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Flood :  पहाड़ों में बरसात थमने के बाद घग्गर के जलस्तर घटा, चांदपुर और रंगाई जैसे क्षेत्र बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील

Flood

  • -डीसी ने किया बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा
  • -अधिकारियों को अलर्ट रहने के दिए निर्देश
  • -चांदपुरा साइफन पर जलस्तर 8 हजार क्यूसिक से कम होकर 3150 क्यूसिक

Flood :  फतेहाबाद। पहाड़ों में बरसात थमने के बाद घग्गर के जलस्तर घट गया है। चार दिन पूर्व से यहां चांदपुरा व गुहला चीका साइफन पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा था। शुक्रवार सुबह घग्गर जलस्तर रिकार्ड स्तर पर नीचे गिर गया। शुक्रवार को चांदपुरा साइफन पर जलस्तर 8 हजार क्यूसिक से कम होकर 3150 क्यूसिक रह गया, जिससे प्रशासन व तटबंधों पर बसे गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है। उधर, उपायुक्त मनदीप कौर ने शुक्रवार को चांदपुर साइफन और अन्य बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने अधिकारियोंक को सतर्कता बनाए रखने और राहत व बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त मनदीप कौर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे बाढ़ प्रबंधन से जुड़ी सभी तैयारियों को समयबद्ध रूप से पूरा करें और किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए निरंतर सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति पूर्णत: नियंत्रण में है, लेकिन एहतियात के तौर पर हर स्तर पर तैयारियां सुनिश्चित की जा रही हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना बिना विलंब के किया जा सके। पिछली बार बाढ़ से प्रभावित रहे गांव का दौरा करते हुए उपायुक्त ने बीडीपीओ और पंचायत द्वारा गांव के चारों ओर बाढ़ से बचाव के लिए किए गए प्रबंधों की सराहना की।

चांदपुर और रंगाई जैसे क्षेत्र बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील

इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पिछली बार प्रभावित रहे गांवों में इस बार एहतियातन बांध निर्माण और मिट्टी के बैग भरने का कार्य भी किया जा रहा है। पिछली बाढ़ के दौरान कई वर्षों की तुलना में सर्वाधिक जलस्तर दर्ज किया गया था, जिसे प्रशासन ने समय रहते प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस बार भी प्रशासन पूरी तैयारी, सतर्कता और समन्वय के साथ स्थिति पर पूर्ण रूप से नियंत्रण बनाए रखेगा। उन्होंने आमजन से भी अपील की कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें, तटबंधों के पास अनावश्यक रूप से न जाएं तथा किसी भी प्रकार की अनावश्यक गतिविधियों से बचें। चांदपुर और रंगाई जैसे क्षेत्र बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील हैं, जहां किसी भी समय जलप्रवाह तेज हो सकता है। ऐसी स्थिति में नागरिकों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।

टीमों को रखा गया अलर्ट मोड़ पर

डीसी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन सतर्क है और किसी भी आपात सूचना पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के एसडीएम के साथ समन्वय बनाए रखें और नियमित रूप से स्थिति की जानकारी साझा करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी अधिकारी बिना पूर्व अनुमति के अपने स्टेशन को नहीं छोड़ेगा तथा अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेगा। प्रशासन का लक्ष्य है कि जनजीवन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और हर नागरिक सुरक्षित रहे।

एसडीएम ने भी किया अनेक क्षेत्रों का दौरा

उपायुक्त द्वारा किए गए निरीक्षण और जारी निर्देशों की अनुपालना करते हुए एसडीएम प्रतीक हुड्डा ने भी नड़ैल, म्योंद खुर्द व कला, रंगाई नाला, रत्थाथेह तथा तलवाड़ा सहित अन्य संभावित प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से क्षेत्रीय स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक तैयारियों की समीक्षा की। एसडीएम ने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि उपायुक्त द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और फील्ड स्तर पर सभी व्यवस्थाएं समय रहते पूरी कर ली जाएं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो सके। इस मौके पर एसडीएम प्रतीक हुड्डा, सिंचाई विभाग के एसई राजेश कुमार, नायब तहसीलदार रोहित कौशिक, रसविंदर सिंह, एक्सईएन श्याम, एसडीओ संजीव सिंगला, महेन्द्र सिंह सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

पहाड़ों में बरसात थमने के बाद घग्गर के जलस्तर घटा

पहाड़ों में बरसात थमने के बाद घग्गर के जलस्तर घट गया है। चार दिन पूर्व से यहां चांदपुरा व गुहला चीका साइफन पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा था। शुक्रवार सुबह घग्गर जलस्तर रिकार्ड स्तर पर नीचे गिर गया। शुक्रवार को चांदपुरा साइफन पर जलस्तर 8 हजार क्यूसिक से कम होकर 3150 क्यूसिक रह गया, जिससे प्रशासन व तटबंधों पर बसे गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है। बता दें कि 29 जून को गुहला चीका में सुबह 6 बजे 4620 क्यूसिक पानी का बहाव दर्ज किया गया जबकि शाम को यहां पानी का बहाव 3850 क्यूसिक पानी का बहाव था। जबकि चांदपुरा में सुबह 800 व शाम को 900 क्यूसिक पानी का बहाव था। एक जुलाई को गुहला चीका में 23912 व चांदपुरा में 1300 क्यूसिक बहाव दर्ज किया गया। दो जुलाई को सुबह 6 बजे गुहलाचीका में 22176, खनौरी में 5800 व चांदपुरा में 3550 क्यूसिक पानी का बहाव था। दो जुलाई को शाम की रिपोर्ट के अनुसार गुहला चीका में 20020, खनौरी में 6000 तो चांदपुरा में रिकार्ड स्तर 5350 क्यूसिक पानी का बहाव दर्ज किया गया था। वीरवार को सुबह 6 बजे की रिपोर्ट के अनुसार गुहला चीका में 21252, खनौरी में 6050 व चांदपुरा में 8 हजार क्यूसिक बहाव दर्ज किया गया वहीं शाम को गुहला चीका में पानी कम होकर 19255 क्यूसिक रह गया जबकि खनौरी व चांदपुरा में वॉटर डिस्चार्ज 6050 व 8 हजार क्यूसिक ही चलता रहा।

हिम्मतपुरा, नन्हेड़ी, पूर्ण माजरा, हैदरवाला व मामूपुर में मिट्टी के सैंकड़ों बैग तैयार

खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी हनीश कुमार के नेतृत्व में टोहाना ब्लॉक के 7 गांवों में घग्गर के तटबंधों को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। शुक्रवार को स्वयं खंड पंचायत अधिकारी हनीश कुमार ने विभिन्न गांवों का निरीक्षण करते हुए स्थिति का जायजा लिया। विभाग के अनुसार मनरेगा मजदूरों द्वारा हिम्मतपुरा में 1500 बैग, गांव नन्हेड़ी में 900, पूर्णमाजरा में 350, हैदरवाला में 400, मामूपुर में 200 व हिंदलवाला में 400 बैग मिट्टी के भर दिए गए है, जिसे घग्गर नदी के किनारों पर लगाया गया है ताकि जलस्तर बढऩे पर स्थिति से निपटा जा सके। आपको बता दे कि पहले भी वर्ष 2023 में जब घग्गर का जलस्तर बढ़ गया था तो हिम्मतपुरा, पूर्णमाजरा, सहित अनेक गांवों के खेतों में पानी घुस गया था जिससे फसलों को भी भारी नुकसान हुआ था।

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