Digital Arrest
- ट्राई के नाम पर सीबीआई, ईडी का नोटिस भेजकर डराया
- 12 दिन के अंदर आरोपित तक पहुंची पुलिस, महाराष्ट्र के अपने गृहग्राम में छिपा था
Digital Arrest : भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई में डिजिटल अरेस्ट का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में रुआबांधा निवासी इंद्र प्रकाश कश्यप को ट्राई के नाम पर ईडी का अधिकारी बनकर ब्लैकमेल किया गया। इसके बाद उससे वाट्सएप पर ईडी, सीबीआई का नोटिस और सुप्रीम कोर्ट से जारी फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेजकर 49 लाख रुपए ऐंठ लिए गए। इस धोखाधड़ी के बाद पुलिस विभाग केे भी हाथ-पैर फूल गए। इस प्रकार राष्ट्रीय जांच एजेंसियों के नाम पर ब्लैकमेलिंग का यह मामला एकदम नया था। इसमें वाट्सएप पर लगाकार फोन कर पीड़ित को धमकाया गया। इसके बाद पैसे भी ले लियाा गया। इंद्र प्रकाश ने मामले की शिकायत 16 नवंबर को भिलाईनगर थाने में की। इसके बाद पुलिस ने अपराध दर्ज कर मामले में जांच शुरू की। बैंक डिटेल और मोबाइल नंबर खंगालने के बाद आरोपी औरंगाबाद महाराष्ट्र निवासी बापू श्रीधर पिता स्व. श्रीधर भराड़ (40) की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर उसे उसके गृहग्राम राहेगांव थाना वैजापुर जिला संभाजीनगर महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया। शुक्रवार को पुलिस के अधिकारियों ने इस पूरे मामले का खुलासा किया। इस दौरान एएसपी सुखनंदन राठौर, सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी, हेम प्रकाश नायक, निरीक्षक तापेश्वर नेताम, प्रशांत मिश्रा मौजूद थे।
सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट में प्रार्थी के 49 लाख ट्रांसफर कराए
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंद्र प्रकाश खड़गपुर स्टील कंपनी में वाइस प्रेसीडेंट हैं। आरोपी ने पहले उनकी रेकी की। इसके बाद वाट्सएप कॉल और मैसेज के माध्यम से संपर्क कर ट्राई, सीबीआई, ईडी के अधिकारी बनकर नोटिस भेजा। सुप्रीम कोर्ट का अरेस्ट वारंट भेजकर पैसों की डिमांड की। इसके बाद सीक्रेट सुपरविजन अकांउट में प्रार्थी से 49 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। पैसों को वेरिफाई करने के नाम पर यह पूरी धोखाधड़ी की गई। आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त बैंक खातें में रजिस्टर्ड सिम व मोबाइल फोन बरामद किया गया है। बहरहाल पुलिस इस मामले में आरोपी से पूछताछ कर रही है।
पुलिस ऐसे पहुंची धोखाधड़ी करने वाले आरोपी तक
पुलिस ने इंद्र प्रकाश के मोबाइल पर आने वाले वाट्सएप नम्बरों एवं बैंक अकाउंट के संबंध में जानकारी खंगालना शुरू किया। कॉल डिटेल निकाले।ठगी में उपयोग किए बैंक के खाते का स्टेटमेंट प्राप्त किया गया। जांच के बाद पता चला कि आरोपी बापू श्रीधर ने औरंगाबाद के आईसीआईसीआई बैंक के एक खाते का उपयोग किया गया था। इसके बाद पुलिस की एक टीम औरंगाबाद महाराष्ट्र भेजी गई। पता चला कि खाता का उपयोग वैष्णवी ऑटो स्पेयर, दिशा कॉमर्शियल काम्प्लेक्स बजाज नगर औरंगाबाद के नाम पर किया जा रहा है। उक्त कंपनी 04-05 वर्ष पूर्व संचालित थी। वर्तमान में कहीं और चले जाने का पता चला। इसके बाद टीम श्रीधर भराड़ के निवास का पता अक्षय तृतीया अपार्टमेंट बजार नगर पहुंची। जहां स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। अंततः टीम ने बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल फोन के आधार पर आरोपी बापू श्रीधर को ट्रेस कर लिया। उसकी गांव पहुंची, जहां से आरोपी को पकड़ लिया गया। पुलिस फिलहाल अन्य आरोपियों के बारे में पतासाजी कर रही है।
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