Haryana Cabinet
- महिला कर्मचारियों की आकस्मिक छुट्टी बढ़ाई
- एसीबी का नाम बदला, एचसीएस अधिकारी जबरन रिटायर
- कैबिनेट बैठक में 33 एजेंडे रखे, 32 को मंजूरी, भूमि खरीद नीति को मंजूरी दी
- महिला कर्मचारियों की आकस्मिक छुट्टी 20 दिन से बढ़ाकर 25 दिन की
- एक हजार से 3000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि मिलेगी
- एक अगस्त से यूनिकफाइड पेंशन लागू होगी
Haryana Cabinet : चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को कई अहम फैसले लिए गए। प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, महिलाओं और शहीदों के परिजनों को कई सौगात दी। कर्मचारियों के लिए मिनिमम पेंशन तय कर दी। पेंशन के लिए यूपीएस योजना शुरू की गई है। इससके तहत अब न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। किसी सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उनके परिजनों को 2 साल तक सरकारी मकान खाली नहीं करना पड़ेगा और परिवार को 2 साल के लिए आवास भत्ता मिलेगा। महिला कर्मचारियों के लिए आकस्मिक अवकाश 20 दिन से बढ़ाकर 25 दिन कर दिया गया है। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का नाम बदलकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो करने पर भी मुहर लगा दी। इभूमि खरीद नीति को मंजूरी दे दी गई। बैठक में 8 शहीदों के आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नौकरी देने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा कैबिनेट ने एचसीएस अधिकारी अश्वनी कुमार को जबरन रिटायर करने का फैसला लिया है। इस अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इस संबंध में विभागीय कार्रवाई चल रही है। जल्द ही इसके ऑर्डर जारी कर दिए जाएंगे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पत्रकारों को बताया कि कैबिनेट मीटिंग में 33 एजेंडे रखे गए थे, जिसमें से 32 को स्वीकृति दी गई है।
भूमि खरीद नीति-2025 को मंजूरी
सीएम सैनी ने बताया कि भूमि खरीद पॉलिसी 2025 को मंजूरी दी गई है। विकास परियोजनाओं के लिए सरकारी विभागों, बोर्ड एवं निगमों तथा सरकारी कंपनियों को स्वेच्छा से दी जाने वाली भूमि खरीद नीति 2025 को मंजूरी मिली है। भूमि के एकत्रीकरण के लिए एग्रीगेटर्स को प्रोत्साहन देने और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उनके पंजीकरण से संबंधित प्रावधानों को इस नीति में शामिल किया गया है। भूमि मालिक अपनी भूमि की पेशकश करके और उसका अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। भूमि मालिक अपने हिस्से को आंशिक या पूर्ण रूप से बेच सकता है, जिसका पहले की नीति में प्रावधान नहीं था। सड़क परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण भी किया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई मॉडल को अपनाने पर विचार किया जाएगा।
1000 से 3000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि
इसके अलावा, प्रस्तावित भूमि तक 5 करम का पहुंच मार्ग (एप्रोच रोड) सुनिश्चित करने का प्रावधान किया है। एग्रीगेटर को सुविधा शुल्क कुल लेनदेन लागत का 1 प्रतिशत और दो किस्तों में दिया जाएगा। एग्रीगेटर को 70 प्रतिशत या उससे अधिक जमीन इकट्ठा करने पर 1000 रुपये से 3000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। भारत सरकार के विभाग एवं निकाय भी अपनी विकास परियोजनाओं के लिए इस नीति के तहत भूमि खरीद की प्रक्रिया अपना सकेंगे।
सिविल सेवा नियम, 2016 में संशोधन
हरियाणा सिविल सेवा नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इसके तहत मृतक कर्मचारी के परिवार को 2 साल तक आवास सुविधा दी जाएगी। सेवा के दौरान सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर मृतक के परिवार को आवास भत्ता दो वर्ष तक दिया जाएगा। परिवार सामान्य लाइसेंस शुल्क का भुगतान कर दो साल तक आवास को बरकरार रख सकता है।
पेंशन नियमों में संशोधन
हरियाणा सिविल सेवा पेंशन नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है। ये नियम 19 जुलाई 2016 से प्रभावी माने जाएंगे। सेवानिवृत्ति के समय सरकारी कर्मचारी द्वारा क्मयूट की पेंशन की राशि को सेवानिवृत्ति की तिथि से 15 वर्ष पूर्ण होने पर पुनः बहाल कर दिया जाएगा। पहले 15 साल तक या जब तक ब्याज सहित कम्यूट की गई पेंशन राशि की रिकवरी हो जाए तब तक कटौती का प्रावधान था।
एकीकृत पेंशन योजना लागू
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत केंद्र द्वारा अधिसूचित एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लागू करने का ऐतिहासिक फैसला भी कैबिनेट में हुआ है। वैसे, यह योजना 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगी। 1 जनवरी, 2006 या उसके बाद सरकारी सेवा में आए 2 लाख से अधिक कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन का लाभ मिलेगा। यूपीएस के तहत 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से पहले 12 महीनों के दौरान प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत मिलेगी। 10 साल या अधिक वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद प्रति माह 10,000 का न्यूनतम गारंटी पेंशन मिलेगी।
