Haryana
- रिकार्ड स्तर पर पहुंचे नरमे के भाव, आल टाइम हाई
- किसानों की हुई बल्ले-बल्ले, बढ़ेगी आमदनी
- कभी गुलाबी सुंडी तो कभी सफेद मक्खी खा जाती थी नरमे की फसल
- अब पहली बार नरमा उत्पादक किसान फायदे में होंगे
Haryana : फतेहाबाद। प्रदेश में नरमे की अच्छी क्वालिटी व डिमांड के चलते नरमे के भाव आसमान छू रहे हैं। पिछले कई दशकों से इस बार नरमा 8,150 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर बिक रहा है जोकि बीते वर्ष से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है। ऐसे में नरमा उत्पादक किसानों की बल्ले-बल्ले हो रही है। बता दें कि इस बार फतेहाबाद में नरमा उत्पादक किसानों के 18 से 20 मन प्रति एकड़ उत्पादन हो रहा है। पिछले 12 सालों से ऐसा पहला हो रहा है कि यहां नरमे की अच्छी क्वालिटी की पैदावार निकल रही है। पिछले करीब 10 सालों से नरमा उत्पादक किसान हमेशा घाटे में रहे हैं। वजह थी कभी गुलाबी सुंडी, कभी सफेद मक्खी, कभी बाढ़ तो कभी बारिश की अत्याधिक कमी के कारण नरमे की फसल मर जाती थी। इस कारण नरमे की खेती भट्टू, भूना व नागपुर खंड के किसानों के लिए घाटे का सौदा बनकर रह गई थी। प्रदेश सरकार ने ऐसे किसानों को पिछले कई सालों से लगातार मुआवजा भी दिया है। अब बीमा कम्पनियों ने नरमा से जुड़ी अनेक शर्तें लगा दी थी, जिस कारण मुआवजा मिलना भी बंद होने के कगार पर है।
बढ़ रही थी धान की फसल
वर्ष 2023 में आई भयंकर बाढ़ से यहां नरमे की फसल डूबी तो इस साल भी डरे किसानों ने बिजाई कम की। बीते वर्ष जिले में 1 लाख 37 हजार 500 एकड़ भूमि में नरमे की बिजाई हुई थी तो इस साल यह कम होकर 1 लाख 13 हजार एकड़ ही रह गई। दरअसल हर साल घाटा आने से किसानों का नरमे की फसल से मोह भंग हो गया था। जिस कारण किसानों ने धान की फसल को बढ़ावा दिया। इस बार धान की फसल की जिले में साढ़े 3 लाख एकड़ में बिजाई हुई है। हालांकि प्रदेश सरकार ने भूजल बचाने के लिए फसल चक्र अपनाने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ सहयोग राशि की स्कीम भी चलाई थी, लेकिन वहां भी किसानों ने धान का मोह नहीं छोड़ा।
दशकाें बाद मिलेंगे अच्छे दाम
अब कई दशकों बाद यहां नरमे की क्वालिटी अच्छी आई तो इसके भाव 8150 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए जोकि बीते वर्ष से 1500 से 2 हजार रुपये ज्यादा है। बीते वर्ष यही नरमा 7500 रुपये के आसपास बिक रहा था। खास बात देखिए कि इस साल नरमा एसएसपी से भी ऊंचे दाम पर बिक रहा है। केन्द्र सरकार की नरमा खरीद एजेंसी सीसीआई यहां मण्डी में तभी खरीद करती है, जब नरमा एमएसपी से कम बिक रहा हो। इस साल अभी तक सीसीआई नरमा खरीदने के लिए मण्डी में नहीं आई। इसका एमएसएपी 7421 रुपये प्रति क्विंटल है। बता दें कि यहां नरमे की फसल की बिजाई वही किसान करते हैं जिनके पास अपना खुद का जमीन का पानी नहीं होता या जमीन बरानी मानी जाती है। फतेहाबाद में भट्टूकलां में सबसे ज्यादा नरमे की खेती होती है। उसके बाद नागपुर व भूना खंड आते हैं।
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