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Patwari : पटवारियों का ट्रेनिंग टाइम 6 माह घटाया, प्रशिक्षण अवधि भी सेवा में शामिल होगी

सीएम नायब सैनी।सीएम नायब सैनी।

Patwari :

  • पंचकूला में नव नियुक्त पटवारियों के सम्मेलन में सीएम का ऐलान
  • सैनी बोले, पटवारी ईमानदारी के साथ जनता के काम करें
  • बिना खर्ची-पर्ची के नौकरी का अधिकार देने वाला पहला राज्य बना हरियाणा

Patwari : पंचकूला। चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने नव चयनित पटवारियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण की अवधि डेढ़ वर्ष से घटाकर एक वर्ष करने की घोषणा की। यानी अब पटवारियों का ट्रेनिंग टाइम छह माह कम हो गया है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा की अब से प्रशिक्षण की अवधि भी पटवारी की सेवा में शामिल होगी। विभाग में ज्वाइनिंग के दिन से ही पटवारी की सेवाएं शुरू हो जाएंगी। मुख्यमंत्री सैनी ने पंचकूला में आयोजित 2605 नव चयनित पटवारियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में यह ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने सभी पटवारियों से आह्वान करते हुए कहा कि वे सभी ईमानदारी और पारदर्शिता के पथ पर चलते हुए जनता के साथ संवाद स्थापित कर आम लोगों की समस्याओं का तत्परता से समाधान करने की दिशा में कार्य करें। साथ ही, विभाग की सभी प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाते हुए तकनीकी और प्रशासनिक नवाचारों को भी अपनाएं।

पूर्व सरकार पर हमला

पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार का बोलबाला था। लिस्ट जारी होने से पहले ही अखबारों की हेडलाइन बन जाती थी। ऐसी व्यवस्था से पात्र युवा नौकरी से वंचित रह जाता था। इस व्यवस्था को बदलने का काम वर्तमान राज्य सरकार ने किया है। आज प्रदेश में बिना खर्ची-पर्ची के गरीब परिवार का युवा मेरिट के आधार पर एचसीएस भर्ती हो रहा है। अब किसी भी युवा को नौकरी के लिए किसी एमएलए या मंत्री के दरबार में हाज़िरी नहीं लगानी पड़ती। वर्तमान सरकार ने नौकरियों में पारदर्शी भर्ती सिस्टम खड़ा करके युवाओं की मेहनत को सम्मान दिया है।

मुआवज़ा दिलवाने में पटवारी का दायित्व अहम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा जैसे अत्यधिक बारिश, ओलावृष्टि, सूखा आदि में किसानों को राहत प्रदान करने में पटवारी की बड़ी अहम भूमिका होती है। एक समय ऐसा भी था जब पात्र किसान को फसल नुकसान का मुआवज़ा नहीं मिलता था, जबकि अपात्र लोग मुआवज़ा ले जाते थे। आज के डिजिटलीकरण के युग में ड्रोन और सैटेलाइट की भी सुविधा है। फसल नुकसान की स्थिति में पटवारी का दायित्व है कि सही आंकड़े सरकार को दें, ताकि प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा समय पर मिल सके। पटवारियों को मिली यह जिम्मेदारी एक नौकरी नहीं बल्कि सेवा है।

https://vartahr.com/patwari-training…luded-in-service/

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