नियमित महिला कर्मियों को 25 आकस्मिक अवकाश
नियमित महिला कर्मचारियों को प्रति वर्ष 20 के स्थान पर 25 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे। एचकेआरएन की अनुबंधित महिला कर्मचारियों को भी हर माह एक अतिरिक्त अवकाश मिलेगा।
महाविद्यालय नियमों में संशोधन किया गया
हरियाणा एफिलिएटेड महाविद्यालय नियमों में संशोधन किया गया है। अब सरकारी सहायता प्राप्त निजी प्रबंधित महाविद्यालयों के कर्मचारियों के मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों को भी पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा।
खनन और बागवानी विभाग में नए पद स्वीकृत
शहरी स्थानीय निकाय विभाग, खनन एवं भू-विज्ञान विभाग और बागवानी विभागों की रिपोर्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। रिपोर्ट में ,कुल पदों को हटाना, पदों के नाम बदलना, नए पद सृजित करना शामिल है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग में 31533 पद स्वीकृत हैं जो अब बढ़कर 36381 होंगे। रेशनलाइजेशन कमीशन ने खनन-भूविज्ञान विभाग में भी 216 नए पद सृजित करने का फैसला किया। बागवानी विभाग में 1100 नए पद सृजित होंगे।
आठ शहीदों के आश्रितों को नौकरी
बैठक में 8 शहीदों के आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नौकरी देने का निर्णय लिया गया है। अनुकंपा आधार पर युद्ध में शहीद हुए सैनिक/अर्ध सैनिक के आश्रित ग्रुप-बी, सी या डी पदों पर नियुक्ति के लिए पात्र हैं। बैठक में कन्या महाविद्यालय, खरखौदा (सोनीपत) को राज्य सरकार के अधीन करने की मंजूरी दी गई है।
फ्यूचर डिपार्टमेंट को मंजूरी
डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर की स्थापना को मंजूरी दी है। इस विभाग की स्थापना का उद्देश्य हरियाणा को भविष्य समर्थ बनाना है। यह विभाग हरियाणा की विजन 2047 नीति के अनुरूप एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और समावेशी विकास के लक्ष्य को साकार करने के लिए दीर्घकालिक रणनीतिक पहलों और समेकित नीति निर्माण के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
सैनिक परिवारों के लिए ऐलान
शहीद सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के बच्चों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना को कैबिनेट की मंजूरी। प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना से प्रेरित इस नई नीति के तहत कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को प्रतिवर्ष 60 हजार की छात्रवृत्ति दी जाएगी। स्नातक तक के विद्यार्थियों को 72 हजार प्रति वर्ष मिलेंगे। स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को 96 हजार प्रति वर्ष छात्रवृत्ति मिलेगी। इस नीति का उद्देश्य शहीद सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे उनका भविष्य उज्जवल और सुरक्षित बन सके। सरकार ने संकल्प पत्र में युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिक और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के बच्चों को छठी से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों को 60 हजार, स्नातक को 72 हजार और स्नातकोत्तर को 96 हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करने का संकल्प किया था। इस संकल्प को पूरा करते हुए मंत्रिमंडल की बैठक में छात्रवृत्ति योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। वर्ष 2006 -07 में भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों को तकनीकी और व्यावसायिक उच्च शिक्षा के लिए प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना आरम्भ की गई थी,जिसमें लड़कों को 2000 रूपये और लड़कियों को 2250 रूपये प्रति माह छात्रवृति मिलती थी जिसे 2019 -20 में बढ़ाकर 2500 और 3000 कर दिया। शहीद सैनिकों के साथ- अर्ध-सैनिकों के बच्चों को भी शामिल करते हुए ऐसी ऐतिहासिक छात्रवृति योजना लेकर आई है। छठी से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों को 60 हजार रुपये,स्नातक को 72 हजार ,स्नातकोत्तर को 96 हजार वार्षिक छात्रवृत्ति मिलेगी।
खनन एवं भूविज्ञान विभाग के नियम 2012 में संशोधन
मंत्रिमंडल की बैठक में खनन एवं भूविज्ञान विभाग के नियम 2012 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। संशोधन के तहत किसानों को दिए जाने वाले मुआवजा और रेट की प्रक्रिया को सरल किया है। स्टोन (पत्थर) और सैंड (रेत) की रॉयल्टी को बढ़ाया गया है। स्टोन की रॉयल्टी को ₹45 से बढ़कर ₹100 करने की स्वीकृति प्रदान की गई है जबकि sand की रॉयल्टी को ₹40 से बढ़कर ₹80 किया गया। अंतर राज्य खनिज के परिवहन के लिए ₹100 प्रति टन शुल्क लिए जाने को भी मंजूरी प्रदान की है।