प्रबंधन और उपचार ठीक तरीके से नहीं होता, तो इसका प्रतिकूल असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। बेशक मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के कारण लोगों में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर जागरूकता में वृद्धि हुई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि तेजी से शहरीकरण हो रहा है और स्वच्छता की अपेक्षित रणनीति विकसित नहीं हो रही।

स्वच्छता पर बहुत कम ध्यान दिया जा रहा

ढांचागत निवेश की तुलना में स्वच्छता पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। सीवर नेटवर्क के विकास और ठोस कचरा प्रबंधन आदि पर अधिक निवेश किए जाने की जरूरत है। एक रिपोर्ट की मानें तो 2011 की जनगणना के अनुसार केवल 32.7 प्रतिशत शहरी परिवार पाइप वाली सीवर प्रणाली से जुड़े हैं और 38.2 प्रतिशत परिवार अपने मल का निपटारा सेप्टिक टैंक और 7 प्रतिशत गड्ढा शौचालयों में करते हैं। इसका सही आंकलन करने के उद्देश्य से अब केंद्र सरकार ने स्ट्रैंथनिंग सेप्टिक टैंक और वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम को लेकर सर्वे करवाने का निर्णय लिया है।

इन शहरों का चयन

अब हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इस सर्वे के लिए 10 शहरों का चयन किया है। इन शहरों में फरीदाबाद, मानेसर, गुरुग्राम, इस्माइलबाद, पानीपत, सोनीपत, कुंडली, कालका, सढ़ौरा व बहादुरगढ़ शामिल हैं। निदेशालय की ओर से इन शहरों की सूची के साथ ही संबंधित नोडल अधिकारियों की सूची केंद्रीय मंत्रालय को भेज दी गई है।

कारगर व्यवस्था जरूरी

मानव-अपशिष्ट के उचित निपटान की अचूक और कारगर व्यवस्था की जानी जरूरी है। प्रस्तावित सर्वे के माध्यम से जानकारी जुटाई जाएगी कि कितना वेस्ट सीवरेज सिस्टम और कितना सेप्टिक टैंक के माध्यम से जाता है। इसके आधार पर सीवर नेटवर्क जैसी बुनियादी व्यवस्था विकसित की जा सकेगी। -अंकित लोहान, एक्सईएन, डीयूएलबी

https://vartahr.com/haryana-10-citie…anagement-survey/

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